अपडेटेड 1 October 2025 at 21:49 IST

योगी सरकार में नवरात्रि बना आस्था और विकास का पर्व, शक्तिपीठों और मंदिरों को मिला नया स्वरूप; 2 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

Shardiya Navratri 2025 Uttar Pradesh: सबसे पहले बात यहां हम मां विंध्यवासिनी धाम की करते हैं। मीरजापुर स्थित मां विंध्यवासिनी का मंदिर प्रदेश का सबसे प्रमुख सिद्धपीठ माना जाता है। यहां प्रतिदिन औसतन 4 से 5 लाख श्रद्धालु पहुंचे। आम दिनों की तुलना में यह संख्या कई गुना बढ़ गई। सरकार द्वारा बनाए गए विंध्याचल कॉरिडोर ने श्रद्धालुओं को नई सहूलियत दी है।

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गोरखनाथ मंदिर में नवरात्रि में माता रानी की पूजा-अर्थना करते सीएम योगी आदित्यनाथ। | Image: Shri Gorakhnath Mandir/X

Shardiya Navratri 2025 Uttar Pradesh: पूरे देश में शारदीय नवरात्रि की धूम है। इस खास मौके पर देश के सबसे बड़े राज्यों में से एक उत्तर प्रदेश भी इस नवरात्रि दुर्गा मां के भक्ति में डूबा हुआ है। जी हां, उत्तर प्रदेश की पावन धरती पर शारदीय नवरात्रि केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आस्था, परंपरा और नारी शक्ति का विराट स्वरूप बनकर उभरा है। इस बार पूरे प्रदेश में देवी मंदिरों की तस्वीर देखें, तो यह साफ झलकता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बीते आठ वर्षों में न केवल प्राचीन धरोहर को संजोया है, बल्कि आधुनिक सुविधाओं से जोड़कर श्रद्धालुओं को नया अनुभव भी दिया है।

यही कारण है कि पूर्वांचल के विंध्यवासिनी धाम से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शाकम्भरी मंदिर तक, समस्त देवी मंदिरों में नवरात्रि के नौ दिनों में ही लगभग 2 करोड़ भक्तों ने मां के दरबार में हाजिरी लगाई है। इनमें से केवल विंध्यवासिनी धाम में ही 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मां का दर्शन किया और आशीर्वाद लिया। आइए हम यहां प्रदेश के कुछ खास मंदिरों और मां के धामों के बारे में जानते हैं।


मां विंध्यवासिनी धाम 

सबसे पहले बात यहां हम मां विंध्यवासिनी धाम की करते हैं। मीरजापुर स्थित मां विंध्यवासिनी का मंदिर प्रदेश का सबसे प्रमुख सिद्धपीठ माना जाता है। यहां प्रतिदिन औसतन 4 से 5 लाख श्रद्धालु पहुंचे। आम दिनों की तुलना में यह संख्या कई गुना बढ़ गई। सरकार द्वारा बनाए गए विंध्याचल कॉरिडोर ने श्रद्धालुओं को नई सहूलियत दी है। नवरात्रि के अंतिम तीन दिनों में यहां रोजाना 6 से 7 लाख श्रद्धालु माता की आराधना में शामिल हुए।


वाराणसी के विशालाक्षी शक्तिपीठ में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

 51 शक्तिपीठों में गिने जाने वाले वाराणसी के मां विशालाक्षी मंदिर में सामान्य दिनों की तुलना में नवरात्रि पर भक्तों की संख्या कई गुना बढ़ गई। सप्तमी से नवमी तक यहां 20 से 30 हजार श्रद्धालु रोजाना पहुंचे। वाराणसी के गायत्री शक्ति पीठ चौरा देवी मंदिर में नवमी तक 1 लाख से अधिक श्रद्धालु आए, जबकि दुर्गाकुंड स्थित मां कुष्मांडा मंदिर में नवरात्रि के नौ दिनों में 12 लाख से ज्यादा भक्त पहुंचे।

प्रयागराज  में गंगा तट पर आस्था की गूंज

प्रयागराज के मां अलोप शंकरी धाम में नवरात्रि के दौरान करीब 12 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे। सप्तमी, अष्टमी और नवमी पर प्रतिदिन ढाई लाख तक भक्त मां के दरबार में हाजिरी लगाने आए। मां कल्याणी देवी मंदिर में लगभग 6 लाख और मां ललिता देवी मंदिर में प्रतिदिन 70 से 80 हजार श्रद्धालु पहुंचे। सरकार ने यहां लगभग 6 करोड़ रुपये की लागत से यात्री शेड, लाइटिंग और सौंदर्यीकरण के कार्य कराए हैं।


गोरखपुर में तरकुलहा व बुढ़िया माई धाम में भव्यता का नया रूप

गोरखपुर स्थित तरकुलहा देवी मंदिर इस बार नवरात्रि में प्रमुख आस्था केंद्र बन गया। औसतन 50 हजार श्रद्धालु प्रतिदिन पहुंचे, जबकि नवमी पर यह संख्या 1 लाख पार कर गया। अब तक 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालु यहां दर्शन कर चुके हैं। 

वहीं, कुसम्ही जंगल स्थित बुढ़िया माई मंदिर में 5 लाख भक्त पहुंचे। यहां नवरात्रि के अंतिम तीन दिनों में रोजाना 1 लाख श्रद्धालुओं की भीड़ रही। सरकार ने यहां पर्यटन विकास कार्यों पर करोड़ों रुपये खर्च कर सुविधाएं बढ़ाई हैं। बीते दिनों खुद सीएम योगी भी बुढ़िया माई धाम में पूजा अर्चना करने गए थे।

वहीं, इसी तरह की भीड़ प्रदेश में मां के अन्य मंदिरों जैसे -  पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शाकम्भरी मंदिर, जौनपुर के चौकिया धाम, गाजीपुर के हथियाराम मठ और कामाख्या मंदिर, आगरा के चामुंडा देवी मंदिर, मथुरा के नरी सोमरी मंदिर, झांसी के पंचकुइया, कैमासन और महाकाली मंदिर समेत अन्य धामों पर देखी है। इस दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यूपी पुलिस के सुरक्षाकर्मी तैनात दिखे।

 

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Published By : Amit Dubey

पब्लिश्ड 1 October 2025 at 21:49 IST