अपडेटेड 23 April 2025 at 19:38 IST

Pahalgam Attack: आतंकियों ने 28 टूरिस्टों नहीं, 2.5 लाख कश्मीरियों के पेट पर मारी है गोली... संकट में 12 हजार करोड़ का उद्योग

कश्मीर का पर्यटन उद्योग समृद्ध विरासत, सांस्कृतिक विविधता और संभावनाओं से भरपूर लुभाने स्थलों के साथ वैश्विक पसंदीदा है। इससे लाखों परिवारों को रोजगार मिलता है।

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Kashmir Terrorist Attack
आतंकियों ने 2.5 लाख कश्मीरियों के पेट पर मारी है गोली! | Image: Republic

Kashmir Terrorist Attack : मंगलवार को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की मौत हो गई। अब दिल्ली में सबसे बड़ी जवाबी कार्रवाई की तैयारी चल रही है Cabinet Committee on Security (CCS) की मीटिंग से पहले NSA अजीत डोभाल ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है। खबर है कि रक्षामंत्री के साथ बैठक में 3 प्लान तैयार किए गए हैं। उधर गृहमंत्री अमित शाह ने मृतकों के परिजनों को भरोसा दिलाया है कि एक भी आतंकी बख्शा जाएगा नहीं।

कश्मीर में आतंकवादियों ने उन परिवारों को निशाना बनाया जो छुट्टियां मनाने गए थे, अपने परिवार के साथ कुछ यादें बनाने गए थे। आतंकवादियों ने सिर्फ टूरिस्टों पर गोलियां नहीं बरसाई हैं, बल्कि कश्मीर की अर्थव्यवस्था और कश्मीरियों के पेट पर लात मारने का काम किया है। पर्यटन उद्योग जम्मू और कश्मीर की अर्थव्यवस्था का सबसे प्रमुख हिस्सा है, जो केंद्र शासित प्रदेश की GDP में करीब 7-8 का योगदान देता है। कश्मीर की खूबसूरती को निहारने जो लोग वहां जाते हैं, उससे स्थानीय लोगों को करीब 50-60% रोजगार मिलता है, विशेष रूप से होटल, गाइड, टैक्सी और हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों को।

पर्यटकों में डर का माहौल

भारत का पर्यटन उद्योग अपनी समृद्ध विरासत, सांस्कृतिक विविधता और संभावनाओं से भरपूर लुभाने स्थलों के साथ वैश्विक पसंदीदा के रूप में उभर रहा है। इससे लाखों परिवारों को रोजगार मिलता है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पर्यटकों में डर का माहौल है। जो लोग कश्मीर में छुट्टियां मनाने गए थे, वो अब कैसे भी करके वापस अपने घर आना चाहते हैं। इस हमले ने कश्मीर की आर्थिक तरक्की पर ब्रेक लगाने और लाखों कश्मीरियों की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा करने का काम किया है। इस हमले ने घाटी की आर्थिक रीढ़ कहे जाने वाले पर्यटकों के भरोसे को तोड़कर कश्मीर की अर्थव्यवस्था को पीछे धकेल दिया है।

जिन लोगों ने कश्मीर जाने के लिए फ्लाइट और होटलों की बुकिंग कराई थी, वो अब कैंसिल कर रहे हैं। कश्मीर में बड़े पैमाने पर फ्लाइट, होटलों और कैब की बुकिंग कैंसिल हो रही है।

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आतंकी हमले के बाद पहलगाम इलाके में होटल से निकलते पर्यटक (PC-ANI)

पर्यटन उद्योग करीब 12,000 करोड़

'धरती पर स्वर्ग' कश्मीर का सालाना पर्यटन उद्योग करीब 12,000 करोड़ रुपये है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये आंकड़ा 2030 तक बढ़कर 25,000 से 30,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। मंगलवार को जिस पहलगाम में आतंकी हमला हुआ, उसे भारत का स्विटजरलैंड कहा जाता है। यहां हर रोज हजारों सैलानी अपने प्रियजनों के साथ घूमने आते हैं। कश्मीर में फिलहाल टूरिस्ट सीजन चल रहा है। गर्मी से राहत पाने के लिए लोग घाटी में जाते हैं। इस एक हमले ने ये पूरा सीजन खराब कर दिया है।

कश्मीर में सिर्फ पर्यटन से करीब 2.5 लाख लोगों की रोटी का जुगाड़ होता है। अगर कश्मीर में पर्यटन की संख्या में कमी आती है, तो होटल इंडस्ट्री पर भी बुरा असर पड़ेगा। इससे छोटे बड़े होटलों में काम करने वाले लोगों पर प्रभाव पड़ेगा। अकेले डल झील में 1500 से अधिक हाउस बोट चलती है, अगर वहां पर्यटक नहीं जाएंगे तो उनका क्या होगा?

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पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी

जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। 370 हटने के बाद 2020 में 34 लाख पर्यटक पहुंचे थे। इसके बाद 2022 में ये आंकड़ा बढ़कर करीब 1.84 करोड़ तक पहुंचा, जो आजादी के बाद का रिकॉर्ड है। 2024 के पहले 6 महीनों में 1.08 करोड़ पर्यटक आए, जबकि पूरे 2022 में यह आंकड़ा 1.88 करोड़ था और 2020 में 34 लाख पर्यटकों की तुलना में 7 गुना अधिक है।

अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू और कश्मीर को 81,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त मिले है। जिनमें कई पर्यटन इन्फ्रास्ट्रक्चर भी शामिल हैं। पर्यटन सुविधाओं में सुधार कर क्षेत्र को और आकर्षक बनाया गया है। लेकिन सबसे बड़ी चुनौतियां आतंकवादी घटनाएं ही हैं। पहलगाम जैसे आतंकी हमलों से स्थानीय अर्थव्यवस्था को नुकसान होता है। उग्रवाद के कारण पहले भी पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान हुआ था, लेकिन पिछले कुछ सालों से इसमें सुधार हुआ था।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 23 April 2025 at 17:27 IST