अपडेटेड 22 September 2025 at 20:27 IST
Azam Khan: 23 महीने बाद आजम खान जेल से आएंगे बाहर, यूपी में बढ़ेगी सियासी हलचल; क्या छोड़ेंगे अखिलेश यादव की सपा?
UP News : सीतापुर जेल में 23 महीने से बंद आजम खान की रिहाई को लेकर जेल प्रशासन ने सभी तैयारी पूरी करली है। कल सुबह 7 बजे उनकी रिहाई हो सकती है।
Azam Khan News : उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा मोड़ आने वाला है। सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को रिहाई मिलने वाली है। सीतापुर जेल में लगातार 23 महीने से बंद इस दिग्गज नेता की रिहाई का परवाना जेल पहुंच चुका है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, कल सुबह करीब 7 बजे आजम खान जेल के दरवाजे से बाहर कदम रखेंगे, और इसके लिए जेल प्रशासन ने सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं की पूरी तैयारी कर ली है।
आजम खान को आज ही रिहा होना था, लेकिन रिहाई परवाना जेल में देरी से पहुंचा। सुबह 7 बजे के आसपास उनके सीतापुर जेल से बाहर आने की उम्मीद है। रिहाई के बाद आजम खान सीधे रामपुर पहुंचेंगे। यह रिहाई यूपी की सियासी हलचल को तेज करने वाली है। सपा के लिए मुस्लिम वोटबैंक के मजबूत स्तंभ माने जाने वाले आजम खान की वापसी से पार्टी में नई ऊर्जा का संचार होगा, लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि क्या वे अखिलेश यादव की कमान वाली सपा को छोड़कर नया रास्ता अख्तियार करेंगे? कयास लगाए जा रहे हैं कि आजम सपा छोड़ बसपा में शामिल हो सकते हैं।
आजम खान, मुलायम सिंह यादव के करीबी सहयोगी के रूप में जाने जाते हैं। उनपर कई आपराधिक मामलों में मुकदमे चल रहे हैं, इनमें से एक प्रमुख मामला रामपुर के क्वालिटी बार भूमि हड़पने का था, जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में उन्हें जमानत दे दी। हाईकोर्ट के जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने 18 सितंबर को यह फैसला सुनाया, जिसके बाद रिहाई का रास्ता साफ हो गया।
मुस्लिम वोट बैंक किया मजबूत
यह जमानत आजम खान के लिए बड़ी राहत लेकर आई है, क्योंकि वे अक्तूबर, 2023 से सीतापुर जेल में बंद हैं। जेल अधिकारियों ने रिहाई से पहले सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। सुबह 7 बजे निर्धारित समय पर आजम खान को रिहा किया जाएगा, और इसके लिए जिले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। आजम खान रामपुर से 10 बार विधायक रह चुके हैं और सपा के लिए मुस्लिम वोट बैंक को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई।
यूपी में बढ़ेगी सियासी हलचल
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी नजदीक आ रहा है। रामपुर-मुरादाबाद बेल्ट में मुस्लिम समुदाय का मजबूत समर्थन रखने वाले आजम को सपा का 'मुस्लिम फेस' माना जाता है। 2022 के विधानसभा चुनावों में सपा की हार के बाद भी अखिलेश यादव ने आजम को राष्ट्रीय महासचिव बनाए रखा, जो पार्टी में उनके रुतबे को दर्शाता है। लेकिन जेल में बंद रहने के दौरान सपा नेतृत्व की चुप्पी पर सवाल उठे। शिवपाल सिंह यादव जैसे नेताओं ने अखिलेश पर आजम के लिए पर्याप्त प्रयास न करने का आरोप लगाया था।
सपा छोड़ेंगे आजम?
रिहाई के बाद अगर आजम खान रामपुर में सक्रिय हुए, तो सपा का मुस्लिम वोटबैंक मजबूत होगा। लेकिन अटकलें लगाई जा रही हैं कि आजम, अखिलेश यादव की सपा को अलविदा कह देंगे। 2022 में भी ऐसी अफवाहें उड़ी थीं। आजम ने हमेशा मुलायम सिंह यादव के प्रति वफादारी दिखाई, लेकिन चर्चा है कि जेल में बंद होने के बाद अखिलेश ने उनकी रिहाई के लिए जोर नहीं लगाए और इस वजह से वो नाराज हैं।
बलिया के रसड़ा विधानसभा से मायावती की बहुजन समाज पार्टी के एक मात्र विधायक उमाशंकर सिंह ने रविवार को कहा था कि अगर आजम खान बसपा में शामिल होते हैं, तो उनका स्वागत है। इससे पार्टी को मजबूती मिलेगी।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 22 September 2025 at 19:49 IST