अपडेटेड 18 August 2025 at 21:20 IST
अंतरिक्ष की सैर करने वाले शुभांशु शुक्ला ने प्रधानमंत्री से की मुलाकात, PM मोदी बोले- भारत को उनके कारनामे पर गर्व है
Shubhanshu Shukla: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( इसरो ) की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, गगनयान इसका एक मिशन है। इसका उद्देश्य तीन दिनों के लिए 400 किलोमीटर की कक्षा में मानव मिशन भेजकर और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाकर मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करना है। इस मिशन का हिस्सा शुभांशु शुक्ला भी हैं।
Shubhanshu Shukla: भारत के अंतरिक्ष यात्री और वायुसेना के पायलट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने आज दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है। इस मुलाकात की तस्वीरों को पीएम मोदी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर शेयर करके लिखा है, शुभांशु शुक्ला के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई। हमने अंतरिक्ष में उनके अनुभवों, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति और भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन सहित कई विषयों पर चर्चा की।"
मालूम हो कि अंतरिक्ष यात्री और भारतीय वायुसेना के पायलट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला नासा के Axiom4 Mission के तहत बीते दिनों International Space Station (ISS) गए थे। शुभांशु ISS जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं। वे 25 जून को अपने साथियों के साथ अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरे थे और वहां 18 दिनों तक रहकर, विभिन्न रिसर्च को करके वापस धरती पर 15 जुलाई को लौटे थे। अंतरिक्ष से धरती पर सकुशल आने पर शुभांशु शुक्ला और उनके अन्य साथियों का भव्य स्वागत किया गया था। अब वे अपने देश भारत आ गए हैं और पीएम मोदी से दिल्ली में मुलाकात की है।
PM Modi: भारत को शुभांशु की इस उपलब्धि पर गर्व है - पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने शुभांशु के साथ मुलाकात और बातचीत को अच्छा बताया है। पीएम मोदी ने एक एक्स पोस्ट करके लिखा, "शुभांशु शुक्ला के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई। हमने अंतरिक्ष में उनके अनुभवों, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति और भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन सहित कई विषयों पर चर्चा की।" उन्होंने आगे लिखा, " भारत को उनकी इस उपलब्धि पर गर्व है।"
क्या है इसरो का गगनयान मिशन?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( इसरो ) की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, गगनयान इसका एक मिशन है। इसका उद्देश्य तीन दिनों के लिए 400 किलोमीटर की कक्षा में मानव मिशन भेजकर और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाकर मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करना है। इस मिशन का हिस्सा शुभांशु शुक्ला भी हैं।
यह परियोजना आंतरिक विशेषज्ञता, भारतीय उद्योग के अनुभव, भारतीय शिक्षा जगत और अनुसंधान संस्थानों की बौद्धिक क्षमताओं के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के पास उपलब्ध अत्याधुनिक तकनीकों को ध्यान में रखते हुए एक इष्टतम रणनीति के माध्यम से पूरी की जा रही है। गगनयान मिशन की पूर्व-आवश्यकताओं में कई महत्वपूर्ण तकनीकों का विकास शामिल है, जिनमें चालक दल को सुरक्षित रूप से अंतरिक्ष में ले जाने के लिए मानव-चालित प्रक्षेपण यान, अंतरिक्ष में चालक दल को पृथ्वी जैसा वातावरण प्रदान करने के लिए जीवन रक्षक प्रणाली, चालक दल के आपातकालीन निकासी प्रावधान और चालक दल के प्रशिक्षण, पुनर्प्राप्ति और पुनर्वास के लिए चालक दल प्रबंधन पहलुओं का विकास शामिल है।
कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) के पूर्व छात्र हैं और उन्हें 17 जून 2006 को भारतीय वायु सेना (IAF) की लड़ाकू स्ट्रीम में नियुक्त किया गया था। वह एक फाइटर कॉम्बैट लीडर और एक परीक्षण पायलट हैं जिनके पास 2,000 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने Sukhoi-30MKI, MiG-21, MiG-29, Jaguar, Hawk, Dornier, और An-32, समेत कई तरह के विमान उड़ाए हैं।
लखनऊ के भारतीय वायुसेना के पायलट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला राकेश शर्मा के ऐतिहासिक 1984 मिशन के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं। मिग-29 और सुखोई-30 एमकेआई जैसे जेट विमानों पर 2,000 से अधिक उड़ान घंटों के अनुभव के साथ, शुक्ला Axiom4 Mission में पायलट के रूप में काम संभाल रहे थे।
Published By : Amit Dubey
पब्लिश्ड 18 August 2025 at 21:18 IST