अपडेटेड 14 April 2025 at 20:25 IST

Bahraich: आदमखोर भेड़िया की फिर एंट्री, इलाके में दहशत, घर में घुस 8 साल के लड़के को उठाया; जख्मी हालत में जिंदगी-मौत से जंग

आदमखोर भेड़िए ने बच्चे की गरदन को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया। इतना ही नहीं आदमखोर ने इस हमले में मासूम की गर्दन के साथ बाएं हाथ को नोंच खाया है।

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Bahraich: आदमखोर भेड़िया की फिर एंट्री, इलाके में दहशत, घर में घुस 8 साल के लड़के को उठाया; जख्मी हालत में जिंदगी-मौत से जंग | Image: Republic

बहराइच के महसी इलाके में एक बार फिर आदमखोर भेड़िए ने दस्तक दे दी है। भेड़िए ने मां की गोद से 8 साल के मासूम को छीन लिया और लेकर जंगलों में भाग गया। दरअसल बहराइच के हरदी थाना क्षेत्र इलाके के  सिसैया चूड़ामणि  बग्गर गांव के रहने वाले ग्रामीण समभर का आठ साल का बेटा बाउर रविवार की रात घर में अपनी मां के साथ सो रहा था , तभी जंगली जानवर में उसपर हमला कर उठा ले गया । चीख सुनकर परिजन व ग्रामीण जानवर के पीछे भागे, जिसके बाद करीब एक किलोमीटर पर एक खेत में बच्चे को छोड़कर जानवर भाग गया। 


आदमखोर भेड़िए ने इस बच्चे की गरदन पर हमला बोला और बुरी तरह से उसकी गरदन को क्षतिग्रस्त कर दिया। इतना ही नहीं आदमखोर ने इस हमले में मासूम की गर्दन के साथ बाएं हाथ को नोंच खाया है।  बाएं हाथ के अलावा भेड़िए ने बच्चे के जननांगों को भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। जब गांववालों ने बच्चे के चीखने की आवाज सुनी तो बचाने के लिए दौड़े इस दौरान आदमखोर बच्चे को खेत में छोड़कर भागा परिजन उसे इलाज के लिए लेकर महसी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां बच्चे को प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया है। रिपब्लिक भारत के पास आईं आदमखोर भेड़िए के हमले से घायल बच्चे की तस्वीरों को देखकर आप विचलित हो सकते हैं। इन तस्वीरों में बच्चा जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करता हुआ दिखाई दे रहा है।

 

पिछले साल भी भेड़ियों ने बहराइच में मचाया था तांडव

इसके पहले पिछले साल भी बहराइच में लगभग तीन महीनों तक भेड़िए का आतंक रहा। भेड़ियों के आतंक से लोगों ने घरों में सोना शुरू कर दिया था। इतना ही नहीं जिन गरीब बस्तियों में बच्चों को भेड़िए अपना शिकार बना रहे थे तब सूबे की सरकार ने सभी गरीब लोगों के घरों में दरवाजे भी लगवाए थे। पिछले साल जुलाई महीने से लेकर अक्टूबर तक बहराइच की महसी तहसील में भेड़िए के तांडव से हर कोई परेशान था। आए दिन भेड़िया किसी न किसी बच्चे को तो कभी किसी महिला अपना शिकार बना ही लेता था। घरों में दहशत की वजह से लोग अपनी छतों पर सोने के लिए जाने लगे थे लेकिन कुछ लोगों पर भेड़िए ने छत पर चढ़कर भी हमला किया था। 

 

पिछले साल भेड़िए के हमले से 10 की मौत और 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे

बहराइच में पिछले साल भेड़िए के हमले से 10 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 50 से ज्यादा लोग भेड़िए के हमले में घायल हो गए थे। तब वहां पर लंगड़े भेड़िये का आतंक छाया हुआ था। ये लंगड़ा भेड़िया इतना खतरनाक था कि पुलिस प्रशासन भी इसका कुछ नहीं बिगाड़ पा रहा था। बताते हैं कि बहराइच में इस बात की भी चर्चा थी कि एक भेड़िए के दो बच्चे ट्रैक्टर से कुचलकर मर गए थे। इसके बाद भेड़िए बदला लेने के लिए आक्रामक हो गए, क्योंकि ये अपने परिवार को लेकर बहुत ही भावनात्मक होते हैं। यह सच है कि अपने झुंड के बुजुर्गों और बच्चों को लेकर भेड़िए बहुत संवेदनशील होते हैं। इसके पहले पूरे बहराइच जिले में आतंक का पर्याय बन चुके लंगड़े भेड़िए को ग्रामीणों ने मिलकर  6 अक्टूबर को लाठी डंडों से पीटकर उसकी हत्या कर दी थी। लंगड़ा भेड़िया मारा जाने वाला छठा भेड़िया था इसके पहले 5 भेड़ियों को वन विभाग की टीम या फिर ग्रामीणों ने मिलकर मार दिया था। 6 अक्टूबर की रात को खूंखार नरभक्षी भेड़िया देर रात शिकार की तलाश में महसी इलाके के तमाचपुर गांव मे पहुंचा था। मगर सजग ग्रामीणों ने शिकार करने से पहले इसे निपटा दिया। सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची।

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 14 April 2025 at 20:02 IST