अपडेटेड 20 July 2025 at 13:20 IST
Jewar: झूठे अपहरण केस पर DCP साद मियां खान का बड़ा खुलासा, मुख्य आरोपी कैप्टन सहित 5 को किया गिरफ्तार; जमीन हड़पने के लिए रची गई साजिश
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट परियोजना के विस्थापन, अधिग्रहण और पुनर्वास कार्य में रुकावट डालने के लिए रचे गए एक झूठे अपहरण की साजिश का पर्दाफाश जेवर कोतवाली पुलिस ने किया है।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट परियोजना के विस्थापन, अधिग्रहण और पुनर्वास कार्य में रुकावट डालने के लिए रचे गए एक झूठे अपहरण की साजिश का पर्दाफाश जेवर कोतवाली पुलिस ने किया है। पुलिस और स्वाट टीम की संयुक्त कार्रवाई में अपहृत किसान हंसराज उसकी पत्नी कमलेश देवी और बेटे सौरभ को सकुशल बरामद कर लिया है। इस सनसनी के मामले में एक पायलट सहित 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं।
डीसीपी ग्रेटर नोएडा शाद मियां खान ने मामले का खुलासा करते हुए बताया की जेवर एयरपोर्ट के प्रथम चरण में छह गांव के लोगों को जेवर में आरआर साइट पर पुनर्वासित किया गया था। ग्राम रोही के निवासी हंसराज और उनके परिवार जिसमें उनकी पत्नी कमलेश देवी और बेटे सौरभ और सोनू शामिल है, पुनर्वास स्थल जाने से असहमति जता रहे थे। वह पिछले 3 साल से एयरपोर्ट परिसर की बाउंड्री में ही रह रहे थे। बीते 29 मई 2025 को प्रशासन ने उन्हें वहां से हटकर आरआर साइट पर आवंटित भूखंड में शिफ्ट कर दिया। इसके बाद 2 जून 2025 को सौरभ ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट दायर कर दावा किया कि उनके माता-पिता और भाई को पुलिस ने अवैध रूप से हिरासत में ले लिया है। कोर्ट ने 9 जून को रिट स्वीकार की और 11 जून को अपहृत लोगों को पेश करने का आदेश दिया।
पुलिस ने जांच के लिए 7 टीमों का किया गठन
कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने 7 टीमें जांच के लिए गठित की। शुरुआती जांच में कोई ठोस सुराग नहीं मिला क्योंकि कथित अपहरण किए गए लोग कहीं भी स्वतंत्र रूप से घूमते हुए नहीं दिखाई दे और उनके फोन भी बंद थे। कोर्ट ने अगली सुनवाई 7 जुलाई की तय की। इसीबीच 26 जून को हंसराज के परिचित कामेश ने शिकायत की जेवर थाने में बीएनएस के तहत मामला दर्ज हुआ और जांच को नई दिशा मिली।
आरोपी कैप्टन सहित 5 लागों को किया गिरफ्तार
पुलिस जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। मास्टरमाइंड कैप्टन उत्तम सिंह जो जो पेशे से पायलट है, उनके साथियों ने 6 जून 2025 की रात हंसराज और उनके परिवार को इलाज के बहाने झांसा देकर अपहरण किया। उन्हें बीएमडब्ल्यू कार में पहले सेक्टर135 ले गए, वहां पर मैदान गाड़ी दिल्ली में रिश्तेदार रमादेवी के मकान में छुपाया गया। 15 जून की तड़के उन्हें दयानतपुर गांव में एकांत में स्थित पवन चौधरी के फार्म हाउस में ट्रांसफर कर दिया। इस दौरान अपहरण किए गए लोगों का बाहरी दुनिया से संपर्क कट गया। आरोपियों ने किसान परिवार को बंधक बनाकर इसलिए रखा था कि हाईकोर्ट में पुलिस प्रशासन को दोषी ठहराया जा सके। ऐसा करने के पीछे इनका मकसद एयरपोर्ट परियोजना में बाधा डालना, जमीन पर अवैध कब्जा करना और क्षेत्र में राजनीतिक सामाजिक व आर्थिक दवाब बनाना था।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 19 July 2025 at 21:02 IST