अपडेटेड 10 December 2025 at 14:34 IST

Lucknow: प्राइवेट हॉस्‍पिटल में हुई मरीज की मौत, सरकारी अस्‍पताल में लाश फेंक भाग गए एंबुलेंस वाले; CCTV में कैद हुई शर्मनाक करतूत

लखनऊ के कृष्णानगर इलाके में स्थित एक निजी अस्पताल में सोमवार सुबह एक मरीज की मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल के कर्मचारी शव को लेकर एंबुलेंस में सरकारी अस्पताल पहुंचे, लेकिन बिना सूचना दिए शव को इमरजेंसी के बाहर छोड़कर वहां से फरार हो गए

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Lucknow: प्राइवेट हॉस्‍पिटल में हुई मरीज की मौत, सरकारी अस्‍पताल में लाश फेंक भाग गए एंबुलेंस वाले; CCTV में कैद हुई शर्मनाक करतूत | Image: Pixabay

लखनऊ के कृष्णानगर इलाके में स्थित एक निजी अस्पताल में सोमवार सुबह एक मरीज की मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल के कर्मचारी शव को लेकर एंबुलेंस में सरकारी अस्पताल पहुंचे, लेकिन बिना सूचना दिए शव को इमरजेंसी के बाहर छोड़कर वहां से फरार हो गए। शव कई घंटे लावारिस पड़ा रहा, जिससे अस्पताल प्रशासन को मजबूर होकर पुलिस को सूचित करना पड़ा। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

जानकारी के मुताबिक 37 वर्षीय कर्मवीर सिंह, जो सरोजनी नगर के निवासी थे, सोमवार सुबह काम पर जाने के लिए घर से निकले थे। रास्‍ते में उनकी तबीयत बिगड़ गई, तो वे खुद ही करीब 8 बजे एसकेडी अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। मगर निजी अस्पताल ने इस घटना को परिवार से छुपाने की कोशिश की और शव को एंबुलेंस में रखकर लोकबंधु अस्पताल भेज दिया।

CCTV फुटेज से खुला राज

लोकबंधु अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ ने जब इमरजेंसी के बाहर लंबे समय तक शव को स्ट्रेचर पर पड़ा देखा, तो उन्होंने इसकी सूचना अस्पताल प्रशासन को दी। बाद में सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि निजी अस्पताल के दो कर्मचारी शव को स्ट्रेचर पर रखकर अस्पताल के बाहर छोड़कर भाग गए। शव करीब चार से पांच घंटे तक वहीं पड़ा रहा। इसके बाद पुलिस को खबर दी गई। जांच में मृतक के जेब से मोबाइल और आधार कार्ड मिलने से उनकी पहचान हुई, और पुलिस ने परिजनों को सूचना दी।

कर्मवीर के परिवारवालों ने अस्‍पताल पर लगाया गंभीर आरोप

कर्मवीर के परिवार ने निजी अस्पताल पर गंभीर लापरवाही और शव को छुपाने का आरोप लगाया है। कर्मवीर के परिवार में पत्नी अंजू, बेटा युवराज और बेटी प्रज्ञा है। मृतक की पत्नी अंजू ने बताया- 12 साल का बेटा है और एक 9 साल की बेटी है। कर्मवीर सिंह श्रीराम फाइनेंस में काम करते थे। साल 2010 में उनकी शादी हुई थी। वो खुद प्राइवेट स्कूल में काम करती हैं। सुबह वो स्कूल निकल जाती थीं। सोमवार को भी ऐसा ही हुआ। सुबह दोनों बच्चे और वो खुद स्कूल निकल गईं। पौने 8 बजे से करीब पति ऑफिस जाने के लिए निकले थे। पर अचानक कैसे क्या हुआ, कि वो SKD हॉस्पिटल पहुंचे, ये उन्हें खुद समझ नहीं आ रहा। घर पर सिर्फ बुजुर्ग माता जी हैं।

CMO ने दिए जांच के आदेश

SKD हॉ​स्पिटल में मरीज की मौत के बाद शव लोकबंधु अस्पताल में फेंकने मामले की जांच शुरू हो गई है। सीएमओ ऑफिस की ओर से मंगलवार को लोकबंधु अस्पताल को पत्र देकर सीसीटीवी फुटेज मांगा है। सीएमओ का कहना है कि मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई गई है। निजी अस्पताल पर लगे आरोप सही मिले तो कार्रवाई होगी। मंगलवार को सीएमओ ने मामले की जांच नर्सिंग होम के नोडल डॉ.एपी सिंह को सौंपी है। जिनके जरिए लोकबंधु अस्पताल से फुटेज मांगी गई है। वहीं, SKD हॉ​स्पिटल को नोटिस जारी की गई है।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 10 December 2025 at 14:34 IST