अपडेटेड 11 December 2025 at 17:57 IST

बहराइच: रामगोपाल मिश्रा हत्याकांड में सरफराज को फांसी की सजा, 9 अन्य को उम्रकैद, दुर्गा पूजा विसर्जन में हुई थी हिंसा

Bahraich News : रामगोपाल मिश्रा के साथ क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए उनके नाखूनों को उखाड़ लिया गया था। गोपाल को कई गोलियां मारी गई थी। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए दोषी सरफराज को फांसी की सजा सुनाई है।

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रामगोपाल मिश्रा हत्याकांड में सरफराज को फांसी की सजा | Image: ANI

Ramgopal Mishra Murder : उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में एक साल पहले हुई सांप्रदायिक हिंसा के चर्चित रामगोपाल मिश्रा हत्याकांड में अदालत ने कड़ा फैसला सुनाया है। लोअर कोर्ट ने मुख्य दोषी सरफराज को फांसी की सजा सुनाई है, जबकि अब्दुल हमीद समेत 9 अन्य दोषियों को उम्रकैद की सजा दी गई है। इसके अलावा, हर दोषी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह फैसला मात्र 13 महीने और 26 दिनों के भीतर आया, जो न्यायिक प्रक्रिया की तेजी का नया उदाहरण है।

दरअसल, 13 अक्टूबर 2024 को दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान बहराइच के महाराजगंज में हिंसा और आगजनी हुई थी। प्रतिमा विसर्जन के दौरान समुदाय विशेष के लोगों ने पथराव करते हुए फायरिंग कर दी थी। रामगोपाल मिश्रा, जो जुलूस में शामिल थे, आरोपी अब्दुल हमीद के घर की छत पर चढ़कर भगवा झंडा फहराने लगे। गुस्साए लोगों ने उन पर हमला बोल दिया। सरफराज और अन्य ने लाठियों और धारदार हथियारों से हमला किया। रामगोपाल मिश्रा के साथ क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए उनके नाखूनों को उखाड़ लिया गया था। गोपाल को कई गोलियां मारी गई थी। 

इलाके में फैल गया था तनाव 

13 अक्टूबर, 2024 को बहराइच के महराजगंज बाजार में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान जुलूस गुजर रहा था, तभी स्थानीय मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने विरोध किया, जिससे विवाद भड़क गया। बातचीत हाथापाई में बदल गई और जल्द ही पथराव, आगजनी और फायरिंग शुरू हो गई। इस दौरान कई राउंड गोलियां चलीं। इस हिंसा में कई दुकानें और घर जलाए गए, जिससे इलाके में तनाव फैल गया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और हत्या, आगजनी व अवैध हथियार रखने के आरोप में 13 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की।

रामगोपाल की हत्या के बाद पूरे बहराइच में जनता के द्वारा जबरदस्त आक्रोश देखा गया था और दर्जनों से ज्यादा दुकानें जला दी गई थी। हत्या के बाद बहराइच में भारी फोर्स लगाई गई थी। उस समय कानून व्यवस्था को संभालने के लिए शासन ने STF चीफ अमिताभ यश को दंगा रोकने के लिए भेजा था।

सख्त सजा और न्याय की जीत

बहराइच की विशेष अदालत ने गुरुवार को सुनवाई पूरी करते हुए 10 दोषियों को दोषी ठहराया था। मुख्य आरोपी सरफराज, जो गोली चलाने और हत्या में प्रत्यक्ष भूमिका निभाने का दोषी पाया, उसे फांसी की सजा सुनाई गई। अदालत ने इसे 'दुर्लभतम अपराध' करार देते हुए मृत्युदंड का प्रावधान लागू किया। सरफराज के अलावा अब्दुल हमीद, फहीम, तालिब, सैफ, जावेद, जीशान, ननकऊ, शोएब खान और मारूफ अली को उम्रकैद की सजा दी गई। तीन आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। 

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 11 December 2025 at 17:39 IST