अपडेटेड 4 March 2025 at 11:49 IST
Telangana Tunnel Rescue: सुरंग में फंसे मजदूरों का 10 दिन बाद भी कोई सुराग नहीं, बचाव के लिए रोबोट की ली जा सकती है मदद
श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) परियोजना सुरंग में 22 फरवरी से आठ लोग फंसे हुए हैं जिनमें इंजीनियर और मजदूर हैं। सुरंग के अंदर भारी मात्रा में कीचड़ और पानी ने बचाव अभियान में लगे कर्मियों के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।
Telangana Tunnel Accident: तेलंगाना में सुरंग हादसे के दस दिन बाद राज्य सरकार बचावकर्मियों को किसी भी जोखिम से बचाने के लिए बचाव अभियान में रोबोट की मदद लेने के विकल्प पर विचार कर रही है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
सुरंग के अंदर भारी मात्रा में कीचड़ और पानी ने बचाव अभियान में लगे कर्मियों के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।
श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) परियोजना सुरंग में 22 फरवरी से आठ लोग फंसे हुए हैं जिनमें इंजीनियर और मजदूर हैं। एनडीआरएफ, भारतीय सेना, नौसेना और अन्य एजेंसियों के विशेषज्ञ उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।
नगरकुरनूल के पुलिस अधीक्षक वैभव गायकवाड़ ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम सभी संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं, चाहे सबसे अच्छे उपकरण हों, सबसे अच्छे मानव संसाधन हों, विशेषज्ञ हों (जो इस तरह की बचाव गतिविधियों में शामिल होते हैं)। हम उन सभी को शामिल कर रहे हैं। कल चर्चा के दौरान रोबोट का इस्तेमाल करने का मुद्दा भी उठा। हम उस विकल्प पर भी विचार कर रहे हैं।’’
रविवार को सुरंग का दौरा करने वाले मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने बचाव अभियान का नेतृत्व कर रहे अधिकारियों को सुझाव दिया कि यदि आवश्यक हो तो बचाव कर्मियों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए सुरंग के अंदर रोबोट का उपयोग किया जाए।
इस बीच, हैदराबाद में राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) के वैज्ञानिकों ने मानव उपस्थिति के संकेतों की तलाश में सुरंग के अंदर ‘ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार’ (जीपीआर) सर्वेक्षण किया।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने रविवार को सुरंग स्थल का दौरा किया और बचाव अधिकारियों के साथ चर्चा की। उन्होंने कहा कि श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) के निर्माणाधीन खंड के ढहने के बाद सुरंग के अंदर फंसे हुए आठ लोगों के वास्तविक स्थान का अब भी पता नहीं चल पाया है और उनकी सरकार बचाव प्रयासों में तेजी लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है।
उन्होंने यह भी कहा था कि क्षतिग्रस्त ‘कन्वेयर बेल्ट’ की मरम्मत हो जाने के बाद बचाव अभियान में तेजी आएगी। बेल्ट गाद साफ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बेल्ट के सोमवार तक फिर से काम करने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार संकट को हल करने के लिए दृढ़ है और पीड़ित परिवारों को सहायता देने के लिए भी तैयार है। एसएलबीसी सुरंग में 22 फरवरी से आठ लोग फंसे हुए हैं जिनमें इंजीनियर और मजदूर शामिल हैं तथा उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान जोरों पर है।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 4 March 2025 at 11:49 IST