अपडेटेड 26 August 2025 at 22:56 IST
डोनाल्ड ट्रंप के 50% टैरिफ से भारत पर क्या होगा असर, किस सेक्टर को सबसे ज्यादा नुकसान; मोदी सरकार की क्या है प्लानिंग?
Tariff impact on India: टैरिफ की खबरों के बीच आज मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट दिखी। Sensex 800 से अधिक अंकों की गिरावट दर्ज कर 80,786.54 रुपये पर लाल निशान में कारोबार करते हुए दिखा। वहीं, Nifty 50 में भी एक फीसदी से अधिक की गिरावट आई और यह लाल निशान में 24,712.05 रुपये के आसपास कारोबार करते हुए दिखा। आशंका है कि बुधवार को भी भारत के शेयर बाजार में गिरावट दिख सकती है।
Tariff impact on India: भारत और अमेरिका के बीच 'टैरिफ वॉर' को लेकर संघर्ष थमती हुई नहीं दिख रही है और ना ही इससे खासकर भारत को राहत मिलती हुई नजर आ रही है। भारत पर 25 फीसदी का टैरिफ बीते एक अगस्त से ही लागू है। वहीं, इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया था, जिसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है।
बीते दिनों प्रेसिडेंट ट्रंप ने भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। उन्होंने यह ऐलान भारत के द्वारा रूस से तेल की खरीदारी को लेकर किया था। इसे लागू करने की तारीख 27 अगस्त 2025 तय की गई थी। भारत पर 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लागू हो जाने के बाद कुल टैरिफ 50 फीसदी का हो जाएगा। मतलब कि भारत से अमेरिका में जाने वाले सामानों पर अमेरिकी सरकार 50 फीसदी का टैक्स वसूली करेगी। आइए जानते हैं कि इस भारी टैरिफ से भारत पर क्या असर होगा और किस सेक्टर को सबसे अधिक नुकसान होगा। इसके साथ ही जानेंगे कि इस 'टैरिफ आपदा' से निपटने की मोदी सरकार की क्या कुछ प्लानिंग है…
डोनाल्ड ट्रंप के 50% टैरिफ से भारत पर क्या होगा असर?
भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के डेटा के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का अमेरिका के साथ व्यापार कुल 132.21 बिलियन अमेरिकी डॉलर का रहा है। यह भारत का अमेरिका के साथ ट्रेड किसी भी देश से सबसे अधिक है। 50 फीसदी टैरिफ लागू होने से इस व्यापार पर काफी बड़ा प्रभाव पड़ने वाला है।
डोनाल्ड ट्रंप के 50% टैरिफ से भारत के द्वारा अमेरिका में भेजे जाने वाले सामानों पर अधिक प्रभाव पड़ेगा। यह प्रभाव ज्यादा नकारात्मक होगा। मतलब कि इससे भारतीय उद्योग को नुकसान उठाना पड़ेगा। इतना ही नहीं, जिन सामानों पर 50 फीसदी का टैरिफ लगेगा, उनकी कीमत अमेरिका में काफी अधिक हो जाएगी। इससे भारतीय निर्यात पर काफी असर पड़ेगा और भारत से अमेरिका भेजे जाने वाले सामानों की संख्या में काफी गिरावट हो सकती है।
टैरिफ की खबरों के बीच आज मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट दिखी। Sensex 800 से अधिक अंकों की गिरावट दर्ज कर 80,786.54 रुपये पर लाल निशान में कारोबार करते हुए दिखा। वहीं, Nifty 50 में भी एक फीसदी से अधिक की गिरावट आई और यह लाल निशान में 24,712.05 रुपये के आसपास कारोबार करते हुए दिखा। आशंका है कि बुधवार को भी भारत के शेयर बाजार में गिरावट दिख सकती है।
इन सेक्टरों पर पड़ेगा असर
इस टैरिफ से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में टेक्सटाइल (कपड़ा उद्योग), सीफूड (झींगा आदि), लेदर, ऑटो पार्टस, ज्वैलरी, हैंडीक्रॉफ्ट आदि सेक्टर हैं। मिली जानकारी के अनुसार, एक अनुमान के मुताबिक, इन क्षेत्रों के उद्योगों के निर्यात में 60 फीसदी से अधिक की गिरावट आ सकती है। इसके साथ ही लोगों की नौकरी खतरे में पड़ सकती है। इस टैरिफ से कई लोगों की नौकरी खत्म होने की आशंका है।
हालांकि, फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर पर अभी उतना अधिक प्रभाव पड़ने का अनुमान नहीं है। वैसे ये क्षेत्र भी इस टैरिफ से अछुते रहने वाले नहीं हैं। वहीं, इन सेक्टरों से जुड़े शेयरों पर भी शेयर बाजार में असर दिख सकता है और उनमें गिरावट दर्ज की जा सकती है।
मोदी सरकार की क्या है प्लानिंग?
