अपडेटेड 30 September 2024 at 18:00 IST

SC से दलित छात्र को बड़ी राहत, IIT धनबाद में मिलेगा एडमिशन, फीस जमा करने से चूका था स्टूडेंट

गरीबी की मार ने दलित लड़के अतुल का तोड़ा था IIT में पढ़ने का सपना। अतुल अलॉटेड सीट के लिए फीस जमा नहीं कर पाया था। SC ने IIT धनबाद को एडमिशन का आदेश दिया।

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SC ने IIT धनबाद को दलित लड़के के एडमिशन का दिया आदेश। | Image: ANI

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के जिस लड़के का गरीबी की वजह से इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT)  में पढ़ने का सपना अधूरा रह गया था, अब वो पूरा हो जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने दलित युवक को बड़ी राहत दी है। मामला जब कोर्ट में पहुंचा था तो CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने अतुल नाम के स्टूडेंट को आश्वासन दिया था कि जितना हो सके, उसकी मदद करेंगे। मामले में पूरी पड़ताल के बाद SC ने IIT धनबाद को निर्देश दिया है कि बच्चे को एडमिशन दिया जाए।

SC ने आर्टिकल 142 के तहत मिली विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए ये आदेश दिया है। मामला मुजफ्फरपुर जिले के टिटोरा गांव का है, जहां एक दलित परिवार के लड़के ने घर पर रहकर ऑनलाइन मदद से पढ़ाई की और IIT की परीक्षा पास कर ली, लेकिन एडमिशन प्रोसेस और डेडलाइन की वजह से उसका एडमिशन नहीं हो पाया। लड़के का नाम अतुल है और उसके पिता राजेंद्र पेशे से एक मजदूर हैं। एग्जाम क्लीयर होने के बाद अतुल को IIT धनबाद का सीट आवंटित किया गया। एलॉटेड सीट पर अपना एडमिशन कन्फर्म करने के लिए अतुल को 24 जून तक 17500 रुपए जमा करने थे।

रिजल्ट आने के महज 4 दिनों के अंदर जमा करना था पैसा

अतुल का रिजल्ट जिस दिन आया, उसके महज 4 दिन के भीतर उसे ये फीस जमा करनी थी। एक मजदूर परिवार के लिए अचानक से इतने पैसे इकट्ठा कर पाना थोड़ा मुश्किल था। फिर भी किसी तरह अतुल के परिवार ने ये रकम जमा कर ली। अब इस रकम को अतुल को अपने भाई के अकाउंट से बताए गए पोर्टल के खाते में जमा करना था। इसके लिए अतुल के पास वक्त बहुत कम था। अतुल जबतक खाते में पैसा जमा कराता तबतक डेडलाइन खत्म हो गई। 24 जून को शाम 5 बजे से ठीक 3 मिनट पहले ही IIT की साइट बंद हो गई और उसका एडमिशन रद्द कर दिया गया।

HC से भी नहीं मिल सकी मदद

इसके बाद अतुल अपने पिता के साथ मदद के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां से कुछ नहीं हो पाया। इसके बाद वो झारखंड के राज्य विधि सेवा प्राधिकरण से मदद लेने पहुंचा। हालांकि, वहां से भी उसे मदद नहीं मिली। इसके बाद उसने मद्रास हाईकोर्ट में अपनी याचिका डाली, लेकिन वहां भी निराशा ही हाथ लगी। इसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।

CJI ने मदद का दिलाया था भरोसा

CJI डीवाई चंद्रचूड़, ज​स्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की ट्रिपल बेंच ने तत्काल आईआईटी मद्रास के आईआईटी प्रवेश संबंधी ​ज्वाइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी से जवाब तलब किया। अतुल ने जिस संघर्ष से गुजरकर ये सफलता हासिल की और उसके परिवार की जो स्थिति है, उसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि उनसे जहां तक हो सकेगा इस मामले में मदद करेंगे। और अब कोर्ट ने अतुल के सपने को पंख दे दी। 

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 30 September 2024 at 18:00 IST