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Published 14:31 IST, September 5th 2024

इंतकाम की आग में जल रहे आदमखोर भेड़िए, बदला पूरा होने तक नहीं रुकेगा बहराइच में खूनी खेल!

यूपी के बहराइच में भेड़ियों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। भेड़ियों ने अबतक बच्चों समेत 10 लोगों को अपना शिकार बनाया है।

Reported by: Ankur Shrivastava
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 Wolf trace in drone camera
Wolf trace in drone camera | Image: Shutterstock

यूपी के बहराइच में भेड़ियों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। भेड़ियों ने अबतक बच्चों समेत 10 लोगों को अपना शिकार बनाया है। इस बीच सीएम योगी ने वन विभाग को भेड़ियों को गोली मारने का आदेश दिया। सरकार ने आसपास के इलाके में 9 शूटर तैनात किए हैं। लगभग 20 साल पहले भी ऐसी ही वारदात हुई थी। अब भेड़िये फिर उसी तरह घटना को अंजाम दे रहे हैं।

आपको बता दें कि नेपाल से सटे लखीमपुर, बहराइच, सीतापुर जिले हैं। वैज्ञानिकों और एक्सपर्ट्स ने दावा किया कि भेड़िये बदला लेने वाले जानवर होते हैं। वन विभाग कहना है कि जनवरी-फरवरी 2024 में भेड़ियों के 2 बच्चों की मौत हो गई थी। ट्रक ने कुचल दिया। इसके बाद मार्च से भेड़ियों का हमला शुरू हो गया। करीब 20-25 साल पहले भेड़ियों ने जौनपुर और प्रतापगढ़ में 50 से ज्यादा बच्चों का मार डाला था। उस समय जांच में खुलासा हुआ था कि कुछ बच्चों ने पहले भेड़ियों के दो बच्चों को मार डाला था।

बदले की आग में जल रहा आदमखोर भेड़िया

बहराइच जिले में भेड़िए के हमले को लेकर जब वाइल्‍ड लाइफ एक्‍सपर्ट से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि स्थानीय इलाकों के खेतों में भेड़ियों के जो फुटप्रिंट मिले उससे एक बात साफ पता चलती है कि इसमें से एक भेड़िया लंगड़ा है। एक्सपर्ट ने बताया कि लंगड़ा होने की वजह से वो अपना शिकार नहीं कर पा रहा था।

ऐसे में उसे आसान शिकार के तौर पर इंसानी बच्चे ज्यादा आसानी से मिल जाते थे। जिसकी वजह से उसने अपने शिकार के लिए इंसानी बच्चों की तलाश शुरू कर दी। अब बड़ा सवाल ये है कि भेड़ियों के झुंड ने बहराइच के इस खास इलाके को टारगेट क्यों किया तो उसकी पीछे की कहानी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है।

बहराइच के तराइन इलाके में लंगड़ा भेड़िया और उसके साथ कई भेड़ियों का झुंड रहता था। लंगड़े भेड़िये को स्थानीय लोगों ने भी देखा था वो कभी किसी इंसान को अपना टारगेट नहीं बनाता था। स्थानीय लोगों ने बताया कि लंगड़ा भेड़िया कद काठी में काफी बड़ा और मजबूत था बाकी सब भेड़िए कुछ छोटे आकार के थे। लंगड़ा भेड़िया और उसके साथी आदमखोर कैसे बने इसके पीछे एक बड़ी घटना है।

स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो भेड़िए के बच्‍चों को ट्रक ने कचल दिया था। फिर इसके बाद लंगड़े भेड़िए ने अपनी सूंघने की शक्ति से उसके बच्चे को मारने वाले लोगों को पहचान लिया। इन लोगों की पहचान के लिए उसने पूरे गांव का मुआयना किया और चुन-चुन कर अपने दुश्मनों से बदला लिया।

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Updated 14:31 IST, September 5th 2024