अपडेटेड 15 February 2024 at 20:06 IST
ममता को एक और झटका, SC ने पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा को लेकर सरकार के खिलाफ जारी किया नोटिस
West Bengal News: SC ने पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 11 मार्च को होगी।
West Bengal News: पश्चिम बंगाल में 2021 में राज्य चुनाव के बाद हुई हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों में चल रही सुनवाईयों पर अंतरिम रोक लगा दिया है। SC ने पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
क्या है मामला?
सुप्रीम कोर्ट ने ये अंतरिम आदेश सीबीआई की उस याचिका पर दिया है जिसमें सीबीआई ने राज्य में चुनावों के बाद हुई हिंसा के मामलों की सुनवाई राज्य से बाहर ट्रांसफर करने की मांग की थी। अपनी याचिका मे सीबीआई ने आरोप लगाया है कि राज्य में गवाहों को धमकाया जा रहा है और राज्य की ऐजेंसियां मूकदर्शक बनी है।
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजय करोल की बेंच ने सीबीआई की इस याचिका पर पश्चिम बंगाल सरकार और दूसरे पक्षकारों से जवाब मांगा है। 11 मार्च को अगली सुनवाई होगी। दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल ने भी सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दाखिल कर कहा है कि सीबीआई राज्य सरकार की अनुमति के बिना जांच कर रही है और मुकदमा दर्ज कर रही है। राज्य सरकार की इस याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट सितंबर 2021 मे केंद्र सरकार से जवाब मांगा था।
दरअसल कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले को पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें कथित तौर पर चुनाव के बाद हिंसा के दौरान हुई हत्या और महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों की सीबीआई जांच का आदेश दिया गया था। कलकत्ता हाईकोर्ट ने यह आदेश राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सात सदस्यीय समिति की एक रिपोर्ट के आधार पर दिया था।
मई 2021 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद, हिंसा के कारण अपने घरों से भागने वाले कई लोगों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और दावा किया था कि उन्हें सत्तारूढ़ अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के डर से वो अपने घर नहीं लौट पा रहे हैं। हाईकोर्ट ने तीन सदस्यीय समिति के गठन का आदेश दिया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य में चुनाव के बाद की हिंसा से विस्थापित लोग अपने घर लौट सकें।
इसके बाद NHRC ने सात सदस्यीय समिति का गठन किया , जिसने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि हत्या और बलात्कार सहित गंभीर अपराधों को जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया जाना चाहिए और ऐसे मामलों की सुनवाई राज्य के बाहर की जानी चाहिए। हालांकि राज्य सरकार ने NHRC की जांच पर भी ऐतराज जताया था।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 15 February 2024 at 18:31 IST