अपडेटेड 5 April 2025 at 09:14 IST
EXCLUSIVE/ Waqf Bill: वक्फ बोर्ड का रेवेन्यू क्यों नहीं बढ़ रहा? ओवैसी का जवाब- सरकार ने क्या मदद की? आपने हमें वो पावर नहीं दी जो...
रिपब्लिक के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बताया कि आखिर वक्फ बोर्ड का रेवेन्यू क्यों नहीं बढ़ रहा है।
Owaisi on Waqf Board Revenue: वक्फ संशोधन बिल लोकसभा और राज्यसभा में पास होने के बावजूद भी AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। तभी तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में बिल के खिलाफ याचिका भी दाखिल की है। इस बीच AIMIM चीफ ने रिपब्लिक के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की। बातचीत के दौरान उन्होंने ये भी बताया कि वक्फ बोर्ड का रेवेन्यू क्यों नहीं बढ़ रहा है।
असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ बोर्ड के रेवेन्यू को लेकर उन्होंने कहा, “रेवेन्यू बढ़ाने के लिए सरकार ने क्या मदद की? रेवेन्यू बढ़ाने के लिए आपने हमें वो पावर नहीं दिए, जो हिंदू एंडोमेंट बोर्ड के पास समरी एविक्शन पावर है। उनके पास कब्जा करने वालों को निकालने का पावर है। मेरे पास पावर ये है कि अगर मैं आपके खिलाफ SC में केस जीतता हूं, तब भी मैं कब्जा करने वाले को नहीं निकाल सकता हूं। इसके लिए कोर्ट में याचिका डालना पड़ता है। आपने वक्फ बोर्ड को पावर ना देकर उनके पास जो थोड़े पावर थे, उसे भी निकाल दिया। आप मुझसे सवाल कर रहे हैं कि रेवेन्यू क्यों नहीं बढ़ रहा है।”
असदुद्दीन ओवैसी ने सबसे पहले संसद में बिल फाड़ने पर अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि बिल फाड़ते वक्त मैं यह सोच रहा था कि महात्मा गांधी जब मोहन दास करमचंद गांधी के नाम से लोग उन्हें जानते थे। जब व्हाइट अफ्रीका में इस तरह का कानून बनाया गया था तो महात्मा गांधी ने न सिर्फ उस कानून की कॉपी को फाड़ा था बल्कि उसे जलाया भी था। यह अपने विरोध को दर्ज कराने का गांधियन तरीका है। मेरा मानना है कि यह बिल जो अब कानून बन चुका है, यह असंवैधानिक है, ये भेदभावपूर्व है। यह आर्टिकल 26, 25, 14, 29 और 15 का उल्लंघन करता है।
तो ओवैसी ने इसलिए फाड़ी बिल की कॉपी…
उन्होंने आगे कहा कि भारत की संसद, इस देश की सबसे बड़ी पंचायत है। अगर वहां पर सरकार अपने बहुमत के दम पर इस तरह के कानून को बनाएगी जो भेदभाव करता है हिंदू, सिख, जैन माननेवाले मुसलमानों से। इसलिए मैंने अपना प्रोटेस्ट दर्ज कराने के लिए विधेयक की प्रति को फाड़ दिया।
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 5 April 2025 at 09:08 IST