अपडेटेड 23 April 2025 at 21:42 IST
Pahalgam Attack: अमरनाथ यात्रा से पहले आतंकियों ने हमले के लिए 'मिनी स्विटजरलैंड' को ही क्यों चुना? करगिल से क्या है कनेक्शन
मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र की बैसरन घाटी में हुए भीषण आतंकी हमले ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया।
Why Terrorist Choose Baisaran Valley for Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकवादियों ने वहां आए पर्यटकों को पर मंगलवार (22 अप्रैल) को हमला बोल दिया। इस हमले में आतंकियों ने कायराना हरकत दिखाते हुए निहत्थे पर्यटकों की बर्बरतापूर्ण हत्या कर दी। हत्या से पहले इन आतंकियों ने पर्यटकों से उनका धर्म भी पूछा और कलमा भी पढ़वाया। कुछ पर्यटकों से उनकी पैंट उतरवा कर ये चेक किया कि ये मुस्लिम हैं या नहीं। जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ वर्षों में आतंकी घटनाओं में कमी आई थी लेकिन अचानक से ऐसा हमला होगा ये किसी ने सोचा भी नहीं था। आखिरकार आतंकियों ने कारगिल हमले की तर्ज पर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 'मिनी स्विट्जरलैंड' के नाम से जानी जाने वाली बैसरन घाटी को ही क्यों चुना?
मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र की बैसरन घाटी में हुए भीषण आतंकी हमले ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया। यह घटना अपने क्रूरता और निर्दयता के लिए इतिहास में दर्ज हो गई है, क्योंकि इस हमले का शिकार बने निहत्थे और निर्दोष पर्यटक वे लोग जो कश्मीर की खूबसूरती देखने आए थे। बैसरन घाटी, जिसे 'मिनी स्विट्ज़रलैंड' के नाम से भी जाना जाता है, हरे-भरे मैदानों, ऊंची-नीची पहाड़ियों और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। इसी शांत प्राकृतिक सौंदर्य के बीच अचानक गोलियों और विस्फोटों की आवाज़ें गूंज उठीं। आतंकियों ने योजनाबद्ध तरीके से हमला करते हुए कम से कम 28 लोगों की जान ले ली जिनमें अधिकांश टूरिस्ट थे और छुट्टियां मनाने आए थे। इसके पीछे आतंकियों की रणनीति मानी जा रही है जैसी रणनीति उन्होंने कारगिल हमले के समय अपनाई थी।
कारगिल वॉर की तर्ज पर आतंकियों किया हमला
साल 1999 में पाकिस्तानी फौजों ने कारगिल में घुसपैठ की थी इस घुसपैठ में पाकिस्तानी ऑर्मी ने कारगिल की ऊंची और दुर्गम पहाड़ियों पर बंकर बना लिए थे इसके पीछे की वजह थी कि ऐसी जगहों पर कोई गाड़ी या ऑर्मी आसानी से नहीं पहुंच पाती है दूसरा कि वो ऊंचाई पर थे और अगर वो इंडियन ऑर्मी पर पत्थर फेंक कर भी मारते तो वो उन्हें गोली की तरह से लगता जबकि इंडियन ऑर्मी को सही निशाने की जानकारी भी नहीं होती थी। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए भारत ने बोफोर्स तोपों से टारगेट कर वार किए, लेकिन इसमें काफी समय लग गया था। ठीक इसी तरह से बैसरन घाटी भी ऐसी जगह स्थित है जहां सड़क नहीं है और गाड़ियां वहां नहीं पहुंच पाती हैं। घने जंगलों और ऊबड़-खाबड़ रास्तों से घिरा यह इलाका आतंकियों के लिए पनाहगार है जहां से वो अपने मंसूबों को अंजाम देकर भागने में कामयाब हो जाते हैं।
मिनी स्विटजरलैंड को आतंकियों ने हमले के लिए क्यों चुना?
पहलगाम की बैसरन घाटी जिसे 'मिनी स्विटजरलैंड' के नाम से भी जाना जाता है वो पहलगाम से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ये इलाका घने देवदार के जंगलों और ऊंची पहाड़ियों से घिरा हुआ है। प्राकृतिक सौंदर्य के कारण ये इलाका पर्यटकों को काफी लुभाता है इसकी भौगोलिक स्थिति काफी जटिल है। यह दिखने में जितना खूबसूरत है उतना ही खतरनाक भी क्योंकि यहां पर रास्ते काफी फिसलन भरे और सीधी चढ़ाई वाले हैं। यहां पर जाने के लिए पर्यटक घोड़ों और खच्चरों का इस्तेमाल करते हैं। यहां ऑर्मी या किसी सामान्य नागरिक के पहुंचना काफी दुष्कर होता है ऐसे में यहां के स्थानीय लोग पर्यटकों को घुमाने के लिए जानवरों का इस्तेमाल करते हैं और अपनी रोजी-रोटी भी चलाते हैं। सुरक्षा बलों के सामने चुनौती यह है कि इतने बड़े और दुर्गम इलाके की हर समय निगरानी करना संभव नहीं है। पर्यटकों की भारी आवाजाही और खुले इलाकों के कारण आतंकियों को निशाना चुनना आसान हो जाता है, और यही वजह है कि आतंकियों ने हमले के लिए इस घाटी को चुना।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 23 April 2025 at 21:42 IST