अपडेटेड 16 October 2024 at 15:38 IST
जम्मू-कश्मीर में अब्दुल्ला सरकार बनते ही इंजीनियर राशिद का धमाका, 370 को लेकर कर दिया बड़ा खुलासा
इंजीनियर राशिद का दावा है कि जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को हटाने के मामले में फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ मिलीभगत की।
Engineer Rashid: अवामी इत्तेहाद पार्टी के अध्यक्ष और सांसद शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर राशिद ने उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इंजीनियर राशिद का दावा है कि जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को हटाने के मामले में फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ मिलीभगत की। राशिद ने दावा किया कि पीएम मोदी ने यह कदम उठाने से पहले अब्दुल्ला से सलाह ली थी।
शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर राशिद ने एएनआई से बात करते हुए कहा- 'उमर अब्दुल्ला राज्य के दर्जे, आर्टिकल 370 और 35A की बात करते हैं। उमर अब्दुल्ला 370 से भाग रहे हैं। जब पीएम मोदी ने अनुच्छेद 370 को हटाया, तो उससे 3 दिन पहले उन्होंने फारूक अब्दुल्ला से मुलाकात की थी। बैठक के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कुछ भी खत्म नहीं होने वाला था, लेकिन इसे खत्म कर दिया गया। फारूक और उमर अब्दुल्ला को गेस्ट हाउस में रखा गया। ऐसा लगता है जैसे फारूक और उमर अब्दुल्ला इसमें शामिल थे।'
ये सब मैच फिक्सिंग था- इंजीनियर राशिद
राशिद ने कहा, 'पीएम मोदी ने उनसे (फारूक-उमर) सलाह लेने के बाद अनुच्छेद 370 को हटाया। ये सब मैच फिक्सिंग था। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) को घाटी में फिर से सत्ता हासिल करने में मदद की।
लोकसभा चुनाव में राशिद ने उमर अब्दुल्ला को हराया
इंजीनियर राशिद जम्मू कश्मीर के बारामूला से निर्दलीय सांसद हैं। उन्होंने जेल के अंदर से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। राशिद ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में बारामूला सीट से नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को हराया। फिलहाल इंजीनियर राशिद अंतरिम जमानत पर बाहर हैं। अदालत की तरफ से लगातार उनकी अंतरिम जमानत को बढ़ा जा रहा है। 3 अक्टूबर को उन्हें सरेंडर करना था। तीसरी बार अंतरिम जमानत बढ़ाई जा चुकी है, जो अब 28 अक्टूबर तक है।
इंजीनियर रशीद पर क्या आरोप हैं?
अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को निरस्त कर दिया था। 2005 में इंजीनियर राशिद को श्रीनगर में विशेष अभियान समूह (एसओजी) द्वारा आतंकवादियों का समर्थन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उस समय 3 महीने और 17 दिनों तक हिरासत में रखा गया। उन पर राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के आरोप लगे और उन्हें कार्गो, हुमहामा और राज बाग जेलों में रखा गया। हालांकि, बाद में श्रीनगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मानवीय आधार पर उनके खिलाफ सभी आरोप हटा दिए। अगस्त 2019 में राशिद को फिर से गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था।
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 16 October 2024 at 15:38 IST