अपडेटेड 6 May 2025 at 15:51 IST
यूपी के इस शहर में पाकिस्तान से आईं 22 औरतें, पैदा किए 95 बच्चे...कहलाएंगे पाकिस्तानी या भारतीय? जानें क्या कहता है कानून
मुरादाबाद में 22 महिलाएं पाई गईं जिनकी नागरिकता अब भी पाकिस्तानी है, लेकिन वो दशकों से भारत में रह रही हैं।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए। इन फैसलों में पाकिस्तान के साथ राजनयिक और वाणिज्यिक संबंधों पर पुनर्विचार, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना और उन्हें देश से वापस भेजना, देश के अलग-अलग शहरों में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान कर उन्हें बाहर निकालने की प्रक्रिया तेज करना शामिल हैं। पाकिस्तानी नागरिकों को भारत से बाहर करने की कार्रवाई के दौरान उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां 22 महिलाएं पाई गईं जिनकी नागरिकता अब भी पाकिस्तानी है, लेकिन वो दशकों से भारत में रह रही हैं।
इन सभी महिलाओं ने भारतीय पुरुषों से शादी की है और यहां का जीवन अपना लिया है। इनके कुल 95 बच्चे हैं, जिनमें से कई अब वयस्क हो चुके हैं। कुछ की शादी भी हो चुकी है। कुछ महिलाएं दादी-नानी भी बन चुकी हैं। अब सवाल उठता है कि क्या दशकों पहले भारत आई इन महिलाओं और उनके बच्चों को भारत की नागरिकता मिलेगी या वो अभी भी पाकिस्तानी कहलाएंगे?
क्या कहता है भारतीय नागरिकता कानून
भारत में नागरिकता पाने के लिए Citizenship Act, 1955 लागू होता है। इसके तहत नागरिकता मुख्यतः पांच तरीकों से दी जा सकती है।
- जन्म के आधार पर
यदि कोई व्यक्ति भारत में जन्मा है (कुछ शर्तों के तहत), तो उसे जन्म के आधार पर नागरिकता मिल सकती है। - वंश के आधार पर
अगर माता या पिता भारतीय नागरिक हैं, तो संतान को नागरिकता मिल सकती है। - पंजीकरण (Registration) के द्वारा
विदेशी नागरिक, जो भारतीय नागरिक से विवाह कर चुके हैं और भारत में कुछ वर्षों से रह रहे हैं, वे MHA (गृह मंत्रालय) में आवेदन देकर नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं। - देशीकरण (Naturalization)
लंबे समय तक भारत में वैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिक (आमतौर पर 11 साल), विशेष शर्तों को पूरा करने पर नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। - भारतीय क्षेत्र के किसी भाग के भारत में विलय से
जैसे 1971 में बांग्लादेश से जुड़े मामलों में हुआ था।
मुरादाबाद की 22 पाकिस्तानी महिलाओं की क्या है स्थिति
इन 22 पाकिस्तानी महिलाओं ने भारतीय पुरुषों से शादी की है (जो नागरिकता के लिए पंजीकरण का आधार हो सकता है)। वे दशकों से भारत में रह रही हैं (जो देशीकरण का आधार हो सकता है)। उनके बच्चे भारत में पैदा हुए हैं, जिनकी नागरिकता जन्म और वंश के आधार पर तय हो सकती है। लेकिन अगर उन्होंने अब तक औपचारिक रूप से नागरिकता के लिए आवेदन नहीं किया, तो वो अभी भी कानूनी रूप से विदेशी नागरिक मानी जाएंगी। सरकार की कार्रवाई अब ऐसे अनियमित निवासियों पर भी लागू हो सकती है, भले ही वे मानवीय आधार पर भारत में रह रही हों।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 6 May 2025 at 15:51 IST