अपडेटेड 2 April 2025 at 10:44 IST
Waqf Bill: गैर मुसलमान होंगे बहुसंख्यक, छिन जाएगी निजी जमीन? वक्फ बिल पास होने के बाद क्या कुछ बदलेगा; यहां जान लें सबकुछ
यह वक्फ अधिनियम 1995 में बदलाव करने वाला विधेयक है। इस बिल का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाने और दुरुपयोग रोकने के लिए नियमों को सख्त कर
- भारत
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Waqf Amendment Bill: आज लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पर मोदी सरकार की अग्निपरीक्षा है। बिल को दोपहर 12 बजे सदन के पटल पर रखे जाने के लिए सरकार तैयार है। दूसरी ओर विपक्ष ने भी वक्फ बिल का विरोध करने के लिए कमर कस ली है। ऐसे में इस दौरान जोरदार हंगामे के आसार हैं।
वैसे तो केंद्र सरकार ने इस विधेयक को पिछले साल अगस्त में लोकसभा के सामने रखा था। बाद में सर्वसम्मति से इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेज दिया गया। जेपीसी में दिए गए कुछ सुझावों को विधेयक में शामिल किया गया है। इसे फिर संसद में पेश करने की मंजूरी दी गई। केंद्रीय कैबिनेट ने भी इस विधेयक पर मुहर लगा दी।
वक्फ बिल पर सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष भी तैयार
वक्फ बिल पर पहले से ही हंगामा मचा है। एक ओर तो सत्ता पक्ष एकजुट है। BJP को NDA में अपने सहयोगी दलों का साथ इस बिल को लेकर मिल गया है। तो वहीं पूरा विपक्ष भी बिल के विरोध में एक साथ है। एक ओर बिल के जरिए सरकार वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाने की बात कह रही है। तो दूसरी ओर विपक्ष इसे संविधान पर हमला बताता नजर आ रहा है।
बिल को आज (2 अप्रैल) को लोकसभा में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू पेश करेंगे। इसके बाद बिल पर चर्चा शुरू होगी, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के तमाम नेता अपनी-अपनी बात रखेंगे। चर्चा के लिए फिलहाल 8 घंटे का समय दिया गया है। चर्चा के बाद बिल पर वोटिंग होगी। लोकसभा के बाद इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
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क्या है वक्फ संशोधन बिल?
यह वक्फ अधिनियम 1995 में बदलाव करने वाला विधेयक है। इस बिल का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाने और दुरुपयोग रोकने के लिए नियमों को सख्त करना है।
क्या होंगे बड़े बदलाव?
सरकार ने वक्फ अधिनियम में कई संशोधन पेश किए हैं, जिसके जरिए वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को आधुनिक और सुव्यवस्थित बनाए जाने की बात कही गई। वक्फ संपत्तियों से जुड़े मामलों में राज्य सरकार का नियंत्रण और भूमिका बनी रहेगी। कोई संपत्ति वक्फ की है या फिर नहीं, इसका फैसला करने के लिए राज्य सरकार कलेक्टर की रैंक से ऊपर के अधिकारी को नियुक्त कर सकती है। वहीं व्यक्ति वक्फ को अपनी संपत्ति दान कर सकेगा, जो 5 वर्षों तक इस्लाम धर्म का पालन कर रहा हो। अगर दान की जाने वाली संपत्ति से जुड़ा कोई विवाद होगा तो ऐसी स्थिति में जांच के बाद ही आखिरी फैसला लिया जाएगा।
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वहीं, बिल में मौजूदा पुरानी मस्जिदों, दरगाह या अन्य मुस्लिम धार्मिक स्थानों से छेड़छाड़ नहीं करने की बात कही गई है। यानी कानून पुरानी तारीख से लागू नहीं होगा। सहयोगी दल JDU ने इस संशोधन की मांग की थी, जिसे स्वीकार किया गया है। वहीं, औकाफ यानी दान की सूची गजट में प्रकाशन के 90 दिनों के अंदर पोर्टल पर अपडेट करनी जरूरी होगी।
साथ ही बिल के अनुसार महिलाओं और गैर मुस्लिम की भी वक्फ बोर्ड में एंट्री होगी। पदेन सदस्यों के साथ ही दो गैर मुस्लिम सदस्य भी इसमें होंगे। वहीं, बोर्ड में वक्फ मामलों से संबंधित संयुक्त सचिव पदेन सदस्य होंगे।
विरोध में मुस्लिम संगठन
देशभर के कई मुस्लिम संगठन वक्फ संशोधन बिल के विरोध में हैं। वो इसे ‘धार्मिक संपत्तियों पर हमला’ करार दे रहे हैं। AIMPLB ने इसके खिलाफ प्रदर्शन भी किया। ईद के मौके पर वक्फ बिल के खिलाफ काली पट्टी बांधकर नमाज अदा की गई।
कौन बिल के साथ, कौन कर रहा विरोध?
क्फ संशोधन बिल को लेकर पूरा NDA एकजुट है। चंद्रबाबू नायडू के बाद नीतीश कुमार की JDU भी वक्फ संशोधन बिल को लेकर सरकार के साथ आ गई है। जीतन राम मांझी की हिन्दुस्तानी आवाम पार्टी (HAM) एनडीए की सहयोगी पार्टी है। मांझी ने भी इस बिल पर साथ आने के संकेत दे दिए। NDA में शामिल अन्य पार्टियों ने भी समर्थन का ऐलान किया है। वहीं बात विरोध की करें तो वक्फ संशोधन बिल को लेकर विपक्ष भी एक साथ हैं। कांग्रेस, समाजवाद पार्टी, RJD, TMC, DMK, AIMIM समेत तमाम विपक्षी पार्टियों इस बिल के खिलाफ हैं।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 2 April 2025 at 10:44 IST