अपडेटेड 3 July 2024 at 12:23 IST
Hathras Stampede: आंचल में बांध लेतीं...बाबा के पैर की मिट्टी की ये कैसी चाहत, जिसमें गईं 121 जानें
बाबा के पैरों के नीचे की मिट्टी पाने के चक्कर में भक्त बेकाबू हो गए और फिर जो गिरा वो उठ नहीं पाया। लोग कुचलते-रौंदते निकल पड़े।
Hathras Stampede: यूपी के हाथरस में 'मौत का सत्संग' हुआ। सत्संग के दौरान प्रवचनकर्ता भोले बाबा के दर्शन के लिए अनुयायियों में होड़ लग जाने और वहां की जमीन कीचड़ और फिसलन भरी होने से भगदड़ मची। इसमें अबतक 121 लोगों की जान जा चुकी है।
इन मौतों का गुनहगार भोले बाबा अब तक फरार है। शुरुआती जांच में पता चला है कि बाबा के पैरों के नीचे की मिट्टी पाने के चक्कर में भक्त बेकाबू हो गए और फिर जो गिरा वो उठ नहीं पाया। लोग कुचलते-रौंदते निकल पड़े।
आखिर क्या है उस मिट्टी में, क्यों मानते हैं चमत्कारी
बाबा के भक्तों की मानें तो बाबा जहां पैर रखता है, उस मिट्टी को भक्त पवित्र मानते हैं। मान्यता है कि उस मिट्टी को घर ले आने से सारे कष्ट दूर होते हैं। महिलाएं इसे आंचल में बांध लेती हैं। बाबा के मार्ग में रंगोली सजाई जाती है।
उस रंगोली के रंग से मिली धूल को भी महिलाएं अपने माथे से लगाती हैं। सालों से यही परंपरा चली आ रही है। जानकारी के मुताबिक इसी चमत्कारी मिट्टी के चक्कर में लोग उमड़े थे और फिर भगदड़ मच गई।
धूल के चक्कर में मिट्टी में मिल गई 121 जिंदगियां
सिकंदराराऊ के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) रवेंद्र कुमार के अनुसार, भगदड़ तब हुई जब श्रद्धालु सत्संग के अंत में प्रवचनकर्ता भोले बाबा की एक झलक पाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने बताया कि वे बाबा के पैरों के आसपास की मिट्टी इकट्ठा करना चाहते थे। सिकंदराराऊ थाने के प्रभारी निरीक्षक आशीष कुमार ने हादसे के लिए प्रवचनकर्ता भोले बाबा के सत्संग में भीड़भाड़ को जिम्मेदार ठहराया।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 3 July 2024 at 11:49 IST