अपडेटेड 16 April 2025 at 16:36 IST

गैंगस्टर मुख्तार की जेल में चली गई जान, लेकिन गैंग सरगना और पत्नी अफशा कहां अंडरग्राउंड; आजीवन वारंट से बच पाएगी लेडी डॉन?

मुख्तार की मौत के बाद जैसे ही उसकी आपराधिक सल्तनत डगमगाई, वैसे ही जांच एजेंसियों की नजर डॉन की पत्नी अफशा पर पड़ी जिसने हमेशा पर्दे के पीछे से खेल रचा।

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गैंगस्टर मुख्तार की जेल में चली गई जान, लेकिन गैंग सरगना और पत्नी अफशा कहां अंडरग्राउंड; आजीवन वारंट से बच पाएगी लेडी डॉन? | Image: Instagram

उत्तर प्रदेश की सियासत और अपराध की दुनिया में एक नाम सालों तक दहशत का पर्याय रहा माफिया मुख्तार अंसारी। मऊ जिले की सदर विधानसभा सीट पर दशकों तक उसका सिक्का चलता रहा। लेकिन अब, जब डॉन खुद ज़मीन के नीचे जा चुका है, उसकी रानी अफशा अंसारी कानून की नजरों से बचकर अंधेरे में कहीं गुम हो चुकी है। मुख्तार की मौत के बाद जैसे ही उसकी आपराधिक सल्तनत डगमगाई, वैसे ही जांच एजेंसियों की नजर डॉन की पत्नी अफशा पर पड़ी जिसने हमेशा पर्दे के पीछे से खेल रचा। मऊ की अदालत ने अब उस पर शिकंजा कस दिया है। कोर्ट ने स्थायी वारंट जारी कर दिया है मतलब अब अफशा की गिरफ्तारी तक या उसकी मौत तक ये वारंट मान्य रहेगा। पहले ही उसके खिलाफ ₹50,000 का इनाम और लुकआउट नोटिस जारी हो चुका था, लेकिन अफशा की कोई परछाई तक हाथ नहीं आई। अब, जब अदालत ने फिर से वारंट जारी किया है, तो अंसारी खेमें में हलचल मच गई है।


एक समय जो इलाके की बेखौफ मल्लिका थी, अब खुद को छुपाती फिर रही है। सवाल ये है क्या अफशा अंसारी कानून की गिरफ़्त में आएगी? या फिर वो भी अपने पति की तरह काले रहस्यों की परछाइयों में खो जाएगी? उत्तर प्रदेश का मऊ जिला। यहां की हवा में कई सालों तक एक नाम का खौफ तैरता रहा मुख्तार अंसारी, लेकिन अब जब खुद डॉन काल के गाल में समा चुका है, तब भी उसका साम्राज्य पूरी तरह नहीं ढहा, क्योंकि अब भी उसकी गद्दी संभाल रही है उसकी बेगम अफशां अंसारी। इस नाम से सिर्फ सियासत नहीं, अंडरवर्ल्ड भी कांपता है। अफशां अंसारी पर मऊ की अदालत पहले ही ₹50,000 का इनाम घोषित कर चुकी है। इतना ही नहीं, उसके पांच बेटों पर भी पचास-पचास हज़ार के इनाम घोषित हैं पूरा परिवार अब 'वांटेड' लिस्ट में शुमार हो चुका है।


क्या हैं डॉन की बेगम केअपराध ?

जमीन कब्जा, फर्जीवाड़ा, और संगठित अपराध सहित अफशां पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज हैं। जो पहले सिर्फ 'माफिया की पत्नी' के नाम से जानी जाती थी, वही अब पूरे गैंग की कमान संभाले बैठी है। साल 2020 में मऊ के दक्षिण टोला थाना क्षेत्र के रैनी गांव में एक एफसीआई गोदाम की बाउंड्री वॉल खड़ी की गई, लेकिन हकीकत कुछ और थी जांच में सामने आया कि जमीन ग्राम समाज और दलित परिवारों की है। सत्ता और पैसे के जोर पर कब्जा कर लिया गया। 2021 में मामला तूल पकड़ा। डीएम के आदेश पर प्रशासन ने बुलडोजर चलवा दिया और उसी दिन अफशां अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ। साथ ही ₹50,000 का इनाम कानून ने अब उसे 'माफिया बेगम' घोषित कर दिया। आज वो फरार है, लेकिन उसका नाम अब भी इलाके में गूंजता है "डॉन मर गया... लेकिन बेगम की सल्तनत अब भी ज़िंदा है।"


"जब डॉन गया, तो बेगम ने संभाल लिया मोर्चा ..."

