अपडेटेड 17 May 2025 at 23:23 IST
भीषण गर्मी, फिर प्रदूषण की मार और अब दो दिन में ताबड़तोड़ आंधी-तूफान और बारिश... दिल्ली-NCR का मौसम दे रहा झटके पे झटका
Weather: उत्तर भारत इस समय भीषण गर्मी और गंभीर प्रदूषण की दोहरी मार झेल रहा है। राजधानी दिल्ली समेत एनसीआर के इलाके जहां एक ओर चिलचिलाती धूप और लू की तपिश से परेशान हैं, वहीं प्रदूषण ने लोगों की सांस लेना भी मुश्किल कर दिया है। सुबह 8 बजे से ही तेज धूप और दोपहर तक गर्म हवाओं का सिलसिला जारी रहता है, जिससे आमजन का जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
Weather: उत्तर भारत इस समय भीषण गर्मी और गंभीर प्रदूषण की दोहरी मार झेल रहा है। राजधानी दिल्ली समेत एनसीआर के इलाके जहां एक ओर चिलचिलाती धूप और लू की तपिश से परेशान हैं, वहीं प्रदूषण ने लोगों की सांस लेना भी मुश्किल कर दिया है। सुबह 8 बजे से ही तेज धूप और दोपहर तक गर्म हवाओं का सिलसिला जारी रहता है, जिससे आमजन का जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
इसके साथ ही क्षेत्र में तेज आंधी-तूफान और अस्थायी बारिश ने भी हालातों को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। बारिश जहां कुछ समय के लिए राहत देती है, वहीं आंधी के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है, जिससे लोग गर्मी और बिजली कटौती की दोहरी परेशानी से जूझ रहे हैं।
दमघोंटू होती दिल्ली-एनसीआर की हवा
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता लगातार बिगड़ती जा रही है। वर्तमान में अधिकतर इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 201 से 300 के बीच है, जिसे ‘खराब’ श्रेणी में रखा जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्तर सांस लेने के लिए असुरक्षित है। बिगड़ती हवा की गुणवत्ता को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का पहला चरण लागू कर दिया है।
क्या है GRAP-1 और कब होता है लागू?
GRAP का उपयोग वायु प्रदूषण को चरणबद्ध ढंग से नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। जब AQI 201 से 300 के बीच पहुंचता है, तो GRAP-1 की पाबंदियां लागू कर दी जाती हैं। इसमें निर्माण कार्य, कूड़ा जलाना, और औद्योगिक गतिविधियों पर कुछ प्रतिबंध लगाए जाते हैं। जैसे-जैसे प्रदूषण का स्तर बढ़ता है, GRAP के अन्य चरण (2, 3 और 4) भी लागू किए जा सकते हैं।
AQI मापदंड:
- 0–50 : अच्छा
- 51–100 : संतोषजनक
- 101–200 : मध्यम
- 201–300 : खराब
- 301–400 : बहुत खराब
- 401–500 : गंभीर
दिल्ली में फिलहाल AQI 201-300 के बीच दर्ज किया जा रहा है, जिससे यह स्पष्ट है कि हालात चिंताजनक हैं और जल्द ही अधिक कड़े प्रतिबंध लागू हो सकते हैं यदि प्रदूषण और गर्मी का यह सिलसिला ऐसे ही जारी रहा।
उत्तर भारत में मौजूदा मौसम और पर्यावरण की स्थिति न केवल असहज बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी खतरनाक बनी हुई है। विशेषज्ञों ने नागरिकों से सतर्क रहने, बाहर कम निकलने और जरूरी एहतियात बरतने की अपील की है।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 17 May 2025 at 23:23 IST