अपडेटेड 19 February 2025 at 21:53 IST

UP: गोरखपुर में 'अवैध' मस्जिद पर चलेगा बुलडोजर, GDA ने जारी किया 15 दिन का अल्टीमेटम

जनवरी 2024 में नगर निगम ने इस इलाके से 12 रिहायशी और 31 व्यावसायिक प्रतिष्ठान हटा दिए थे। हालांकि उस समय मस्जिद के भूतल को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया गया था

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UP: गोरखपुर में 'अवैध' मस्जिद पर चलेगा बुलडोजर, GDA ने जारी किया 15 दिन का अल्टीमेटम | Image: AI

Mosque will Demolish in Gorakhpur:  गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने नगर के घोष कंपनी चौराहे के पास नगर निगम की जमीन पर ‘अवैध’ रूप से बनायी गयी तीन मंजिला एक मस्जिद को ध्वस्त करने के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम जारी किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि जीडीए द्वारा मस्जिद के ट्रस्टी के बेटे शोएब अहमद को 15 फरवरी को जारी नोटिस में कहा गया है कि वह नक्शा स्वीकृत कराये बगैर बनी मस्जिद को तय समय सीमा के अंदर खुद ही ध्वस्त करा लें।

सूत्रों के अनुसार नोटिस में कहा गया है कि ऐसा नहीं करने पर जीडीए उस ढांचे को बुलडोजर से गिराएगा और निर्माणकर्ता से इसमें होने वाला खर्च वसूल करेगा। सूत्रों के मुताबिक 2024 में जीडीए के निरीक्षण में पता चला था कि मस्जिद की दो मंजिलों का निर्माण पहले ही हो चुका है, जबकि तीसरी मंजिल का काम किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि कई नोटिस के बावजूद निर्माणकर्ता उस मस्जिद के लिए स्वीकृत नक्शा पेश करने में विफल रहा जबकि इस जमीन पर पिछले 50 सालों से अतिक्रमण है।

 

2024 में 12 रेजीडेंशियल और 31 कॉमर्शियल इमारतों को हटाया गया था

जनवरी 2024 में नगर निगम ने इस इलाके से 12 रिहायशी और 31 व्यावसायिक प्रतिष्ठान हटा दिए थे। हालांकि उस समय मस्जिद के भूतल को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया गया था लेकिन निगमकर्मियों को मस्जिद के ट्रस्टी और स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा था। बाद में नगर निगम बोर्ड ने मस्जिद के समीप उसके पुनर्निर्माण के लिए दक्षिण-पूर्व कोने पर 60 वर्ग मीटर का भूखंड मंजूर किया था।

 

जीडीए के आदेश को चैलेंज करते हुए मस्जिद ट्रस्टी ने कोर्ट का रुख किया

जीडीए के आदेश को चुनौती देते हुए मस्जिद के ट्रस्टी ने कमिश्नर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां से अभी तक कोई आदेश नहीं आया है। जीडीए के उपाध्यक्ष आनंद वर्धन ने कहा कि निर्माण अवैध था और बार-बार नोटिस देने के बावजूद कोई वैध दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए। इस बीच, ट्रस्टी के बेटे शोएब अहमद ने तर्क दिया है कि नगर निगम बोर्ड ने पहले ही जमीन को मंजूरी दे दी थी और 60 वर्ग मीटर से कम क्षेत्र में निर्माण के लिये मानचित्र पास कराने की जरूरत नहीं होती है।

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 19 February 2025 at 21:53 IST