अपडेटेड 3 February 2025 at 13:16 IST
महाकुंभ की भगदड़ में हुई मौतों के मामले में सुनवाई से SC का इनकार, याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने को कहा- सरकार ने भी दिया जवाब
सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर करके प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ पर स्टेटस रिपोर्ट और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई थी।
Mahakumbh Stampede: सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज महाकुंभ में पिछले दिनों भगदड़ के दौरान हुईं मौतों के मामले को लेकर सुनवाई से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में इस घटना को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई थी। अदालत ने इस अर्जी को खारिज कर दिया है और याचिकाकर्ता से इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने को कहा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने महाकुंभ की घटना पर दुख जताया है।
सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर करके प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ पर स्टेटस रिपोर्ट और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई थी। याचिका में सभी राज्यों की ओर से कुंभ मेला क्षेत्र में सुविधा सेंटर खोलने की भी मांग की गई, जिससे गैर हिन्दी भाषी लोगों को सुविधा मिले। याचिका मे मांग की गई थी कि ऐसे आयोजनों में वीआईपी मूवमेंट सीमित किए जाएं, ज्यादा से ज्यादा स्पेस आम आदमी के लिए रखा जाए। याचिका में बड़े धार्मिक आयोजनों में भगदड से बचने और लोगों को सही जानकारी दिए जाने के लिए देश की प्रमुख भाषाओं में डिस्पले बोर्ड लगाने, मोबाइल, व्हाट्सएप पर राज्यों द्वारा अपने तीर्थयात्रियों को जानकारी दिए जाने की मांग की गई थी।
महाकुंभ में घटी घटना दुर्भाग्यपूर्ण है- CJI
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस ने कहा कि महाकुंभ में घटी घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। ये वाकई चिंता का विषय है, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट में पहले से ही इस मसले को लेकर याचिका पेंडिंग है। इसलिए याचिकाकर्ता वहीं जाकर अपनी बात रख सकते हैं। हालांकि इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया है।
29 जनवरी को हुई थी महाकुंभ में भगदड़
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर 29 जनवरी को तड़के भगदड़ मची थी। मौनी अमावस्या पर महाकुंभ का दूसरा पवित्र अमृत स्नान था। उस समय करोड़ों श्रद्धालु महाकुंभ में मौजूद थे। हालांकि बताया जाता है कि भगदड़ की घटना गंगा और यमुना नदियों के संगम पर पहुंचने को लेकर शुरू हुई थी। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भगदड़ की घटना में लगभग 30 लोगों की मौत हो गई थी और 60 लोग घायल हो गए थे। अब तक 25 शवों की पहचान हो चुकी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिवारों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि एक न्यायिक समिति समय सीमा के भीतर राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 3 February 2025 at 13:16 IST