अपडेटेड 29 July 2024 at 13:55 IST
पेराई सत्र 2023-24 के 90 प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जा चुका: UP सरकार
उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को कहा कि राज्य में वर्तमान समय में किसानों के बकाया गन्ना मूल्य के करीब 90 प्रतिशत हिस्से का भुगतान किया जा चुका है और पिछले पेराई सत्र का 99.99 फीसद भुगतान कराया जा चुका है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को कहा कि राज्य में वर्तमान समय में किसानों के बकाया गन्ना मूल्य के करीब 90 प्रतिशत हिस्से का भुगतान किया जा चुका है और पिछले पेराई सत्र का 99.99 फीसद भुगतान कराया जा चुका है।
प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले दिन विधान परिषद में सपा सदस्य आशुतोष सिंह द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में बताया कि पेराई सत्र 2022-23 में शामली की मिल पर बकाया 213 करोड़ रुपए को छोड़कर बाकी 99.99 प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान किसानों को किया जा चुका है।
'90.11 प्रतिशत का भुगतान हो चुका'
उन्होंने कहा कि वर्तमान में गन्ना मूल्य भुगतान की जो स्थिति है उसके मुताबिक सरकार ने 35,909 करोड़ रुपए का गन्ना खरीदा है जिसमें से 32,357 करोड़ रुपए यानी 90.11 प्रतिशत का भुगतान हो चुका है। उन्होंने कहा कि अगला पेराई सत्र जैसे ही शुरू होगा, वैसे ही बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान शत—प्रतिशत करा दिया जाएगा।
प्रदेश के इतिहास में पहली बार
चौधरी ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश, देश में गन्ना उत्पादन में प्रथम स्थान पर है, साथ ही साथ गन्ना मूल्य के भुगतान में भी अव्वल है। प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार है कि 82 चीनी मिलों ने पिछले सत्र में अपने शत प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया। सरकार ने 21 मिलों से तो किसानों को साप्ताहिक भुगतान करवाया है।
सपा सरकार की तुलना में हुआ ये बदलाव
उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 से 2017 तक तत्कालीन बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी सरकारों ने एक लाख 47 हजार करोड़ रुपए का भुगतान गन्ना किसानों को कराया जबकि गुजरे सात वर्षों के दौरान मौजूदा भाजपानीत सरकार ने दो लाख 53 हजार करोड़ रूपये का गन्ना मूल्य भुगतान कराया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने पिछली सपा सरकार के समय के बकाया 11,000 करोड़ रुपए के गन्ना मूल्य का भी भुगतान किया है।
गन्ना मंत्री ने कहा कि सपा की पिछली सरकार में 20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ना उत्पादन किया जाता था जो कि अब 29 लाख हेक्टेयर में होता है। इस तरह अब लगभग डेढ़ गुना ज्यादा गन्ना पैदा किया जा रहा है।
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Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 29 July 2024 at 13:55 IST