अपडेटेड 25 November 2025 at 10:09 IST

Ram Mandir Dhwajarohan 2025: अयोध्या राम मंदिर में आज फहराया जाएगा धर्म ध्वज, जानें क्या है इसका महत्व और क्यों खास है अभिजीत मुहूर्त

राम नगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण पूरा हो चुका है, आज मंदिर में धर्म ध्वज की स्थापना अभिजीत मुहूर्त में होगा। जानतें हैं अभिजीत मुहूर्त और धर्म ध्वज के खास महत्व के बारे में...

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अयोध्या राम मंदिर में धर्मध्वज | Image: ANI

आज अयोध्या नगरी में वह शुभ घड़ी आ गई है जिसका इंतजार राम भक्त लंबे समय से कर रहे थे। आज, 25 नवंबर को भव्य राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज की स्थापना की जाएगी। इस महानुष्ठान के लिए पूरी अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया गया है। रंग-बिरंगी लाइटों से प्रभु राम की नगरी जगमग कर रही है और चारों तरफ उत्साह का माहौल है। राम मंदिर के शिखर पर PM नरेंद्र मोदी धर्म ध्वजा फहराएंगे। इस ऐतिहासिक पल के गवाह बनने के लिए देश के कोने-कोने से राम भक्त अयोध्या पहुंचे हैं। आईए जानते हैं धर्म ध्वज की स्थापना के अभिजीत मुहूर्त और इसके महत्व के बारे में...

राम नगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण पूरा हो चुका है और अब मंदिर के शिखर पर केसरिया रंग का पवित्र धर्म ध्वज फहराने का महानुष्ठान होने जा रहा है। राम मंदिर पर धर्म ध्वज का लहराना वैभव का प्रतीक माना जा है और उसी वैभव के महानुष्ठान के लिए अयोध्या नगरी सज-धज कर तैयार है। इस विशेष कार्यक्रम के लिए PM मोदी अयोध्या पहुंचेंगे और शुभ मुहूर्त  में धर्म ध्वज की स्थापना करेंगे।

क्या होता है अभिजीत मुहूर्त?

राम मंदिर में धर्म ध्वज की स्थापना अभिजीत मुहूर्त में होगा। यह मुहूर्त सुबह 11 बजकर 52 मिनट से शुरू होगा और 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। ध्वजारोहण के लिए 43 मिनट का समय काफी शुभ बताया गया है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, पंचांग में एक तिथि की गणना सूर्योदय से लेकर अगले सूर्योदय तक होती है। इस समय में कुल 30 मुहूर्त आते हैं​, जिसमें सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक 15 मुहूर्त होते हैं। इस 15 मुहूर्तों में एक अभिजीत मुहूर्त भी होता है।

अभिजीत मुहूर्त में धर्मध्वज की स्थापना

हिंदू ग्रंथों के अनुसार विवाह पंचमी के दिन प्रभु श्रीराम और माता जानकी का विवाह हुआ था। भगवान राम का जन्म भी अभिजीत मुहूर्त में हुआ था। यही वजह है कि राम मंदिर पर आज ध्वजारोहण के लिए ये समय निर्धारित किया गया है। इसी शुभ मुहूर्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशाल शिखर पर दिव्य केसरिया ध्वज फहराएंगे।

10 फीट ऊंचा और 20 फीट लंबा है धर्मध्वज

श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में ऐतिहासिक ‘ध्वजारोहण’ समारोह पर कहा, 'राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण होगा। 11:50 बजे ये ध्वजारोहण किया जाएगा। पीएम मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भगवत मौजूद रहेंगे और उत्तर प्रदेश राज्यपाल और मुख्यमंत्री मौजूद रहेंगे। ध्वज कोविदार वृक्ष अंकित और सूर्य तथा 'ॐ' अंकित है। भगवा पताका है...ये रंग त्याग और समर्पण का प्रतीक है। 10 फीट ऊंचा और 20 फीट लंबा तिकोना समकोण त्रिभुज ऐसा एक ध्वज है। समर्पूण संसार को ये दृश्य अपने-अपने टीवी पर देखने को मिलेगा।

धर्मध्वज का क्या है महत्व? 

वहीं, धर्मध्वज के महतत्व के बारे में बताते हुए तोताद्री मठ जगद्गुरु स्वामी अनंताचार्य ने कहा, “यह दुनिया के लिए मिसाल है। ध्वजा यह जानकारी देता है कि यह एक मंदिर है, यह एक धार्मिक जगह है, यह दूर से ही जानकारी देता है। ध्वज सबसे ऊपर सिर ऊंचा रखता है, इसीलिए मंदिरों में या शुभ मौकों और अच्छे कामों पर ध्वज फहराया जाता है। पूरा होना ही दुनिया का नियम है। अच्छी चीजें और भी अच्छी होंगी। यह सबसे अच्छे में सबसे अच्छा होगा। यह सबके लिए होगा। यह देश के हित में होगा। यह सबके हित में होगा। यही उद्देश्य है। ”

सनातन धर्म में धर्मध्वज क्यों जरूरी?

सनातन धर्म में मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज का विशेष महत्व होता है।  धर्म ध्वज को लोक भाषा में ध्वजा या पताका भी कहते हैं। इसे उन्नति, ऐश्वर्य, समृद्धि और आध्यात्मिक चेतना का जीवंत प्रतीक माना गया है। शास्त्रों के अनुसार:बिना धर्म ध्वज के मंदिर पर राक्षसी चिंतन का प्रभाव रहता है। वहां किया गया जप, तप, यज्ञ, होम आदि का पूर्ण फल भक्तों को नहीं मिलता।


धर्म ध्वज मंदिर की पूरी ऊर्जा को सात्विक बनाए रखता है और देव शक्ति को निरंतर सक्रिय रखता है। इसी कारण सभी मठ-मंदिरों में धर्म ध्वज स्थापना को अनिवार्य माना गया है। राजमहलों पर जो ध्वज राष्ट्र का गौरव बढ़ाता है, वही ध्वज मंदिरों पर धर्म ध्वज के रूप में आध्यात्मिक वैभव का प्रतीक बनता है।
 

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 25 November 2025 at 10:09 IST