अपडेटेड 3 April 2025 at 21:55 IST
संसद में वक्फ की जमीन को लेकर मच रहा हाय तौबा, उधर कांग्रेस शासित राज्य में 400 एकड़ जमीन पर पेड़ कटाई का मुद्दा गरमाया
Telangana Forest : 30 मार्च को सरकार ने भारी मशीनरी और बुलडोजरों के साथ पेड़ काटने का शुरू किया था। कांग्रेस सरकार 400 एकड़ जंगल को साफ करने की कोशिश कर रही है।
Telangana Forest : जब कांग्रेस समेत देश की तमाम विपक्षी पार्टियां वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को लेकर हो-हल्ला कर रहे थी, तो कांग्रेस शासित तेलंगाना में 400 एकड़ जंगल को साफ करने की कोशिश हो रही थी। जब हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने जंगल को बचाने के लिए विरोध किया तो करीब 50 छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक किसी भी गतिविधि पर रोक लगा दी है।
भारत में खूबसूरत राष्ट्रीय पक्षी मोर को मारने पर 7 साल तक की सजा हो सकती है, कांग्रेस सरकार ने तेलंगाना में उसी मोर के घर को तबाह कर दिया। 400 एकड़ के जिस जंगल को काटा जा रहा है, वो कांचा गाचीबोवली वन (KGF) हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के पास है। राज्य सरकार इस हिस्से को IT पार्क बनाने के लिए खाली करवाना चाहती है। जिसका विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं और पर्यावरण कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह जंगल की जमीन है और इसे काटने से वहां रह रहे पशु-पक्षियों और पर्यावरण को तो नुकसान होगा ही साथ ही स्थानीय तापमान में भी बढ़ोतरी होगी। छात्रों, पर्यावरणविदों और स्थानीय लोगों का कहना है कि यह क्षेत्र जैव विविधता (Biodiversity) से समृद्ध है, जिसमें 455 से अधिक प्रजातियों के पेड़-पौधे, मोर, हिरण और अन्य प्रजातियां के वन्यजीव हैं।
डिंपल यादव ने शेयर किया वीडियो
30 मार्च, 2025 से सरकार ने भारी मशीनरी और बुलडोजरों के साथ पेड़ काटने का शुरू किए थे। जिसके खिलाफ छात्रों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। जिसके बाद कई जगहों पर तनाव देखा गया। इस इलाके में कुछ ही दिनों में बड़े पैमाने पर हरियाली को नष्ट कर दिया है। सपा सांसद डिंपल यादव ने X पर वीडियो शेयर कर तत्काल कटाई पर रोक लगाने की मांग की है। वीडियो में देखा जा सकता है कि रात के समय पेड़ों की कटाई हो रही, जंगल से मोर और दूसरे जानवरों की आवाज आ रही है।
सुप्रीम कोर्ट में 16 अप्रैल को सुनवाई
गुरुवार सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना के मुख्य सचिव से पूछा कि राज्य द्वारा पेड़ों को हटाने की तत्काल इतनी क्या मजबूरी है। मुख्य सचिव को यह भी बताने का निर्देश दिया गया कि क्या राज्य ने ऐसी गतिविधियों के लिए पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्रमाणपत्र प्राप्त किया है। राज्य में पेड़ों की कटाई को बहुत गंभीर मामला बताते हुए न्यायमूर्ति बी.आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि तेलंगाना हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार द्वारा पेश की गई अंतरिम रिपोर्ट चिंताजनक है। रिपोर्ट में अदालत को बताया गया कि बड़ी संख्या में पेड़ काटे गए हैं। इस मामले में अब अगली सुनवाई की 16 अप्रैल होगी।
50,000 करोड़ के निवेश की उम्मीद
इससे पहले बुधवार को तेलंगाना हाई कोर्ट ने विवादित जमीन पर हो रहे सभी कामों पर एक दिन की रोक लगाई थी। कोर्ट में राज्य सरकार का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने अदालत को बताया कि 400 एकड़ जमीन पर विकास के बाद तेलंगाना को 50,000 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है, जिससे 5 लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 3 April 2025 at 21:55 IST
