अपडेटेड 4 April 2024 at 21:24 IST
'महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित राज्य बंगाल की छवि गिर जाएगी...', संदेशखाली मामले पर HC ने जताई चिंता
West Bengal News: कलकत्ता HC ने कहा कि अगर संदेशखाली में यौन उत्पीड़न के एक प्रतिशत भी आरोप सच पाए गए तो यह बेहद शर्मनाक होगा।
West Bengal News: कलकत्ता HC ने कहा कि अगर संदेशखाली में यौन उत्पीड़न के एक प्रतिशत भी आरोप सच पाए गए तो यह बेहद शर्मनाक होगा। हाई कोर्ट ने कहा कि महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित राज्य के रूप में पश्चिम बंगाल की छवि गिर जाएगी।
कोर्ट में क्या हुआ?
याचिकाकर्ता-वकील प्रियंका टिबरेवाल ने अदालत के समक्ष एक विशाल संकलन प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने कहा कि इसमें जमीन पर कब्जा करने और हिंसा के अलावा, यौन उत्पीड़न के कथित पीड़ितों के लगभग 100 हलफनामे शामिल थे। इसपर मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगननम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा, "अगर (आरोपों का) कम से कम एक प्रतिशत भी सच है, तो यह बेहद शर्मनाक है।"
खंडपीठ उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में कथित यौन उत्पीड़न और जमीन पर कब्जा करने के मामले में स्वत: संज्ञान याचिका और इन मामलों की जांच सीबीआई को स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। जांच के हस्तांतरण की प्रार्थना का विरोध करते हुए पश्चिम बंगाल के महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने खंडपीठ के समक्ष दावा किया कि केंद्रीय एजेंसियों ने उन पर भरोसा खो दिया है।
चीफ जस्टिस ने क्या कहा?
यह कहते हुए कि अगर इनमें से एक भी हलफनामा सही है तो यह शर्मनाक है, मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "पूरे जिला प्रशासन और सत्तारूढ़ व्यवस्था को नैतिक जिम्मेदारी निभानी होगी, 100 प्रतिशत जिम्मेदारी निभानी होगी।"
उन्होंने कहा कि सांख्यिकी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पश्चिम बंगाल महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित राज्य है। NCRB (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) की रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल महिलाओं की सुरक्षा के मामले में नंबर एक पर है और अगर टिबरेवाल द्वारा दायर एक हलफनामा सही साबित होता है, तो आंकड़े गिर जाते हैं, सार्वजनिक छवि गिर जाती है, राय गिर जाती है। उन्होंने कहा, "अगर बंगाल की छवि एक बार गिर जाती है और बिखर जाती है, तो आप इसे पुनर्जीवित नहीं कर सकते।"
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 4 April 2024 at 21:24 IST