अपडेटेड 3 April 2025 at 21:32 IST
Waqf Bill: '1911 में जब कोलकाता की जगह दिल्ली राजधानी बनी तो लुटियंस...', इमरान प्रतापगढ़ी ने रायसीना हिल की बताई कहानी
इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि दिल्ली की जिन 123 संपत्तियों को लेकर कल अल्पसंख्यक मंत्री और गृहमंत्री और अभी नेता सदन बात कर रहे थे उनकी सच्चाइयों पर बात करते हैं।
- भारत
- 4 min read

Waqf Bill: वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने बिल पर विरोध में अपनी बात रखी। उन्होंने बिल को असंवैधानिक बताते हुए इसे सरकार से वापस लेने की अपील की। कांग्रेस सांसद ने कहा कि मंत्री जी इस बिल को मुसलमानों के लिए उम्मीद बता रहे हैं असल में ये एक नाउम्मीद है। साथ ही उन्होंने दिल्ली की उन 123 संपत्तियों के बारे में भी बताया जिनको लेकर केंद्र सरकार कांग्रेस पर हमलावर है।
इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि वक्फ के नाम पर कई सारे झूठ फैलाए गए हैं आज उनकी सच्चाई पर बात करते हैं। वक्फ ट्रिब्यूनल को ऐसे बताया जाता है जैसे वक्फ ट्रिब्यूनल कोई मजहबी खाप पंचायत हो, सच्चाई यह है वक्फ ट्रिब्यूनल भी तो सरकारी न्यायिक विभाग है, जिसमें सरकार द्वारा नियुक्त जज होते हैं, जिसमें प्रशासनिक अधिकारी होते हैं। देश के गृहमंत्री ने इसी सदन में कहा वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ कोर्ट नहीं जा सकता जबकि सच यह है वक्फ एक्ट 1995 की धारा 83 (9) के तहत हाई कोर्ट वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले की न केवल समीक्षा कर सकता है बल्कि उसे पलट भी सकता है। सच तो यह है सच तो यह है कि बाजपुर खुद अपनी जमीनों के लिए कई सारी कोर्ट में मुकदमे लड़ रहा है।
इमरान प्रतापगढ़ी ने रायसीना हिल की बताई कहानी
इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि दिल्ली की जिन 123 संपत्तियों को लेकर कल अल्पसंख्यक मंत्री और गृहमंत्री और अभी नेता सदन बात कर रहे थे आज उनकी सच्चाइयों पर बात करते हैं। 1911 में जब अंग्रेजी हुकूमत ने कोलकाता के बजाय दिल्ली को राजधानी बनाने का फैसला किया तो रायसीना हिल्स के चारों तरफ मुसलमान की ढे़र सारी जमीन थीं, उनको अधिग्रहित किया गया और लुटियन को इसकी तामीर की जिम्मेदारी दी गई। सेंट्रल विस्टा की तरह लूटियन जॉन का मेगा प्लान तैयार हुआ लेकिन उसे वक्त के मुसलमानों ने उस वक्त की अंग्रेज हुकूमत से अपनी इबादतगाहों को बचाने के लिए लड़ाई लड़ी, मामला ब्रिटिश हुकूमत तक पहुंचा तब फैसली हुआ कि जो धार्मिक स्थल है उन्हें जस का तस रहने दिया जाए।
Advertisement
इंडिया गेट के बगल वाली मस्जिद हो, सुनहरी बाग मस्जिद, या पार्लियामेंट रोड वाली मस्जिद हो, ऐसी 123 संपत्तियों के मैनेजमेंट के लिए 1913 में मुसलमान वक्फ वैलिडेशन एक्ट बना, उसके बाद एक नया शहर बसाया गया जिसे लुटियंस जोन का नाम दिया गया। फिर 1943 और 45 के बीच एक और समझौता हुआ, उसके तहत सुन्नी मजलिस को सौंपी गई ताकि उसकी देखरेख की जा सके। गृहमंत्री 2 दिन से दिन 123 संपत्तियों की बात कर रहे हैं वह इसी मजलिस के तहत आती है।
'दिल्ली की वो 123 संपत्तियां जो कांग्रेस ने वक्फ को दे दीं'
Advertisement
कांग्रेस सांसद ने कहा कि भारत आजाद हुआ और 1954 में वक्फ एक्ट लागू हुआ, इसकी धारा 9 के तहत 1964 में केंद्रीय वक्फ काउंसिल का गठन हुआ, दिल्ली की वही 123 प्रॉपर्टीज को 1970 में सर्वे गैजेट करके गजट नोटिफाई किया गया, इसके निपटारे के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के द्वारा 1974 में एक बरनी कमेटी बनाई गई, बरनी कमेटी ने 1976 में 123 संपत्तियों को दिल्ली वक्फ बोर्ड की संपत्ति होने की रिपोर्ट सौंपी, उसी रिपोर्ट के आधार पर 1984 में कांग्रेस सरकार ने 123 प्रॉपर्टीज को दिल्ली वक्फ को सौंपने का फैसला किया। इसके खिलाफ विश्व हिंदू परिषद कोर्ट गई मामला 2011 तक पेंडिंग रहा फिर 2011 में कोर्ट ने सरकार को आदेशित किया केस का निपटारा करो, तब 2013 मैं तत्कालीन यूपीए सरकार ने दिल्ली की 123 संपत्तियों को बरनी कमेटी की सिफारिश के मुताबिक वक्फ बोर्ड के हवाले कर दिया यही वह संपत्तियां हैं जिनके नाम से गृहमंत्री जी कल से कांग्रेस को कोस रहे हैं।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 3 April 2025 at 21:32 IST