अपडेटेड 30 July 2024 at 14:39 IST

महिला सुरक्षा पर CM योगी ने विधानसभा में सपा को लताड़ा, याद दिलाया-'लड़के हैं गलती कर देते हैं...'

समाजवादी पार्टी ने महिला अपराध के मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की। हालांकि सीएम योगी ने मुलायम सिंह का एक बयान याद दिलाते हुए उन पर ही हमला बोल दिया।

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सीएम योगी | Image: ANI

UP Vidhansabha: आज (30 जुलाई) को उत्तर प्रदेश विधानसभा मॉनसूस सत्र का दूसरा दिन है। इस मौके पर समाजवादी पार्टी ने महिला अपराध के मुद्दों पर योगी सरकार को घेरने की कोशिश की। हालांकि इस पर मुख्यमंत्री ने मुलायम सिंह के एक बयान की याद दिलाते हुए सपाईयों पर ही हमला बोल दिया। सूबे के सीएम ने कहा कि यह उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते है, जो कहते थे लड़के हैं गलती कर देते हैं। ये क्या महिला सुरक्षा की बात करेंगे?

दरअसल,  मछलीशहर से समाजवादी पार्टी की विधायक रागिनी सोनकर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से दो सवाल पूछे। रागिनी सोनकर ने पूछा कि प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के बढ़ते यौन शोषण को रोकने के लिए सरकार ने क्या योजना बनाई है? उन्होंने आगे कहा कि इन मामलों में यूपी नंबर वन पर है।

सपा ने उठाया महिला अपराध का मुद्दा

रागिनी ने दूसरा सवाल पूछा कि 2017 से लेकर 2023 तक ऐसे कितने यौन शोषण और पॉस्को के कितने मामले दर्ज किए गए और उनको किस तरह की मदद की गई? क्या काउंसिलिंग की गई? क्या सरकार ने उनकी जिम्मेदारी ली? 

सीएम योगी ने महिला सुरक्षा पर दिया जवाब 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसका जवाब देते हुए कहा कि 2016 के मुकाबले दहेज प्रथा और घरेलू हिंसा समेत अन्य अपराधों में कमी आई है। नाबालिग के खिलाफ यौन अपराधों में 24 हजार से ज्यादा अपराधियों को सजा दिलाई गई। पॉस्को के मामले में भी बड़े स्तर पर सजा दिलाई गई। देश में सजा दिलाने के मामले में यूपी तीसरे स्थान पर है। सीएम ने ये भी बताया कि प्रदेश में हर थाने में महिला हेल्प डेस्क बनाई गई है। हमारी सरकार में आजादी के बाद से दोगुनी महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती हुई है। जबकि 10 हजार से ज्यादा महिला बीट बनाई गई।

याद दिलाया मुलायम सिंह का बयान

सूबे के मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मिशन शक्ति का कार्यक्रम लगातार जारी है, जिसका परिणाम बेहतर मिला। सरकार ने सबसे पहले एंटी रोमियो स्क्वाड बनाया था, जिसका विरोध सबसे पहले सपा ने ही किया था। ऐसा इसलिए क्योंकि महिला संबंधित अपराधों में ज्यादातर सपाई ही शामिल होते है। यह उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते है जो ये कहते थे, लड़के हैं गलती कर देते हैं। ये क्या महिला सुरक्षा की बात करेंगे? महिला सुरक्षा के लिए समजावादी खुद ही एक गंभीर खतरा है।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 30 July 2024 at 14:35 IST