अपडेटेड 30 July 2024 at 09:43 IST

'सपने बांटे जा रहे साधन नहीं...' दिल्ली कोचिंग हादसे पर मनोज झा की स्पीच वायरल

Manoj Jha in Rajya sabha: दिल्ली RAU'S IAS कोचिंग हादसे की गूंज सड़क से लेकर संसद तक सुनाई दे रही है। संसद में भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया जा रहा है।

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RJD MP Manoj Jha
RJD MP Manoj Jha | Image: ANI

Manoj Jha in Rajya sabha: 'सपने बांटे जा रहे साधन नहीं... ये एक वेकअप कॉल...' सोमवार (29 जुलाई) की राज्यसभा की कार्यवाही का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें आरजेडी सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने अपनी इमोशनल स्पीच के जरिये दिल्ली कोचिंग हादसे में हुई मौतों को लेकर सदन को गंभीरता से अवगत कराया।

दिल्ली RAU'S IAS कोचिंग हादसे की गूंज सड़क से लेकर संसद तक सुनाई दे रही है। संसद में भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया जा रहा है। वहीं तमाम नेता इस हादसे का जिक्र करते हुए अपनी बात रख रहे हैं। इसी कड़ी में मनोज झा ने भी अपना भाषण दिया, जो वायरल हो गया।

'कोचिंग इंस्टीट्यूट बहुत ही पावरफुल…'

मनोज झा ने कहा कि कोचिंग इंस्टीट्यूट बहुत ही पावरफुल हो गए हैं। अब तो ये भी कहते हैं कि वो देश और दुनिया का कोई भी एग्जाम क्लियर करा सकते हैं। इनकी भूमिका मंत्री चयन में हैं, सांसदों को चुनने में भी हो गई है। ये जो पॉलिटिकल इकॉनोमी ऑफ कोचिंग इंस्टिट्यूट है, ये जड़ में है। ये अर्बन प्लानिंग और अर्बन डिवलपमेंट को प्रभावित कर सकता है। यह फल-फूल रहा है। मौत हुई और हम आज चर्चा कर रहे हैं।

'हम हादसों के देश में तब्दील हो गए हैं'

आरजेडी सांसद ने आगे कहा कि हम लोग हादसों के देश में तब्दील हो गए हैं। एक बाबा भीड़ लगाता है और हादसे में लोग मर जाते हैं। हम श्रद्धांजलि देते हैं, आगे बढ़ जाते हैं। अपराध की घटना में बिहार की महीनों की फहरिस्त देख लीजिए...    हादसे होते हैं फिर आगे बढ़ जाते हैं। रेल हादसा होता है एक दिन चर्चा होती है,फिर आगे बढ़ जाते हैं। सीवर में उतरने वाले भी मर जाते हैं, उसकी तो और भी चर्चा नहीं होती। ऐसा इसलिए क्योंकि उसकी जाति तय करती है कि उसकी कितनी चर्चा होगी। इस हादसे को मुझे भाजपा बनाम 'आप' बनने का डर था, जो गलत नहीं था। मौत भी हम लोगों को बांट देती है।

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'ये एक वेकअप कॉल है… हम सुनना नहीं चाहते'

राज्यसभा सासंद मनोज झा ने आगे कहा कि ये एक वेकअप कॉल है, वेकअप अलार्म। कहीं कि सरकार हो उसके लिए है। लेकिन हम अलार्म बंद कर देते हैं उसे सुनना नहीं चाहते। हम नहीं सुनने वाले देश में तब्दील हो रहे हैं। हादसे पर हादसे होते रहते हैं और एक दिन श्रद्धांजलि दे दी जाती है। सपने लोगों में बांटे जाते हैं लेकिन वैसे साधन नहीं बंटते हैं। जब सपने और साधन के बीच में गैप होता है तो इस तरह के हादसे होते हैं। 

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 30 July 2024 at 09:43 IST