अपडेटेड 16 July 2024 at 19:57 IST
Chandipura Virus: गुजरात में फैल रहा संदिग्ध चांदीपुरा वायरस नई मुसीबत तो नहीं? 6 बच्चों की मौत
Chandipura Virus: चांदीपुरा वायरस एक RNA वायरस है जिसमें मरीज को बुखार आता है, जिसके साथ फ्लू और तीव्र एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) जैसे लक्षण होते हैं।
Gujarat Chandipura Virus: पूरी दुनिया में कहर मचाने वाला कोरोना वायरस अभी तक खत्म नहीं हुआ की अब गुजरात में नए वायरस ने दस्तक दी है। इस नए संदिग्ध वायरस को चांदीपुरा कहा जा रहा है। उत्तरी गुजरात के दो जिलों में चांदीपुरा वायरस से अब तक 6 बच्चों की मौत हो चुकी है और संदिग्ध मामलों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। गुजरात के साबरकांठा और अरवल्ली जिले में इसके मरीज मिल रहे हैं।
संदिग्ध वायरस से जान गंवाने वाले बच्चों के सैंपल की जांच के नतीजे अभी नहीं आए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि मौत का असली कारण चांदीपुरा वायरस है या नहीं। सभी बच्चों के खून के सैंपल जांच के लिए पुणे की राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV) भेजे गए हैं। गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बताया कि राज्य में पांच दिन में संदिग्ध चांदीपुरा वायरस से 6 बच्चों की मौत हो गई है, जिससे संदिग्ध मामलों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है।
हिम्मतनगर में 5 मौत
स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा, 'इन 12 मरीजों में से 4 साबरकांठा जिले से, 3 अरावली से, एक-एक महिसागर और खेड़ा से हैं। दो मरीज राजस्थान और एक मध्य प्रदेश से है। इनका उपचार गुजरात में हुआ। राज्य में संदिग्ध चांदीपुरा वायरस के कारण 6 लोगों की मौत होने की बात सामने आयी है। 6 में से 5 मौत साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर के सिविल अस्पताल में हुईं।
18,646 लोगों की हुई जांच
हिम्मतनगर के सिविल अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञों ने 10 जुलाई को 4 बच्चों की मौत का कारण चांदीपुरा वायरस होने का संदेह जताया था और पुष्टि के लिए उनके नमूने NIV भेजे थे, बाद में अस्पताल में चार और बच्चों में इसी तरह के लक्षण दिखे। पटेल ने कहा, 'चांदीपुरा वायरस संक्रामक नहीं है। हालांकि, प्रभावित क्षेत्रों में गहन निगरानी की गई है। हमने 4,487 घरों में 18,646 लोगों की जांच की है। स्वास्थ्य विभाग बीमारी को फैलने से रोकने के लिए चौबीस घंटे काम कर रहा है।"
क्या है चांदीपुरा वायरस?
चांदीपुरा वायरस एक RNA वायरस है जिसमें मरीज को बुखार आता है, जिसके साथ फ्लू और तीव्र एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) जैसे लक्षण होते हैं। यह मच्छरों और रेत मक्खियों से फैलता है। साल 1966 में इस तरह का पहला मामला महाराष्ट्र से सामने आया था। नागपुर के चांदीपुर में इस वायरस की पहचान हुई थी। इसी के कारण इस वायरस का नाम चांदीपुरा वायरस है।
(भाषा इनपुट के साथ रिपब्लिक भारत डेस्क)
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 16 July 2024 at 19:42 IST