अपडेटेड 3 April 2025 at 11:04 IST

शॉवर बाथ, मड बाथ, स्विमिंग पूल और स्‍पेशल डिश...तमिलनाडु में तपती गर्मी के चलते हाथियों की खास देखभाल

तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में हाथी पुनर्वास और बचाव केंद्र (ERRC) मरमा रेड्डी पलायम (MR पलायम) में गर्मी से बचाने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं।

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तपती गर्मी में हाथियों की खास देखभाल | Image: Shutterstock

तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में हाथी पुनर्वास और बचाव केंद्र (ERRC) मरमा रेड्डी पलायम (MR पलायम) में गर्मी से बचाने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। वन अधिकारियों ने हाथियों को शॉवर बाथ, मड बाथ और स्विमिंग पूल की सुविधा दी है, ताकि उन्हें ठंडक मिले। साथ ही, आश्रयों में ओवरहेड फॉगर लगाए गए हैं और तरबूज जैसे हाईड्रेटिंग फलों की विशेष व्यवस्था की गई है।

गर्मी का प्रकोप सिर्फ इंसानों पर ही नहीं, बल्कि पशुओं पर भी पड़ता है। लू चलने और तापमान बढ़ने से दुधारू पशुओं की पाचन क्रिया प्रभावित होती है, जिससे दूध उत्पादन में गिरावट आ सकती है। भारत में गाय, भैंस, भेड़ और बकरी जैसे दुधारू पशु बड़ी संख्या में पाले जाते हैं। ऐसे में गर्मी के मौसम में उनकी खास देखभाल जरूरी हो जाती है।

पशुओं को ठंडा रखने के उपाय

पशुओं के शरीर का तापमान नियंत्रित रखने के लिए उन्हें दिन में दो से तीन बार नहलाना चाहिए। अगर यह संभव न हो, तो उनके शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करें। इससे उनकी प्रजनन क्षमता और दूध उत्पादन क्षमता में सुधार होता है। पशुओं के रहने की जगह साफ-सुथरी और हवादार होनी चाहिए। अगर उनका बाड़ा ऊपर से खुला है, तो घास-फूस की छप्पर डालकर छाया की व्यवस्था करें। खिड़की और दरवाजों पर गीली बोरी या टाट टांगने से भी तापमान नियंत्रित किया जा सकता है। जहां संभव हो, वहां पंखे या कूलर लगाना फायदेमंद रहेगा।

आहार में बदलाव आवश्यक

गर्मी के मौसम में हरे चारे की मात्रा बढ़ानी चाहिए, क्योंकि सूखा चारा पचाने में ज्यादा ऊर्जा खर्च होती है। पशुओं को दिन में तीन से चार बार पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाएं। चरी जैसी घास काटकर खिलाना बेहतर रहेगा।

खाने का समय निर्धारित करें

पशुओं को सूर्योदय से पहले और रात में भोजन दें, ताकि वे आराम से भोजन पचा सकें। अत्यधिक गर्मी के कारण भैंसें दिन में कम और शाम को ज्यादा चरती हैं। इसलिए उनके आहार का समय समायोजित करना जरूरी है। गर्मी से बचाव के इन उपायों को अपनाकर किसान अपने पशुओं को स्वस्थ रख सकते हैं और दूध उत्पादन में गिरावट को रोक सकते हैं।

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 3 April 2025 at 11:04 IST