अपडेटेड 26 November 2025 at 21:23 IST

देशभर में 2,00,00,000 आधार नंबर अचानक क्यों हो गए बंद? जानिए UIDAI ने क्यों लिया इतना बड़ा फैसला, डाटाबेस से हटाया नाम

यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने मरे हुए लोगों के दो करोड़ से ज्यादा आधार नंबर डीएक्टिवेट कर दिए हैं, जो नेशनल आइडेंटिटी डेटाबेस की सबसे बड़ी सफाई की कोशिशों में से एक है।

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प्रतीकात्मक तस्वीर | Image: Aadhaar/X

यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने मरे हुए लोगों के दो करोड़ से ज्यादा आधार नंबर डीएक्टिवेट कर दिए हैं, जो नेशनल आइडेंटिटी डेटाबेस की सबसे बड़ी सफाई की कोशिशों में से एक है। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड IT की प्रेस रिलीज के मुताबिक, इस कदम का मकसद आधार रिकॉर्ड को सही रखना और पहचान का गलत इस्तेमाल रोकना है।

UIDAI ने कहा कि उसे रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया, राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों, पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम और नेशनल सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम से मरे हुए लोगों के बारे में जानकारी मिली है। अथॉरिटी भविष्य में वेरिफाइड डेथ डेटा शेयर करने के लिए बैंकों और दूसरे इंस्टीट्यूशन के साथ काम करने की भी योजना बना रही है।

अधिकारियों ने बताया कि आधार नंबर कभी किसी दूसरे व्यक्ति को नहीं दिया जाता है, इसलिए मौत के बाद इसे डीएक्टिवेट करना जरूरी है ताकि धोखाधड़ी या वेलफेयर बेनिफिट्स का गलत इस्तेमाल रोका जा सके।

'परिवार के किसी सदस्य की मौत की रिपोर्टिंग'

अथॉरिटी ने इस साल की शुरुआत में परिवारों के लिए प्रोसेस को आसान बनाने के लिए एक नई ऑनलाइन सर्विस शुरू की। "परिवार के किसी सदस्य की मौत की रिपोर्टिंग" फीचर अब 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए myAadhaar पोर्टल पर एक्टिव है जो सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं। UIDAI ने बताया कि बाकी राज्य और UT भी जल्द ही इस सिस्टम से जुड़ जाएंगे।

रिपोर्ट करने से क्या होगा?

इस प्रोसेस के तहत, परिवार का कोई सदस्य पोर्टल पर लॉग इन करता है, अपनी पहचान वेरिफाई करता है, और मरने वाले का आधार नंबर, डेथ रजिस्ट्रेशन नंबर और बेसिक डिटेल्स डालता है। UIDAI फिर डीएक्टिवेट करने से पहले जानकारी चेक करता है।

अथॉरिटी देश भर के आधार होल्डर्स से कह रही है कि डेथ सर्टिफिकेट मिलने के बाद वे अपने परिवार के सदस्यों की मौत की रिपोर्ट myAadhaar पोर्टल पर करें। UIDAI ने कहा कि समय पर रिपोर्ट करने से सरकारी सब्सिडी और उन सर्विसेज के गलत इस्तेमाल से बचने में मदद मिलेगी, जिनके लिए आधार ऑथेंटिकेशन की जरूरत होती है।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 26 November 2025 at 21:23 IST