अपडेटेड 12 April 2025 at 11:54 IST
सेना की वर्दी का शौक, बाप प्रिंसिपल, पत्नी डॉक्टर और भारत से नफरत...NIA के सामने टूटा तहव्वुर राणा, किए चौंकाने वाले खुलासे
मुंबई में 166 बेगुनाहों के खून से हाथ रंगने वाला आतंकवादी तहव्वुर राणा अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद भारत आ चुका है। एनआईए की स्पेशल टीम उससे पूछताछ कर रही है।
मुंबई में 166 बेगुनाहों के खून से हाथ रंगने वाला आतंकवादी तहव्वुर राणा अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद भारत आ चुका है। एनआईए की स्पेशल टीम उससे लगातार पूछताछ कर रही है। शुरुआती पूछताछ में राणा ने कई बड़े खुलासे किए हैं। उसने कबूल किया कि उसका जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चिंचबुतुनी में हुआ। अपनी वर्दी और भारत विरोधी भावनाओं का जुनून है, इसलिए वह साजिद मीर, मेजर इकबाल और अन्य से मिलने के लिए पाकिस्तानी सेना की वर्दी या छद्म पोशाक पहनता है। वह सेना छोड़ने के बाद पाकिस्तानी सेना-आईएसआई के साथ लश्कर के कैंप और हुजी इलाके में गया था।
तहव्वुर राणा के पिता एक स्कूल के प्रिंसिपल थे और दो भाईयों में एक आर्मी में मनोचिकित्सक और दूसरा पत्रकार है। राणा ने कैडेट कॉलेज हसन अब्दाल से पढ़ाई की थी। जहां उसकी मुलाकात डेविड हेडली से हुई। पाकिस्तानी सेना के जनरल अयूब खान ने यह स्कूल बनाया था। 1997 में वो अपनी डॉक्टर पत्नी के साथ कनाडा शिफ्ट हुआ और वहां इमिग्रेशन सर्विस और हलाल मीट का बिजनेस शुरू किया।
फौजी वर्दी का शौक, ISI से करीबी...
राणा को पाकिस्तानी फौज की वर्दी का इतना शौक था कि सेना छोड़ने के बाद भी वो अक्सर वर्दी या फौजी कपड़े पहनकर सज्जिद मीर और मेजर इकबाल जैसे लोगों से मिलने जाता था। पूछताछ में यह भी सामने आया है कि उसने लश्कर-ए-तैयबा और हरकत-उल-जिहाद-इस्लामी के कैंपों का दौरा भी किया था। वो भी पाक आर्मी और ISI के लोगों के साथ वर्दी पहनकर। राणा की भारत विरोधी मानसिकता और आतंकी संगठनों से नजदीकी उसे एक खतरनाक साजिशकर्ता के रूप में सामने लेकर आई।
'रहस्यमयी गवाह' खोलेगा तहव्वुर राणा के काले कारनामे
अब एनआईए एक 'रहस्यमयी गवाह' (Protected Evidence) से तहव्वुर राणा का आमना सामना कराने वाली है। इस गवाह ने 2006 में मुंबई में डेविड कोलमैन हेडली का स्वागत किया था और उसके लिए लॉजिस्टिक्स व ठहरने की व्यवस्था की थी। आपको बता दें कि विशेष अदालत द्वारा शुक्रवार तड़के 2 बजे राणा को 18 दिनों की NIA हिरासत में भेजे जाने के कुछ घंटों बाद उसे दिल्ली के लोधी रोड स्थित NIA मुख्यालय लाया गया। सुबह तक उसे आराम करने दिया गया और फिर पूछताछ शुरू हुई। यह पहला मौका है जब भारतीय जांच एजेंसियां राणा से प्रत्यक्ष पूछताछ कर रही हैं। जून 2010 में NIA की एक टीम ने अमेरिका में हेडली से पूछताछ की थी।
जांच से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि राणा के बचपन के दोस्त और 26/11 साजिश के प्रमुख पात्र हेडली से जुड़े इस “प्रोटेक्टेड गवाह” की भूमिका बेहद अहम है। यह गवाह राणा के बेहद करीब था और अदालत में भी इसकी पहचान गोपनीय रखी गई है ताकि पाकिस्तान की सरकारी एजेंसियों और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे आतंकी संगठनों से उसकी सुरक्षा बनी रहे।
NIA के अनुसार, जब 2006 के आसपास हमले की साजिश बन रही थी, तब हेडली पाकिस्तान जाकर LeT नेताओं से मिला और मुंबई के प्रमुख स्थलों विशेष रूप से ताजमहल होटल की वीडियोग्राफी के निर्देश लेकर भारत लौटा। सितंबर 2006 में भारत यात्रा के दौरान, उसे राणा के एक करीबी व्यक्ति ने रिसीव किया था। यही व्यक्ति अब “प्रोटेक्टेड गवाह” है। इस व्यक्ति ने राणा से कॉल मिलने के बाद हेडली के ठहरने और अन्य व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी ली थी।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 12 April 2025 at 11:54 IST