अपडेटेड 29 January 2025 at 19:13 IST
Mahakumbh: 'प्रयागराज महाकुंभ में बैरिकेड्स टूटने की वजह से मची भगदड़...', DIG ने बताया कैसे हुई 30 लोगों की मौत
DIG ने में बताया कि महाकुंभ प्रयागराज में भारी भीड़ का दबाव बना, जिसकी वजह से बैरिकेड्स टूट गए। भीड़ ने लोगों को कुचलना शुरू कर दिया।
Mahakumbh Stampede News: महाकुंभ में मौनी अमावस्या से पहले उमड़े जनसैलाब में भगदड़ मचने से बड़ा और दर्दनाक हादसा हो गया। भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई, जबकि 60 लोग घायल हुए हैं। DIG ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आधिकारिक आंकड़े बताए हैं। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि भगदड़ आखिर मची कैसे?
महाकुंभ DIG वैभव कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में 30 लोगों की मौत की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि 25 मृतकों की पहचान कर ली गई है, जबक जबकि 5 लोगों की शिनाख्त अभी तक नहीं हुई है। मेला प्रशासन की तरफ से हेल्पलाइन नंबर (1920) जारी किया गया है।
DIG ने बताया कैसे मची भगदड़?
डीआईजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि महाकुंभ प्रयागराज में भारी भीड़ का दबाव बना, जिसकी वजह से बैरिकेड्स टूट गए। भीड़ ने लोगों को कुचलना शुरू कर दिया। प्रशासन ने तत्काल राहत-बचाव कार्य किया। एंबुलेंस से कुल 90 लोगों को अस्पताल ले जाया गया। इसमें 30 लोगों की मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि महाकुंभ में करीब रात 1-2 बजे के बीच भगदड़ मची। कुछ श्रद्धालु बैरिकेड्स तोड़कर आगे आ गए। कुछ श्रद्धालु जो सो रहे थे या बैठकर ब्रह्म मुहूर्त का इंतजार कर रहे थे। उनको दूसरे श्रद्धालुओं ने अफरा-तफरी में चढ़ गए। ऐसे हालात बन गए। उन्होंने इस दौरान यह भी साफ किया कि वहां कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं था।
‘दूसरे प्रदेशों के आए श्रद्धालुओं की भी हुई मौत’
डीजीआई ने बताया कि भगदड़ में मरने वाले श्रद्धालुओं में दूसरे प्रदेशों के भी लोग शामिल हैं। गुजरात, असम और कर्नाटक के श्रद्धालुओं की मौत हुई है। कुछ घायलों को परिवारवाले लेकर चले गए। 36 घायलों का इलाज चल रहा है।
महाकुंभ DIG वैभव कृष्ण ने कहा कि शासन ने 29 जनवरी को सख्त निर्देश दिए थे कि कोई भी VIP प्रोटोकाल नहीं होगा। कोई VIP प्रोटोकाल इंटरटेन नहीं किया गया। वहीं, मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि जो श्रद्धालु आएं हैं, उन्हें वापस भेजने के लिए तत्परता से काम कर रहे हैं। भगदड़ के बाद अखाड़ा परिषद ने अमृत स्नान करने से इनकार कर दिया था। बाद में हालात सामान्य होने के बाद अखाड़ों ने तय किया कि वह अमृत स्नान में शामिल होंगे।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 29 January 2025 at 19:09 IST