अपडेटेड 16 April 2025 at 09:00 IST
Waqf Law: वक्फ कानून को लेकर 73 याचिकाएं दायर, पक्ष-विपक्ष तैयार; आज 10 अर्जियों पर होगी 'सुप्रीम' सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज दोपहर 2 बजे के लिए शेड्यूल है। वक्फ कानून के खिलाफ कई विपक्षी पार्टियों के साथ धार्मिक संगठनों ने भी SC में याचिका दाखिल की है।
Waqf Law: संसद से लेकर सड़क तक वक्फ कानून को लेकर मचे संग्राम के बीच अब कानूनी लड़ाई की बारी है। आज यानी 16 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून को लेकर अहम सुनवाई शुरू हो रही है। कोर्ट में इस कानून को लेकर अबतक 73 याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। इसमें में आज 10 याचिकाओं को आज सुनवाई के लिए लिस्ट किया गया है।
लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में वक्फ संशोधन विधेयक के पास होने और राष्ट्रपति द्रौपर्दी मुर्मू की मंजूरी मिलने के बाद 8 अप्रैल को वक्फ कानून पूरे देश में लागू हो गया। संसद में इसको लेकर लंबी बहस चली। कानून के लागू होने के बाद भी इसको लेकर बवाल थम नहीं रहा।
दोपहर 2 बजे शुरू होगी सुनवाई
वक्फ कानून के विरोध में तमाम विपक्षी पार्टियां एक साथ हैं। इसके अलावा इसको लेकर जगह-जगह पर विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं। इस बीच आज इसको लेकर सुप्रीम सुनवाई होने जा रही है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज दोपहर 2 बजे के लिए शेड्यूल है। वक्फ कानून के खिलाफ कई विपक्षी पार्टियों के साथ धार्मिक संगठनों ने भी SC में याचिका दाखिल की है।
किस-किसने दायर की याचिकाएं?
जानकारी के अनुसार चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ जिन 10 याचिकाओं की सुनवाई करेगी, उन्हें AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी, AAP विधायक अमानतुल्लाह खान, RJD सांसद मनोज कुमार झा, एसोसिएशन फॉर प्रेटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी, ऑल केरल जमीयतुल उलेमा, अंजुम कादरी, तैय्यब खान सलमानी, मोहम्मद शफी और मोहम्मद फजलुर्रहीम की ओर से दायर याचिका शामिल है।
वक्फ कानून के खिलाफ दायर कुछ याचिकाओं में इसे असंवैधानिक बताया गया और रद्द करने की मांग की गई। वहीं, कुछ याचिकाओं में इसे मनमना और मुसलमानों के खिलाफ भेदभावपूर्ण बताते हुए इसके क्रियान्वयन पर रोक लगाने की मांग की गई है।
इसके अलावा कानून के समर्थन में कुछ राज्यों की सरकारों ने याचिका दाखिल की। इसमें हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और असम समेत 7 राज्यों शामिल हैं, जिन्होंने याचिका में तर्क दिया कि वक्फ बोर्ड संशोधन अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता बरकरार रखी जानी चाहिए।
उम्मीद है, सुप्रीम कोर्ट दखल नहीं देगा- किरेन रिजिजू
वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली अहम सुनवाई से पहले केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का इस पर बड़ा बयान आया। मंगलवार को दिए गए एक बायन में उन्होंने भरोसा जताया कि विधायी मामले में सुप्रीम कोर्ट दखल नहीं देगा। उन्होंने कहा कि विधायिका और न्यायपालिका को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए। शक्तियों के बंटवारा कैसे होगा ये अच्छी तरह से परिभाषित है।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 16 April 2025 at 09:00 IST