अपडेटेड 1 August 2025 at 11:10 IST

छांगुर बाबा को पाकिस्तान से मिलती थी फंडिंग, ED की पूछताछ में अवैध धर्मांतरण के खुले नए राज

UP News : यूपी में अवैध धर्मांतरण का धंधा चलाने वाले छांगुर बाबा पर ED का शिकंजा कस गया है। उसने पूछताछ में पाकिस्तान से फंडिंग की बात कबूल की है।

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छांगुर बाबा को पाकिस्तान से मिलती थी फंडिंग | Image: ANI

Chhangur Baba News : जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा, जो कभी "पीर बाबा" बनकर लोगों को रास्ता दिखाने का दावा करता था, अब ED के सवालों के जाल में फंस गया है। अवैध धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार छांगुर ने ED की पूछताछ में सनसनीखेज खुलासे किए हैं। रिमांड के दौरान छांगुर ने गोलमोल जवाबों में कबूल किया कि उसकी संस्थाओं को पाकिस्तान समेत कई देशों से आर्थिक मदद मिली थी।

ED ने छांगुर को कठिन सवालों में घेरते हुए उसके विदेशी फंडिंग नेटवर्क और संपत्तियों की जांच तेज कर दी है। जानकारी के मुताबिक पूछताछ में छांगुर ने माना कि उसकी संस्थाओं को पाकिस्तान से फंडिंग मिलती थी, लेकिन उसने अपनी सफाई देते हुए कहा कि यह रकम "धर्म के प्रचार" के लिए थी। उसका तर्क था, अपने धर्म का प्रचार करना कैसे गलत हो सकता है?

दुबई यात्रा पर खुलासा

ED की पूछताछ में छांगुर ने दुबई में अपने कई लोगों से रिश्ते कबूले हैं। पूछताछ में छांगुर ने बताया कि उसकी दुबई यात्राओं के टिकट और दूसरे इंतजाम उसके मुरीदों ने किए। उसने दावा किया कि इन यात्राओं का मकसद धार्मिक गतिविधियां और गरीबों की मदद करना था।

करोड़ों की फंडिंग स्वीकार

जब ईडी ने पूछा कि नीतू उर्फ नसरीन को क्यों साथ ले जाता था और उसके नाम पर संपत्तियां क्यों खरीदी गईं? इस सवाल पर छांगुर ने कहा कि नीतू को धर्मांतरण का काम सिखाया गया था और वह इस काम को आगे बढ़ा रही थी। उसने जोर देकर कहा कि किसी को जबरन इस्लाम कबूल नहीं कराया गया। छांगुर ने स्वीकार किया कि उसे करोड़ों रुपये की फंडिंग मिली, लेकिन उसने दावा किया कि इसका इस्तेमाल गरीबों की मदद के लिए किया गया।

गुरुवार को ED के 3 अधिकारियों ने छांगुर से कई घंटों तक पूछताछ की। ईडी ने छांगुर की दुबई स्थित संपत्तियों का विवरण जुटा लिया है, जिनमें से अधिकतर की जानकारी यूपी एटीएस पहले ही हासिल कर चुकी है। जांच में सामने आया है कि छांगुर के 40 से अधिक बैंक खातों में मध्य पूर्व और अन्य देशों से 106 करोड़ रुपये से अधिक की रकम आई, जिसमें से कुछ का इस्तेमाल अवैध धर्मांतरण और संपत्ति खरीद में किया गया।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 1 August 2025 at 11:10 IST