अपडेटेड 4 August 2024 at 10:54 IST

जिंदगी का नाम दोस्ती...एसिड अटैक के बाद टूट गई थी, तभी रूप राम ने थामा हाथ और जीने लगी सीमा

Friendship Day: एसिड अटैक के बाद सीमा अपनी जान देने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उसके दोस्त रूप राम ने उसे न सिर्फ संभाला बल्कि उसका साथ भी दिया।

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एसिड अटैक पीड़िता सीमा | Image: @StopAcidAttacks

Roop ram and Seema Friendship: फ्रेंडशिप डे वाले दिन सीमा और रूप राम की दोस्ती की कहानी यकीनन लोगों को उत्साह से भर देगी, क्योंकि सीमा बेहद कम उम्र में एसिड अटैक का शिकार हो गई थी, लेकिन उसके दोस्त रूप राम ने जब उसकी जिंदगी में कदम रखा तो मानों सीमा की हिस्से की सारी खुशियां उसे वापिस मिल गई।

एक वक्त था जब सीमा अपनी जान देने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उसके दोस्त रूप राम ने उसे न सिर्फ संभाला बल्कि उसका साथ भी दिया। यह खबर उन लोगों के लिए भी बड़ी प्रेरणा साबित होगी, जो किसी भी विपरीत परिस्थिति में हार मानने के बजाय जीवन में आगे बढ़ने का संकल्प लेते हैं। सीमा और रूप राम की ये कहानी या ये कहें कि प्रेम कहानी यह साबित करती है कि सच्चे प्यार और दोस्ती की ताकत किसी भी चुनौती को पार कर सकती है।

एसिड अटैक ने छीन लिए थे सारे सपने

नोएडा के शीरोज कैफे में काम करने वाली सीमा की कहानी संघर्ष और साहस की एक अद्भुत मिसाल है। जब सीमा 16 साल की थीं, तब उन पर एसिड अटैक हुआ, जिसने उनकी जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया। उनके भाई पर तेजाब से हमला हुआ, लेकिन वह बीच में आ गईं और वह 50 प्रतिशत जल गईं। दर्दनाक इलाज और समाज के तिरस्कार के बीच, सीमा ने कभी सोचा नहीं था कि एक दिन उनकी जिंदगी में रूप राम जैसा दोस्त आएगा, जो उनका सहारा बनेगा और उन्हें जीने की नई उम्मीद देगा।

2016 में जीवन में आया दर्दनाक मोड़

अकबरपुर की रहने वाली सीमा का जीवन 2016 में एक दर्दनाक मोड़ पर आ गया। एसिड अटैक के बाद सीमा का चेहरा और हाथ पैर जल गए थे। लखनऊ के एक मेडिकल कॉलेज में कई महीनों के इलाज और 10 से ज्यादा ऑपरेशनों के बाद, सीमा को नोएडा में शीरोज कैफे में नौकरी मिली।

जब सीमा को खुद से ही होने लगी थी नफरत  

2019 में नौकरी के दौरान सीमा की मुलाकात रूप राम से हुई। दोनों की दोस्ती गहरी होती गई और रूप राम ने सीमा को हर कदम पर सहारा दिया। लेजर सर्जरी और चेहरे की खराबी से जूझ रही सीमा को खुद से नफरत होने लगी थी, लेकिन रूपराम ने उन्हें इस दर्द से उबरने में मदद की। उनकी दोस्ती ने सीमा को एक नई जिंदगी दी, जिससे वह फिर से जीने लगीं।

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परिवार की नाराजगी के बावजूद प्यार की जीत

जब रूप राम के परिवार को उनकी दोस्ती के बारे में पता चला, तो उन्होंने इसे अपनाने से इनकार कर दिया। लेकिन रूपराम ने हार नहीं मानी और अपने परिवार को मनाया। जिसके बाद पिछले महीने 9 जुलाई 2024 को सीमा और रूप राम ने शादी के बंधन में बंधकर अपनी प्रेम कहानी को एक नया मुकाम दिया। अब रूप राम सीमा को नियमित रूप से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं और सीमा कहती हैं कि वह अब बेहद खुश हैं।

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 4 August 2024 at 10:53 IST