उत्तर प्रदेश की माफिया बेल्ट में एक नाम था जिसे सुनते ही रूह कांप जाती थी मुख्तार अंसारी, लेकिन अब जब डॉन इस दुनिया से चला गया, उसके पीछे रह गई वो शख्सियत जिसने उसकी गैरमौजूदगी में पूरे गैंग की कमान संभाल ली अफशा अंसारी। नाम भले ही 'पत्नी' का हो, लेकिन अफशा ने खुद को साबित किया वो सिर्फ डॉन की हमसफर नहीं, पूरी गैंग की असली संचालिका थी। जैसे ही मुख्तार की पकड़ ढीली हुई, अफशा ने मोर्चा संभाल लिया। सूत्रों की मानें तो फैसले वहीं से होते थे, आदेश वहीं से निकलते थे और गैंग उसी के इशारों पर चलता था। मऊ की कोर्ट ने गंभीर रुख अपनाया और अफशा अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट के तहत ₹50,000 का इनाम घोषित कर दिया। साथ ही, लुक आउट नोटिस भी जारी हुआ मतलब चाहे एयरपोर्ट हो या बॉर्डर, अफशा कहीं भी दिखे तो उसे तुरंत गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाए। लेकिन अफशा अंसारी किसी साये की तरह गायब हो चुकी है। ना CCTV में चेहरा मिला, ना कॉल डिटेल्स में सुराग। हर दिन उसकी फरारी, कानून के लिए एक नई चुनौती बनती जा रही है। सवाल वही है क्या माफिया क्वीन अफशा अंसारी कभी कानून के शिकंजे में आएगी? या वो भी अपने पति की तरह अपराध की दुनिया में एक रहस्यमयी अफसाना बनकर रह जाएगी?


कौन है अफशा अंसारी?

  • वो सिर्फ मुख्तार की पत्नी नहीं थी वो पूरे गैंग की कमांडर थी।
  • जब मुख्तार जेल में था, तब संगठन चलाने का काम अफशा संभाल रही थी।
  • कहने को महिला, लेकिन फैसले पत्थर की लकीर होते थे।
  • जमीन कब्जा, अवैध निर्माण, राजनीतिक दबाव सबकुछ उसी के इशारों पर चलता था।
  • अब भी फरार  साया बन चुकी है अफशा
  • पुलिस की कई टीमें अफशा की खोज में जुटी हैं
  • बॉर्डर सील, मोबाइल सर्विलांस, खुफिया नेटवर्क एक्टिव।
  • लेकिन अफशा अंसारी का अब तक कोई सुराग नहीं।
  • वो सिस्टम के सामने जैसे साया बनकर गायब हो गई है। न दस्तावेज़, न कॉल रिकॉर्ड, न किसी मुखबिर की खबर।।


अदालत के वारंट के बाद पुलिस की घेराबंदी

उत्तर प्रदेश का मऊ जिला, जहां कभी मुख्तार अंसारी का एकछत्र राज चलता था। लेकिन अब जब डॉन इस दुनिया से रुखसत हो चुका है, उसकी सल्तनत की वारिस — अफशा अंसारी — पर कानूनी शिकंजा कस चुका है। बुधवार को मऊ सीजेएम कोर्ट ने एक बार फिर स्थायी वारंट जारी किया ऐसा वारंट जो तब तक खत्म नहीं होगा,"जब तक गिरफ्तारी न हो जाए, या मौत दस्तक न दे।" इस आदेश के बाद पूरे अंसारी खेमें में खलबली मच गई है। मुख्तार की मौत से पहले ही अफशा अंसारी फरार हो चुकी थी। अब गाजीपुर और मऊ की पुलिस ने उसे आधिकारिक रूप से “भगोड़ा” घोषित कर दिया है। गाजीपुर पुलिस की ओर से जारी 29 इनामी अपराधियों की लिस्ट में अफशा अंसारी का नाम सबसे ऊपर है। मऊ और गाजीपुर दोनों जिलों ने अफशा पर ₹50,000-₹50,000 का इनाम घोषित किया है। यानी अब अफशा पर कुल ₹ एक लाख का इनाम है और वह मोस्ट वांटेड की लिस्ट में शामिल हो चुकी है।

यह भी पढ़ेंः मुख्तार अंसारी की पत्नी भगोड़ा घोषित, अफशा पर UP पुलिस ने कसा शिकंजा, सूचना देने वाले को मिलेगा इतने रुपये का इनाम

Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 16 April 2025 at 16:36 IST