अपडेटेड 10 December 2025 at 07:47 IST
'मैं बंगाल का ओवैसी, छीन लूंगा ममता के सारे मुस्लिम वोटर्स...',बाबरी मस्जिद की नींव रखने वाले हुमायूं कबीर का दावा, बोले- बनूंगा किंग मेकर
कबीर ने शुरुआत में संकेत दिया था कि वो मस्जिद की नींव रखने के बाद तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दे देंगे, लेकिन कुछ दिन बाद उन्होंने इस फैसले से मुकरते हुए सार्वजनिक तौर पर नए दावे करने शुरू कर दिए।
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के रेजिनगर में बाबरी जैसी मस्जिद की नींव रखने के बाद से राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। मस्जिद की नींव रखने का काम तृणमूल कांग्रेस से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने किया। इस आयोजन के बाद से हुमायूं ने राजनीतिक बयानबाजी तेज कर दी है। कबीर ने शुरुआत में संकेत दिया था कि वो मस्जिद की नींव रखने के बाद तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दे देंगे, लेकिन कुछ दिन बाद उन्होंने इस फैसले से मुकरते हुए सार्वजनिक तौर पर नए दावे करने शुरू कर दिए।
उन्होंने खुद को बंगाल का ओवैसी बताते हुए कहा कि वो ममता बनर्जी के मुस्लिम वोट बैंक पर कब्जा करेंगे। इसी बीच उन्होंने दावा किया कि वे ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बंगाल में सहयोगी बनेंगे। हुमायूं कबीर ने बताया कि उन्होंने ओवैसी से बातचीत की है, जिसमें ओवैसी ने उन्हें बंगाल में सहयोग का भरोसा दिया है।
‘बनाऊंगा नई पार्टी, छीन लूंगा TMC के मुस्लिम वोटर्स’
कबीर ने ऐलान किया कि आगामी 10 दिसंबर को वो कोलकाता जाकर अपनी नई पार्टी की समिति बनाएंगे और 20 दिसंबर के आसपास बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ अपनी पार्टी का ऐलान करेंगे। उनका लक्ष्य तृणमूल कांग्रेस से मुस्लिम वोट बैंक छीनना है, जो पश्चिम बंगाल में लगभग 27 प्रतिशत है। पिछले कई चुनावों में यह वोट बैंक तृणमूल के पक्ष में रहा है, लेकिन कबीर इसे चुनौती देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वे 135 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे और बंगाल के राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव लाएंगे।
मुर्शिदाबाद की मस्जिद की नींव रखकर हुमायूं कबीर ने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को मजबूती दी है। वे विभिन्न जगहों से बड़े पैमाने पर दान भी प्राप्त कर रहे हैं, जिससे उनकी पार्टी निर्माण प्रक्रिया तेज हो रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्हें अब तक लगभग तीन करोड़ रुपये की मदद मिली है।
AIMIM की तरफ से नहीं आई कोई प्रतिक्रिया
हालांकि, AIMIM और असदुद्दीन ओवैसी ने हुमायूं कबीर के इस दावे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। ओवैसी ने मीडिया से कहा कि बंगाल में चुनाव लड़ने को लेकर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है और वह विचार-विमर्श कर रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनावों में AIMIM ने बंगाल में सात सीटों पर चुनाव लड़ा था, पर कोई जीत नहीं मिली थी। इसके विपरीत, बिहार में AIMIM ने पिछले चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया है, जहां उन्होंने सभी पांच अपनी सीटें बरकरार रखीं और एक सीट पर दूसरे स्थान पर रहे।
गौरतलब है कि अगर हुमायूं कबीर और AIMIM का गठबंधन बनता है, तो यह पश्चिम बंगाल के राजनीतिक समीकरणों को बदल सकता है। यह गठबंधन मुस्लिम वोटों को नए सिरे से मोड़ सकता है, जबकि हिंदू वोट भी बंटने की संभावना है, जिससे ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को नुकसान पहुंच सकता है।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 10 December 2025 at 07:47 IST