अपडेटेड 7 September 2024 at 14:43 IST

'वो' एक ही है...बहराइच में 'अल्फा मेल भेड़िया' ही खेल रहा खूनी खेल, हमले का पैटर्न दे रहा सबूत!

यूपी के बहराइच में आदमखोर भेड़ियों का आतंक जारी है। भेड़ियों ने अबतक कुल 12 लोगों को अपना निवाला बनाया है।

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alpha male wolf | Image: Pixabay

यूपी के बहराइच में आदमखोर भेड़ियों का आतंक जारी है। भेड़ियों ने अबतक कुल 12 लोगों को अपना निवाला बनाया है। मरने वालों में 10 बच्चे शामिल है। वन विभाग का कहना है कि झुंड में 6 भेड़िए थे जिनमें से 4 पकड़ लिया गया है। 2 भेड़ियों के लिए जाल बिछाए गए हैं। अगर वो दोनों जाल में फंस जाते हैं तो खूनी खेल खत्म हो जाएगा।

अब सवाल यह उठता है कि क्या बहराइच में ये 2 भेड़िए ही लोगों को निशाना बना रहे हैं? सवाल इसलिए क्योंकि जीवविज्ञानी मानते हैं कि बहराइच में सिर्फ एक ही आदमखोर भेड़िया है जो लोगों को निवाला बना रहा है। जीवविज्ञानियों के मुताबिक 'वो' एक ही है जिसे पकड़ने के बाद बहराइच में भेड़ियों का आतंक खत्म हो जाएगा। अशंका ये भी है कि कहीं वो 'अल्फा मेल भेड़िया' तो नहीं, जिसे झुंड का सरदार कहा जाता है।

हमले का पैटर्न उठा रहा 'अल्फा मेल भेड़िया' वाला एंगल

वाइल्ड लाइफ एक्‍सपर्ट्स की मानें तो बहराइच में हुए 12 लोगों की मौत के पीछे केवल एक 'खास' भेड़िया हो सकता है ना कि 6 का झुंड। बहराइच में भेड़ियों के हमलों के हालिया पैटर्न को देखकर यही लगता है। मारे गए बच्चों के शरीर पर चोटों के निशान से संकेत मिलता है कि हमलों के पीछे एक ही भेड़िया है।

अगर भेड़ियों का झुंड होता तो शव के टुकड़े अलग-अलग जगह होते

एक्‍सपर्ट्स के मुताबिक अगर किसी झुंड ने हमला किया होता, तो बच्चों के सिर और धड़ अलग-अलग स्थानों पर पाए जाते। लेकिन बहराइच में सभी पीड़ितों के शरीर अलग-अलग नहीं पाए गए और केवल उनकी मांसपेशियां ही खाई गईं, जो इन हमलों में सिर्फ 'एक भेड़िये' के शामिल होने की ओर इशारा करता है। उन्‍होंने बताया, 'एक भेड़िया एक बार में लगभग 5 से 6 किलोग्राम मांस खा सकता है। वहीं, अगर कोई झुंड हमला करता है, जिसमें 6 भेडि़यों है, तो अंदाजा लगा सकते हैं, कितना मांस खा सकते हैं। ऐसे में शरीर पर कुछ भी नहीं मिलेगा।'

वो अल्फा मेल भेड़िया तो नहीं...

भेडि़यों के झुंडों में 'अल्‍फा मेल' वाला कनेक्‍शन काफी बार सुनने को मिला है। कहा जाता है कि भेडि़यों के हर झुंड में एक सबसे शक्तिशाली भेड़िया होता है, जिसे मुखिया माना है। यही मुखिया 'अल्‍फा मेल' होता है, जो पूरे झुंड के भेड़िया को निर्देशित करता है। सभी अन्‍य भेड़िये 'अल्‍फा मेल' के इशारे पर ही चलते हैं। अल्फा मेल बेहद खूंखार होता है। इनके समूह का एक रूल होता है और उसी के हिसाब से सभी चलते हैं। लीडर तय करता है कि कौन कितना और कहां खाएगा।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 7 September 2024 at 14:43 IST