अपडेटेड 27 July 2025 at 17:37 IST

100 हिंदू लड़कियों का धर्मांतरण, 2 यूट्यूबर मास्‍टरमाइंड...भारत में तैयार हो रही थी ISI की लेडी ब्रिगेड; PAK की बड़ी साजिश बेनकाब

यूपी एटीएस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है कि धर्मांतरण की आड़ में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI भारत में ‘लेडी ब्रिगेड’ स्लीपर सेल तैयार कर रही थी।

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100 हिंदू लड़कियों का धर्मांतरण, 2 यूट्यूबर मास्‍टरमाइंड...भारत में तैयार हो रही थी ISI की लेडी ब्रिगेड; PAK की बड़ी साजिश बेनकाब | Image: Republic

उत्तर प्रदेश के आगरा में धर्मांतरण से जुड़े एक सनसनीखेज मामले ने खुफिया एजेंसियों को सकते में डाल दिया है। यूपी एटीएस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है कि धर्मांतरण की आड़ में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI भारत में ‘लेडी ब्रिगेड’ स्लीपर सेल तैयार कर रही थी। इस सिंडिकेट का जाल सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि कनाडा, इंग्लैंड, फिलीपींस और खाड़ी देशों तक फैला हुआ था। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के तनवीर अहमद और साहिल अदीब आगरा धर्मांतरण सिंडिकेट के मास्टरमाइंड हो सकते हैं। 

दोनों सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं। हालांकि, ये उनके नकली नाम भी हो सकते हैं। दोनों उस व्‍हाट्सएप ग्रुप के एडमिन हैं, जिसमें 100 से ज्यादा हिन्दू लड़कियां जुड़ी हैं। सभी लड़कियों का धर्मांतरण कराया गया था। इन लड़कियों का धर्मांतरण करने के लिए तरह-तरह के हथकंड़े अपनाए जाते थे। इस धर्मांतरण गैंग से कश्‍मीर की लड़कियों का ग्रुप भी शामिल था।
 
फिलीपींस से हो रही थी फंडिंग

जांच में सामने आया है कि फिलीपींस में मौजूद एक एनजीओ ऑनलाइन क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म ‘GO Fund Me’ के जरिये धर्मांतरण सिंडिकेट को लगातार पैसे भेज रहा था। इस फंडिंग के लिए क्रिप्टोकरेंसी और अमेरिकी डॉलर का इस्तेमाल किया जा रहा था, जिससे पैसों के ट्रेल को छुपाया जा सके। 



सैयद दाऊद कर रहा था मदद

जांच में पता चला है कि कनाडा में मौजूद सैयद दाऊद इस सिंडिकेट को आर्थिक रूप से मदद कर रहा था। दाऊद मूल रूप से मध्य प्रदेश के गांधी नगर का रहने वाला है। वह कनाडा में एक इस्लामिक सेंटर भी चलाता है, जो संदिग्ध गतिविधियों में शामिल बताया गया है। इसके अलावा, इंग्लैंड से भी व्हाइट डोनेशन के नाम पर इस सिंडिकेट को फंड भेजे जा रहे थे। 

कन्वर्टेड लड़कियों को कहा जाता था 'रिवर्टी', Zoom पर होती थी नमाज की ट्रेनिंग

आगरा धर्मांतरण मामले में जांच से सामने आया है कि कई लड़कियां इतनी ज्यादा कट्टरपंथी (radicalize) हो चुकी हैं कि उन पर काउंसिलिंग का कोई असर नहीं हो रहा। लड़कियों को रेडिक्लाइज करने का काम कश्मीर की लड़कियों के एक ग्रुप को सौंपा गया था। कन्वर्टेड लड़कियों को रिवर्टी कहा जाता था। जूम लिंक भेजकर नमाज और इस्लाम के बारे में पढ़ने की क्लास होती थी। सोशल मीडिया और गेमिंग एप के जरिए लड़कियों को निशाना बनाते थे।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 27 July 2025 at 17:37 IST