इस टैरिफ के संकट से बचने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की क्या कुछ प्लानिंग है, आइए इसके बारे में भी जानते हैं...
- जीएसटी स्लैब में कटौती
जीएसटी स्लैब में कटौती को लेकर मोदी सरकार पहले ही इशारा कर चुकी है, जिससे भारत के लोगों को टैक्स में काफी राहत मिलने वाली है। मोदी सरकार के द्वारा जीएसटी के मौजूदा 4 स्लैब को घटाकर दो किया जा सकता है। इन चार स्लैबों में अभी 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी शामिल हैं। इनमें से 12% और 28% स्लैब को खत्म किया जा सकता है। - Next-Generation Reforms - टैक्स भारी मात्रा में कम कर दिए जाएंगे - पीएम मोदी
स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से जीएसटी रिफॉर्म्स और Next-Generation Reforms को लेकर बात कही थी। पीएम मोदी ने कहा था, "मेरे प्यारे देशवासियों, हम नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स लेकर के आ रहे हैं, ये दिवाली के अंदर आपके लिए तोहफा बन जाएंगे, सामान्य मानवीय की जरूरत के टैक्स भारी मात्रा में कम कर दिए जाएंगे, बहुत बड़ी सुविधा बढ़ेंगी। हमारे एमएसएमई, हमारे लघु उद्यमी, इनको बहुत बड़ा लाभ मिलेगा। रोजमर्रा की चीजें बहुत सस्ती हो जाएंगी और उससे इकोनॉमी को भी एक नया बल मिलने वाला है।" - मेड इन इंडिया को बढ़ावा
केंद्र की मोदी सरकार हमेशा से 'मेड इन इंडिया' के पक्ष में रही है। सरकार का मानना है कि भारत का पैसा भारत के लोगों के ही पास रहे तो अच्छा है। इसके लिए 'मेड इन इंडिया' के तहत देश के साथ देश के नागरिकों को आत्मनिर्भर बनाने की प्रक्रिया काफी तेजी से जारी है। मोदी सरकार ने इसके तहत स्वदेशी सिद्धांतों पर जोर दिया और नागरिकों से 'मेड इन इंडिया' उत्पादों को प्राथमिकता देने की अपील है। - कई देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को बढ़ावा देना
पीएम मोदी की नेतृत्व वाली भारत सरकार कई देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को बढ़ावा देने की तैयारी में है। बीते दिनों भारत और ओमान के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की खबर आई थी, जिसमें यह कहा गया था कि केंद्र की मोदी सरकार जल्द ही ओमान के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) कर सकती है। इतना ही नहीं, GCC (Gulf Cooperation Council) मेंबर के साथ भी भारत की फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत जारी है। इससे संभावना है कि जीसीसी के अलग-अलग देशों के साथ भी भारत का फ्री ट्रेड एग्रीमेंट हो सकता है। इस एग्रीमेंट से भारत से बाहर जाने वाले सामानों और वहां से आने वाले सामानों पर टैक्स फ्री की व्यवस्था होगी। - आरबीआई और आर्थिक सुरक्षा उपाय
देश का केंद्रीय बैंक आरबीआई अर्थव्यवस्था की रक्षा के लिए तैयार है। वहीं, टैरिफ का न्यूनतम प्रभाव का अनुमान भी लगाया गया है। इसके साथ ही देश की करेंसी रुपए की अंतर्राष्ट्रीयकरण पर जोर देने की खबर है। इसके साथ ही मालदीव, इंडोनेशिया, मॉरीशस और यूएई के साथ स्थानीय मुद्रा व्यापार समझौते की भी बात सामने आ रही है। वहीं, विदेशी मुद्रा अस्थिरता से बचाव की भी भारत की तैयारी है। - कूटनीतिक और बातचीत के प्रयास
वहीं, अमेरिका के साथ टैरिफ वॉर के बीच भारत सरकार की ओर से आगे भी कूटनीतिक और बातचीत के प्रयास जारी रहने का अनुमान है। बता दें कि टैरिफ को लेकर पहले भी भारत और अमेरिका के बीच कई स्तरों पर वार्ता हो चुकी है, जो आगे आने वाले दिनों में होने का अनुमान है।
Published By : Amit Dubey
पब्लिश्ड 26 August 2025 at 22:56 IST