अपडेटेड 23 February 2025 at 21:26 IST

'संभावना बहुत अच्छी नहीं, अगर थोड़ी सी भी...', टनल हादसे पर तेलंगाना पर्यटन मंत्री का बयान, कहा- कोई कसर नहीं छोड़ रहे

SLBC Tunnel Collapse : टनल में 8 लोग फंसे हैं। जिसमें 4 मजदूर, 2 कंपनी के कर्मचारी और 2 अंतरराष्ट्रीय कर्मचारी हैं। NDRF की 4 टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हैं।

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टनल हादसे पर तेलंगाना पर्यटन मंत्री का बयान | Image: Republic

Telangana Tunnel Collapse : तेलंगाना की श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) में फंसे लोगों को निकालने की आस धीरे-धीरे कम होती जा रही है। शनिवार को श्रीशैलम सुरंग नहर परियोजना में निर्माणाधीन छत का एक हिस्सा ढह जाने से करीब 14 किलोमीटर अंदर 8 जानें फंसी हैं। बचाव दल लोगों को निकालने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहा है।

नागरकुरनूल के जिला कलेक्टर बी. संतोष ने बताया कि आगे बढ़ते हुए बचाव दल के कर्मी उस स्थान पर पहुंच गए हैं जहां घटना के दौरान सुरंग खोदने वाली मशीन (टीबीएम) काम कर रही थी। उन्होंने कहा कि हालांकि, गाद के कारण आगे बढ़ना एक चुनौती है। जब सुरंग ढही, तब करीब 70 लोग सुरंग में काम कर रहे थे और उनमें से अधिकतर बच निकलने में सफल रहे। लेकिन आठ लोग कल से लापता हैं।

'संभावना बहुत अच्छी नहीं...'

जिला कलेक्टर भले ही बचाव दल के नजदीक पहुंचने का दावा कर रहे हैं, लेकिन तेलंगाना के पर्यटन मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव के बयान में थोड़ी सी निराशा नजर आती है। रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी देते हुए जुपल्ली कृष्ण राव ने कहा- "मैं बचने की संभावना का अनुमान नहीं लगा सकता, लेकिन संभावना बहुत अच्छी नहीं है... अगर थोड़ी सी भी संभावना है, तो हम उन्हें बचाने की कोशिश करेंगे। हम कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं और कोई चूक नहीं हुई है।"

'नहीं हो पाया कोई संपर्क'

बचाव अभियान की निगरानी कर रहे जिला कलेक्टर बी. संतोष ने कहा कि NDRF की चार टीमें, एक हैदराबाद से और 3 विजयवाड़ा से आई हैं। जिनमें 138 सदस्य हैं, सेना के 24 कर्मी, SDRF के कर्मी, एससीसीएल के 23 सदस्य उपकरणों के साथ बचाव अभियान में लगे हुए हैं। सुरंग में ऑक्सीजन और बिजली की आपूर्ति उपलब्ध करा दी गई है और जल निकासी और गाद निकालने का काम भी चल रहा है। उन्होंने कहा-

‘‘अभी तक हमारा फंसे हुए लोगों से संपर्क नहीं हो पाया है। बचावकर्मी अंदर जाकर देखेंगे और फिर हम कुछ बता पाएंगे।’’

कलेक्टर ने बताया कि 13.5 किलोमीटर दूर पहुंचने के बाद टीम ने फंसे हुए लोगों को बुलाया, लेकिन उनसे कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने बताया कि इस बिंदु के बाद अब भी 200 मीटर का हिस्सा है और उनके पास पहुंचने के बाद ही स्थिति का पता चल पाएगा। फंसे हुए लोगों में से 2 इंजीनियर और 2 ऑपरेटर और 4 मजदूर हैं। ये सभी उत्तर प्रदेश, झारखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 23 February 2025 at 21:15 IST