अपडेटेड 2 April 2025 at 12:28 IST
वक्फ संशोधन बिल बस थोड़ी देर में लोकसभा में होगा पेश, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की NDA के सहयोगी दलों से अपील
थोड़ी ही देर में वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पेश की जाएगी। इस बीच मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने NDA के सहयोगी दलों से खास अपील की है।
वक्फ संशोधन बिल बस थोड़ी ही देर में लोकसभा में पेश होने जा रही है। बिल को लेकर पहले से ही सियासी तापमान चढ़ा हुआ है। इस बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने NDA के सहयोगी दलों से खास अपील की है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट साझा कर AIMPLB ने एनडीए के घटक दलों से भी वक्फ संशोधन बिल का समर्थन ना करने की अपील की है।
पोस्ट में लिखा गया, "ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भाजपा के सहयोगी दलों और सांसदों समेत सभी धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे वक्फ संशोधन विधेयक का कड़ा विरोध करें और किसी भी हालत में इसके पक्ष में मतदान न करें। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने सभी धर्मनिरपेक्ष दलों और सांसदों से अपील की है कि वे कल संसद में पेश होने वाले वक्फ संशोधन विधेयक का न केवल कड़ा विरोध करें बल्कि भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे को रोकने के लिए इसके खिलाफ मतदान भी करें।"
पोस्ट में आगे लिखा गया कि 'उन्होंने कहा कि यह विधेयक न केवल भेदभाव और अन्याय पर आधारित है, बल्कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 25 और 26 के तहत मौलिक अधिकारों के प्रावधानों का भी सीधा खंडन करता है। इस विधेयक के जरिए भाजपा का उद्देश्य वक्फ कानूनों को कमजोर करना और वक्फ संपत्तियों को जब्त करने और नष्ट करने का रास्ता तैयार करना है। पूजा स्थल अधिनियम के अस्तित्व में होने के बावजूद हर मस्जिद में मंदिर खोजने का मुद्दा लगातार बढ़ रहा है। यदि यह संशोधन पारित हो जाता है, तो वक्फ संपत्तियों पर अवैध सरकारी और गैर-सरकारी दावों में वृद्धि हो जाएगी, जिससे कलेक्टरों और जिला मजिस्ट्रेटों के लिए उन्हें जब्त करना आसान हो जाएगा।'
बोर्ड अध्यक्ष ने अपनी अपील में आगे कहा, "इन संशोधनों से वक्फ उप-उपयोगिता समाप्त हो जाएगी, सीमा कानून से छूट समाप्त हो जाएगी, वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल किया जाएगा और वक्फ न्यायाधिकरण की शक्तियों को कमजोर किया जाएगा- ऐसे परिवर्तन जो वक्फ संपत्तियों को उनके कानूनी संरक्षण से प्रभावी रूप से वंचित कर देंगे। इसके अलावा, इस अधिनियम में सरकारी संस्थाओं (केंद्र और राज्य सरकारों, नगर निगमों और अर्ध-स्वायत्त निकायों) को शामिल करना, साथ ही सरकारी दावों को वक्फ न्यायाधिकरण के बजाय कलेक्टरों या जिला मजिस्ट्रेटों द्वारा हल करने का प्रावधान, एक संशोधन है जो वक्फ संपत्तियों पर सरकारी अतिक्रमण को वैध करेगा। ये सुरक्षा अन्य समुदायों की धार्मिक बंदोबस्ती को भी दी जाती है और इस तरह केवल मुस्लिम वक्फ संपत्तियों को टागरेट करना भेदभाव और अन्याय का काम है।"
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 2 April 2025 at 12:04 IST