अपडेटेड 6 July 2025 at 17:38 IST
नकली नाम, नापाक काम और जेल आखिरी अंजाम... धर्मांतरण गिरोह के सरगना जमालुद्दीन ने लिखी थी किताब, जाति के आधार पर तय था रेट
छांगुर बाबा की गिरप्तारी ने UP में अवैध धर्मांतरण में विदेशी फंडिंग और संगठित नेटवर्क को उजाकर किया है। ये गिरोह सामाजिक कमजोरियों का दुरुपयोग करके अपना रैकेट चला रहा था। यह मामला समाज के सभी वर्गों के लिए एक चेतावनी है।
Conversion Racket Exposed : उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में अवैध धर्मांतरण के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है, जिसके मुख्य सरगना जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को उत्तर प्रदेश पुलिस की एंटी टेरर स्क्वाड (ATS) और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने गिरफ्तार किया है। छांगुर बाबा पर विदेशी फंडिंग के जरिए गरीब, असहाय लोगों और विशेष रूप से हिंदू युवतियों को लालच, धमकी और ब्रेनवॉशिंग के जरिए इस्लाम धर्म में परिवर्तन कराने का आरोप है।
छांगुर बाबा ने सैकड़ों लोगों का धर्मांतरण करवाया था। तीन दिन पहले ही कुछ लोगों की घर वापसी कराई गई थी। घर वापसी करने वालों ने आरोप लगाया कि जमालुद्दीन उर्फ छांगुर ने उन्हें बहला फुसला कर धर्मांतरण करवाया था। इस्लाम धर्म अपनाने के लिए वो लोगों को लाखों रुपये का लालच देता था। उसके 40 बैंक खातों से करोड़ों रुपये की लेनदेन का खुलासा हुआ है। धर्मांतरण गिरोह के मुख्य सरगना जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के साथ UP ATS ने उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को भी गिरफ्तार किया है। छांगुर पर पुलिस ने 50 हजार का इनाम रखा था, इसकी गिरफ्तारी के बाद कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
छांगुर बाबा कौन है?
जमालुद्दीन, जिसे छांगुर बाबा के नाम से जाना जाता है। वो खुद को "हाजी पीर जमालुद्दीन" या "सूफी संत हजरत बाबा जमालुद्दीन" के रूप में प्रचारित करता था। छांगुर बाबा ने एक आध्यात्मिक छवि बनाकर लोगों का विश्वास जीता और इसकी आड़ में संगठित धर्मांतरण नेटवर्क चलाया। उनके खिलाफ पहले से ही कई शिकायतें और मुकदमे दर्ज थे और 50,000 रुपये का इनाम भी घोषित था।
कैसे कराते थे धर्मांतरण?
उत्तर प्रदेश STF और ATS की जांच में सामने आया कि छांगुर बाबा का नेटवर्क संगठित तरीके से काम करता था। इस नेटवर्क में शामिल लोग गरीब, असहाय, और विशेष रूप से हिंदू समुदाय की महिलाओं और नाबालिगों को निशाना बनाते थे।
- प्रलोभन और लालच: गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को धन, नौकरी और शादी का लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जाता था।
- धमकी और ब्लैकमेल: कुछ मामलों में लोगों को मुकदमों में फंसाने की धमकी दी जाती थी।
- लव जिहाद: हिंदू लड़कियों को प्रेम-जाल में फंसाकर उनकी पहचान बदलकर इस्लाम धर्म में परिवर्तन कराया जाता था। एक मामले में लखनऊ की रहने वाली गुंजा गुप्ता को अबू अन्सारी नाम के व्यक्ति ने फंसाया और उसका नाम बदलकर अलिना अन्सारी कर दिया गया।
जाति के आधार पर रेट
जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि धर्मांतरण के लिए जाति के आधार पर अलग-अलग राशि तय की गई थी। ब्राह्मण, क्षत्रिय और सिख लड़कियों के लिए 15-16 लाख रुपये, पिछड़ी जातियों के लिए 10-12 लाख रुपये, और अन्य वर्गों के लिए 8-10 लाख रुपये का भुगतान किया जाता था।
लग्जरी गाड़ियां और करोड़ों की जमीन
छांगुर बाबा के 3 से 4 हजार अनुयाई हैं। जिसमें अधिकांश लोगों ने हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम धर्म को स्वीकार किया था। उसने शिजर-ए-तैय्यबा नाम से एक किताब भी छपवा रखी है। जिससे ये लोग इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार करते थे। बलरामपुर में 0.539 हेक्टेयर जमीन भी है, जिसकी कीमत करीब डेढ़ करोड़ रुपये है। कई जमीन उसके नाम पर भी है। उसके पास कई लग्जरी गाड़ियां हैं, जिसमें मर्सिडीज और फॉर्च्यूनर जैसी गाड़ियां शामिल हैं।
छांगुर बाबा की विदेश यात्रा
2016 से 2020 के बीच छांगुर बाबा ने 19 बार UAE की यात्रा की है। 2018 में एक बार सऊदी अरब भी जा चुका है। उसकी सहयोगी नीतू नवीन के आठ बैंक खाते हैं। बैंक ऑफ इंडिया, पेटीएम बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा में 3 खाते, ICICI और HDFC में 5 करोड़ रुपये विदेश से प्राप्त किए गए हैं। नीतू के खाते में 24 फरवरी, 2021 से 28 जून, 2021 तक यानी की चार महीने में कुल जमा राशि 13,9010,000 है।
100 करोड़ की फंडिंग
छांगुर के भी आठ बैंक खाते हैं। जिसमें बैंक ऑफ इंडिया, HDFC, SBI, आईडी बैंक ऑफ बड़ौदा और दूसरे बैंक हैं। उसके SBI के खाते में 6 लाख रुपये विदेशी खाते में जमा किए गए हैं और NEFT के माध्यम से 10 लाख रुपए जमा किए गए। छांगुर बाबा के गिरोह को विदेशों से करीब 100 करोड़ की फंडिंग मिली थी, गिरोह के कई सारे सदस्य विदेशी यात्रा करते थे। जिनमें ज्यादातर गल्फ देश जाते थे।
ये गिरोह हिंदू लड़कियों को इस्लाम अपनाने के लिए लाखों रुपये देता था। गैंग के सदस्यों के पास अलग-अलग नामों और अलग-अलग संस्थाओं के 40 से भी ज्यादा बैंक खाते हैं, जिनमें लगभग 100 करोड़ रुपये की धनराशि का लेन-देन हुआ है। जमालुददीन बलरामपुर में तीन चार सालों से रह रहा था। उससे पूछताछ के बाद धर्मांतरण के मोडस ऑपरेंडी को खत्म करने में पुलिस को सहायता मिल सकती है और धर्मांतरण पर नकेल कसी जा सकती है।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 6 July 2025 at 17:38 IST