अपडेटेड 31 December 2025 at 13:22 IST
नए साल की शुरुआत से पहले Swiggy, Zomato डिलीवरी वर्कर्स के लिए खुशखबरी, हड़ताल से डरी कंपनी; बढ़ाया इंसेंटिव
नए साल पर लोगों की भारी डिमांड और डिलीवरी वर्कर्स की जारी हड़ताल के बीच स्विगी और जोमैटो ने इंसेंटिव बढ़ाने की घोषणा की है। कंपनियों ने यह भी दावा है कि पीक आवर्स और साल के आखिरी दिनों में अतिरिक्त कमाई का ऑफर दिया जाएगा।
नए साल के स्वागत की तैयारियों के बीच Swiggy, Zomato डिलीवरी वर्कर्स के लिए खुशखबरी आई है। फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी और जोमैटो ने डिलीवरी कर्मचारियों के लिए इंसेंटिव बढ़ाने की घोषणा की है। यह ऐलान तब हुआ है जब 25 दिसंबर से डिलीवरी वर्कर्स हड़ताल पर चले गए थे। हड़ताल शुरू होते ही कंपनी लाइन पर आ गई और डिलीवरी वर्कर्स की इंसेंटिव बढ़ाने का ऐलान कर दिया।
नए साल पर लोगों की भारी डिमांड और डिलीवरी वर्कर्स की जारी हड़ताल के बीच स्विगी और जोमैटो ने इंसेंटिव बढ़ाने की घोषणा की है। डिलीवरी वर्कर्स 25 तारीख से लगातार स्ट्राइक पर चल रहें है। कंपनियों का यह भी दावा है कि पीक आवर्स और साल के आखिरी दिनों में अतिरिक्त कमाई का ऑफर दिया जा रहा है, ताकि ऑपरेशंस सुचारू रहें।
स्विगी और जोमैटो ने इंसेंटिव बढ़ाने का किया ऐलान
स्विगी ने 31 दिसंबर और 1 जनवरी को मिलाकर 10,000 रुपये तक की कमाई का वादा किया है, जबकि जोमैटो ने एक दिन में 3,000 रुपये तक की गारंटी दी है। हालांकि, डिलीवरी कर्मचारियों का कहना है कि ये इंसेंटिव अभी तक जमीनी स्तर पर लागू नहीं हुए हैं। रिपब्लिक भारत से बातचीत में एक डिलीवरी बॉय ने बताया कि अभी कोई इंसेंटिव नहीं बढ़ाया गया है कुछ वर्क्स हड़ताल पर हैं कुछ मजबूरी में काम कर रहें हैं।
प्रमोशन के बदले कंपनी डिमोशन दे रही है- डिलीवरी एजेंट
वहीं, हड़ताल को लेकर एक फूड डिलीवरी एजेंट ने कहा, "अभी डिलीवरी बंद हैं। हड़ताल चल रही है इसलिए हम बिल्कुल काम नहीं कर रहे हैं। हम शुक्रगुजार हैं कि कंपनी ने शुरुआत में हमें बहुत कुछ दिया। लेकिन अब, वे सब कुछ वापस ले रहे हैं जो उन्होंने दिया था। दूसरी कंपनियां प्रमोशन देती हैं, लेकिन यहां हमें सिर्फ डिमोशन मिल रहा है। हमें घर चलाने के लिए 15-16 घंटे काम करना पड़ता है।"
इन मांगों को लेकर हड़ताल पर डिलीवरी वर्कर्स
बता दें कि कंपनी ने यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब गिग वर्कर्स की यूनियंस ने वेतन में कमी, खराब कामकाजी हालात, सोशल सिक्योरिटी की कमी और 10-मिनट डिलीवरी मॉडल के विरोध में 25 दिसंबर से हड़ताल शुरू की है। यूनियंस ने 31 दिसंबर को भी राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है, जिससे नए साल की पूर्व संध्या पर फूड ऑर्डर में देरी या कैंसिलेशन की संभावना बढ़ गई।
इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स (IFAT) और तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन ने हड़ताल बुलाई है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली-NCR, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों की क्षेत्रीय यूनियनें भी इसका समर्थन कर रही हैं। यूनियनों के अनुसार, इस हड़ताल के दौरान एक लाख से ज्यादा डिलीवरी वर्कर्स ऐप से लॉग आउट रहेंगे या फिर वो बहुत सीमित काम करेंगे।
Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 31 December 2025 at 13:22 IST