अपडेटेड 17 March 2025 at 14:14 IST
राम मंदिर ने मोदी और योगी सरकार का खूब भरा खजाना, 5 सालों में 400 करोड़ रुपये मिले, जानिए कैसे हुई इतनी कमाई
अयोध्या में राम मंदिर का लगभग 96 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक, जून 2025 तक मंदिर का काम पूरा हो जाएगा।
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार का खूब खजाना भरा है। पिछले 5 साल में सरकार 400 करोड़ रुपये की कमाई हुई, जो कई तरह टैक्स और बिजली बिल के जरिए आई। 5 अगस्त 2020 में राम मंदिर की नींव रखी गई थी और पिछले साल अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई।
अयोध्या में राम मंदिर का लगभग 96 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक, जून 2025 तक मंदिर का काम पूरा हो जाएगा। सप्तर्षि मंदिरों में भी ज्यादातर काम हो चुका है और बचा हुआ काम मई तक पूरा होने की संभावना है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट 5 फरवरी 2020 को ट्रस्ट के गठन के बाद से पिछले 5 साल में अयोध्या में राम मंदिर के चल रहे काम में 2150 करोड़ रुपये खर्च कर चुका है।
जानिए कैसे हुई सरकार की खूब कमाई?
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से जानकारी दी गई कि पिछले 5 साल में सरकार को 396 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है। जीएसटी, टीडीएस, रायल्टी, नक्शा बनवाई, भूमि क्रय की स्टाम्प ड्यूटी, बिजली बिल समेत अन्य तरह के भुगतान सरकार को किए गए, जिसपर कुल 396 करोड़ रुपये खर्च हुआ। इसमें सबसे ज्यादा 270 करोड़ रुपये जीएसटी के रूप में दिए गए।
राम मंदिर पर कहां खर्च हुआ 2150 करोड़ रुपया?
- जीएसटी के रूप में 272 करोड़ रुपये
- अयोध्या विकास प्राधिकरण को जन्मभूमि के नक्शे के लिए 5 करोड़ रुपये का भुगतान
- जमीन रजिस्ट्रेशन फीस रिवेन्यू टैक्स के तौर पर 29 करोड़ रुपये
- 10 करोड़ रुपये का बिजली का बिल
- उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से 200 करोड़ रुपये का काम
- रॉयल्टी के रूप में 14.90 करोड़ रुपये का भुगतान
- निर्माण काम में लगे मजदूरों के लिए श्रम निधि के रूप में 7.40 करोड़ रुपये खर्च
- बीमा पॉलिसी में 4 करोड़ रुपये का भुगतान
- लार्सन टुब्रो को मंदिर निर्माण के लिए 1200 करोड़ रुपये भुगतान
राम मंदिर की भी खूब हुई चांदी
रविवार को अयोध्या के मणिरामदास छावनी में ट्रस्ट के न्यासी मंडल की बैठक हुई, जिसमें 15 सदस्यों में से 12 मौजूद रहे। बैठक न्यास के अध्यक्ष पूज्य महंत नृत्यगोपाल दास की अध्यक्षता में हुई, जिस में मंदिर से जुड़ी भविष्य की योजनाओं पर गहन विचार विमर्श हुआ। महासचिव चंपत राय ने जानकारी दी कि ट्रस्ट को पिछले 5 साल में श्रद्धालुओं से 944 किलो चांदी मिली है, जो करीब 92 फीसदी शुद्ध है।
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 17 March 2025 at 14:14 IST