अपडेटेड 26 February 2025 at 08:11 IST

Shiv Baraat in Varanasi: शिव बारात महाशिवरात्रि के दिन ही निकलेगी, वाराणसी में जारी रहेगी परंपरा; इतने बजे शुरू होगी यात्रा

वाराणसी में महाशिवरात्रि पर शिव बारात की परंपरा जारी रहेगी। शिव बारात समिति ने बताया कि 26 फरवरी को रात 8 बजे शिव बारात अपने पूर्व निर्धारित मार्ग से निकलेगी।

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वाराणसी में शिव बारात | Image: Shutterstock

Shiv Baraat in Varanasi: वाराणसी में महाशिवरात्रि पर शिव बारात की परंपरा जारी रहेगी। शिव बारात समिति ने बताया कि 26 फरवरी को रात 8 बजे शिव बारात अपने पूर्व निर्धारित मार्ग से निकलेगी। यह निर्णय आपात बैठक में लिया गया, जिसमें संरक्षक मंत्री रविन्द्र जायसवाल, आर के चौधरी, दीपक बजाज सहित बाकी सदस्य मौजूद थे। महाकुंभ के पलट प्रवाह यानी महाकुंभ के बाद वाराणसी पहुच रहे श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए को समिति ने 27 फरवरी को बरात निकालने का फैसला किया था। लेकिन इस पर बड़ा विवाद छिड़ गया, जिसके बाद समितियों ने बैठक करके महाशिवरात्रि पर ही बारात निकालने का निर्णय लिया। 

मामला यूपी सरकार के राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल के पास पहुंचा तो उन्होंने आयोजकों के साथ बैठक की। राज्यमंत्री ने बताया कि शिव बारात की तिथि में कोई बदलाव नहीं होगा। बारात महाशिवरात्रि पर निकलेगी। भीड़ की वजह से इसे एक दिन आगे बढ़ाने की कवायद हो रही थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। 

बैजनत्था मंदिर से निकलेगी शिव बारात 

अस्सी, वरुणा, सारनाथ, लक्सा क्षेत्र में बारात समितियों ने महाशिवरात्रि पर बारात निकालने की तैयारियों को देर रात तक अंतिम रूप दिया। शिवगंगे सेवा समिति के संस्थापक राजेश कुमार ने बताया कि शिव बारात बैजनत्था मंदिर बिरदोपुर से निकलेगी। बरात परंपरागत मार्ग श्री आदि शंकराचार्य नगर कॉलोनी से उठकर बैजनत्था रोड, विनायका चौराहा, कमच्छा, रथयात्रा, महमूरगंज, गिरी नगर कॉलोनी, बैजनत्था मंदिर के पीछे वाली गली से होते हुए बैजनत्था मंदिर पर पहुंच कर समाप्त होगी। बारात में बैंड, नगाड़ा, शहनाई, बग्घी, घोड़े, लाग, राम दरबार, कालभैरव नाथ, राधाकृष्ण की झांकी होगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बारात की अगुवाई 11 किन्नर करेंगे।

12 ज्योतिर्लिंग समेत शिव मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब

वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए करीब 2,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। ड्रोन कैमरों से भी निगरानी रखी जा रही है। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने कहा कि भीड़ को नियंत्रित करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। 

देशभर में महाशिवरात्रि पर्व मनाया जा रहा है। मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर (महाकाल मंदिर) के पट मंगलवार रात 2 बजकर 30 मिनट पर खोल दिए गए। जिसके बाद सुबह 4 बजे मंगला आरती की गई। अगले 44 घंटे तक भक्त भगवान महाकाल के दर्शन कर सकेंगे। वहीं झारखंड के देवघर में मौजूद ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ मंदिर में भी श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ रहा है। काशी विश्वनाथ मंदिर 26 फरवरी को मंगला आरती के बाद सुबह 3.30 बजे से मंदिर दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया गया।

बड़े शिव मंदियों में उमड़े श्रद्धालु

महाशिवरात्रि पर चारों पहर की आरती के दौरान भी श्री काशी विश्वनाथ महादेव की झांकी दर्शन चलती है। गुजरात में प्रथम ज्योतिर्लिंग श्री सोमनाथ महादेव मंदिर भी सुबह 4 बजे से लगातार 42 घंटे तक श्रद्धालुओं के लिए खुला है। इनके अलावा देश में बाकी राज्यों में मौजूद ज्योतिर्लिंगों और प्रसिद्ध शिव मंदिरों में भगवान शिव जी के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु पहुंच रहे हैं जिसको लेकर खास इतजाम भी किए गए हैं।

महाशिवरात्रि को लेकर क्या मान्यता

महाशिवरात्रि को लेकर मान्यता है कि इस दिन शिव-पार्वती का विवाह हुआ था, लेकिन शिव पुराण सहित किसी भी ग्रंथ में इस बात का कोई जिक्र ही नहीं है।शिव पुराण में लिखा है कि फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष के चौदहवें दिन यानी चतुर्दशी तिथि पर पहली बार शिवलिंग प्रकट हुआ था। तब भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी ने शिवलिंग की पूजा की। इसी दिन को शिवरात्रि कहा गया।

शिव पुराण के 35वें अध्याय में लिखा है कि शिव विवाह अगहन महीने के कृष्ण पक्ष के दूसरे दिन हुआ था। ये तिथि इस साल 7 नवंबर को आएगी। शिवरात्रि पर शिव विवाह मनाने की परंपरा कब से शुरू हुई, इस बारे में लिखित जानकारी नहीं है। काशी और उज्जैन के विद्वानों का कहना है कि शिवलिंग के निचले हिस्से में पार्वती का भी स्थान होता है। शिवरात्रि पर महादेव की पूजा रात में होती है। पार्वती के बिना शिव पूजन अधूरा रहता है, इसलिए इस रात को शिव-शक्ति मिलन के पर्व के तौर पर मनाया जाने लगा।

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 26 February 2025 at 08:11 IST