अपडेटेड 16 November 2025 at 22:35 IST

सोनभद्र खदान हादसा : करीब 30 घंटे बाद भी रेस्क्यू टीम के हाथ खाली, एक शव बरामद, मलबे में कई मजदूर दबे होने की आशंका

UP News : सोनभद्र में माइंस की पत्थर खदान में ड्रिलिंग के दौरान पहाड़ी ढहने से मजदूर मलबे में दब गए। करीब 27 घंटे बाद NRDF और SDRF की टीमों ने एक शव बरामद किया है और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

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सोनभद्र खदान हादसा | Image: ANI

Sonbhadra Mining Blast: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में शनिवार दोपहर करीब तीन बजे एक दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को हिला दिया। ओबरा थाना क्षेत्र के बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में पत्थर खदान में ड्रिलिंग और ब्लास्टिंग के दौरान अचानक पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा ढह गया। इस हादसे में खदान पर काम कर रहे 15 से 20 मजदूर मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है। करीब 30 घंटे बीत जाने के बाद भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

शनिवार से जारी रेस्क्यू ऑपरेशन में रेस्क्यू टीम को अभी तक कोई बड़ी कामयाबी हाथ नहीं लगी है। रेस्क्यू टीम को अभी तक एक शव बरामद हुआ, जबकि बाकी मजदूरों की सांसें अटकी हुई हैं। हर गुजरती मिनट के साथ मजदूरों के बचने की उम्मीदें भी कम होती जा रही हैं।

3 लोगों के खिलाफ FIR

हादसे की चपेट में आए मजदूरों में से एक की पहचान सोनभद्र के गांव पनारी निवासी राजू सिंह के रूप में हुई है। उनके भाई छोटू यादव की शिकायत पर माइनिंग कंपनी के मालिक मधुसूदन सिंह और दिलीप केसरी सहित 3 लोगों के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज की गई है। अधिकारियों के अनुसार, खनन के मानकों का पालन न करने और अवैध गतिविधियों के कारण यह हादसा हुआ। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दो से तीन मौतों का जिक्र है, लेकिन प्रशासन ने अभी आधिकारिक तौर पर एक ही मौत की पुष्टि की है।

रेस्क्यू ऑपरेशन में चुनौतियां

NDRF और SDRF की टीमें बीती रात से लगातार रेस्क्यू अभियान चला रही हैं। सोनभद्र के जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह ने बताया कि मलबे के नीचे करीब 75 टन वजनी विशाल पत्थर की वजह से काम में देरी हो रही है। इस पत्थर को हटाने के बाद ही मलबे में फंसे मजदूरों की स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। आने वाले कुछ घंटों में रेस्क्यू अभियान तेज हो जाएगा। रेस्क्यू में जिले के औद्योगिक क्षेत्र से आए माइंस एक्सपर्ट्स की भी मदद ली जा रही है।

घटना स्थल पर आला अधिकारियों ने डेरा डाला हुआ है। मलबे में दबे मजदूरों के परिजन ठंडी रातों में सड़क किनारे अपनों के सकुशल निकलने का इंतजार कर रहे हैं। पीड़ित परिवार रो-रोकर बेहाल हैं, जबकि कुछ ने प्रशासन से तत्काल मदद की गुहार लगाई है।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 16 November 2025 at 22:35 IST