अपडेटेड 7 August 2024 at 18:40 IST
मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले पर 9 अगस्त को SC में सुनवाई, HC के फैसले को मुस्लिम पक्ष ने दी चुनौती
मथुरा कृष्ण जन्मभूमि मामले पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार 9 अगस्त को करेगा सुनवाई। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच करेगी सुनवाई।
Mathura Krishna Janmabhoomi case: मथुरा कृष्ण जन्मभूमि मामले पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार 9 अगस्त को करेगा सुनवाई। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच करेगी सुनवाई।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के निचली अदालत में लंबित कुल 18 मुकदमों को सुनवाई के लिए अपने पास ट्रांसफर किए जाने के फैसले को मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। 1 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इन याचिकाओं को सुनवाई योग्य (मेंटेनेबल) माना था।
हाईकोर्ट के फैसले के बाद SC में पहली सुनवाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद पहली बार सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर सुनवाई करेगा। पिछली सुनवाई में याचिकाओं को निचली अदालत से हाईकोर्ट ट्रांसफर किए जाने पर रोक लगाने की मुस्लिम पक्ष की मांग सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया था।
एडवोकेट सर्वे कमीशन के मामले पर भी होगी सुनवाई
जन्मभूमि परिसर की एडवोकेट सर्वे कमीशन के मामले में भी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। हाईकोर्ट की ओर से एडवोकेट सर्वे कमीशन के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा रखी है। हिन्दू पक्ष इस रोक को हटाने की मांग कर रहा है।
क्या है पूरा विवाद?
मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह को लेकर कुल 13.37 एकड़ जमीन का विवाद है। इस विवाद में मालिकाना हक को लेकर दोनों पक्षों ने दावा किया था। पूरे परिसर में 11 एकड़ की जमीन में भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर है और 2.37 एकड़ जमीन का हिस्सा शाही ईदगाह मस्जिद के पास है। इसी जमीन को लेकर हिंदू पक्ष इस बात का दावा करता है कि यहां पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि इसलिए ये हिन्दू पक्ष में होनी चाहिए।
350 साल पुराना है विवाद
अगर इतिहास में जाकर देखें तो अब से लगभग 350 साल पहले इस विवाद को हवा मिली थी जब दिल्ली की सत्ता पर मुगल बादशाह औरंगजेब बैठा था। साल 1670 में मुगल शासक औरंगजेब ने मथुरा में बने भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थल पर बने मंदिर को तोड़ने का आदेश दिया। इस जगह को तोड़कर ही शाही ईदगाह मस्जिद बनाई गई थी। इटली के एक यात्री निकोलस मनूची ने अपने एक लेख में इस बात का जिक्र किया था। उसने लिखा था कि रमजान महीने में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान को मुगल बादशाह के आदेश पर नष्ट किया गया था। ईदगाह बनने के बाद ये जमीन मुसलमानों के कब्जे में चली गई और लगभग 100 साल तक यहां हिंदुओं का प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 7 August 2024 at 18:40 IST