अपडेटेड 16 May 2025 at 09:46 IST

Boycott Turkey: व्यापारियों की आज CAIT बैठक, तुर्किये और अजरबैजान का बहिष्कार कर सकते हैं कारोबारी 

कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की अहम बैठक होने जा रहे हैं, पिछले दिनों भारतीय व्यापारियों ने तुर्किये और अजरबैजान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने के संकेत दिए हैं।

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तुर्किये
तुर्किये | Image: Pixabay

कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की अहम बैठक होने जा रहे हैं, पिछले दिनों भारतीय व्यापारियों ने तुर्किये और अजरबैजान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने के संकेत दिए हैं। ऐसे में बैठक में इन देशों के लगातार भारत विरोधी रवैये की निंदा करते हुए उनके उत्पादों के बहिष्कार पर विचार किया जाएगा। व्यापारिक संगठनों का कहना है कि राष्ट्रीय हित सर्वोपरि है और यदि जरूरत पड़ी तो तुर्की और अजरबैजान के सामान की भारत में बिक्री पर रोक लगाने की मांग की जाएगी।

दिल्ली समेत अलग अलग राज्यों के कारोबारी संगठनों की ओर से  मार्बल और परिधान समेत तुर्किये के बाकी उत्पादों के बहिष्कार किया जा रहे है, तुर्किये के कालीन, परिधानों से लेकर मार्बल और उसकी क्राकरी भी भारत में काफी पसंद की जाती है। ऐसे में उसके इस कारोबार को धक्का लगना तय है। कैट के महामंत्री और चांदनी चौक के सांसद प्रवीन खंडेलवाल के अनुसार तुर्किये जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में हर साल 20 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हो रही थी। यह वहां जाने वाले पर्यटकों में बड़ा हिस्सा है। अब उसे इस मद में भारी नुकसान उठाना होगा।

अजरबैजान जाने वाले पर्यटकों की संख्या भी बढ़ी

इसी तरह, अजरबैजान जाने वाले कुल पर्यटकों में 10 से 15 प्रतिशत भारतीय होते हैं। बहिष्कार की स्थिति में वहां आर्थिक मंदी हो सकती है। खंडेलवाल ने कहा कि इस आर्थिक नुकसान से तुर्किये और अजरबैजान पर भारत के प्रति अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने का दबाव बढ़ सकता है। जिस तरह भारत विरोधी चीन के उत्पादों को लेकर जागरूकता आई है। वह स्थिति तुर्किये और अजरबैजान मामले में भी देखने को मिलेगी। बहिष्कार को लेकर 16 मई को कैट की बैठक में रणनीति बनाई जाएगी।

धर्म के आगे तुर्किये भूल गया भारत  

स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक अश्विनी महाजन के मुताबिक तुर्किये संकट के समय में उसको भारत की उदार और समय पर की गई मानवीय सहायता को भूल गया है। फरवरी 2023 में आए विनाशकारी भूकंप के दौरान, भारत उन पहले देशों में से एक था जिसने आपरेशन दोस्त शुरू किया, जिसमें NDRF, सेना की मेडिकल टीमें, फील्ड अस्पताल और मेडिकल सप्लाई, जनरेटर, टेंट और कंबल सहित 100 टन से ज्यादा राहत सामग्री भेजी गई थी।

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 16 May 2025 at 06:54 IST